जहां ईवन-ओड ट्रांसपोर्ट प्रणाली के दूसरे चरण में आम आदमी को करनी पड़ी सड़क और मेट्रो में जमकर मुशक्कत वहीं दिल्ली के मुख्य-मंत्री अरविंद केजरीवाल को मिली मुफत में जमकर पब्लीसिटी । अब वो बस स्टेंड हो या सडक किनारे लगी होर्डिंग या फिर किसी कूचे पे लगा छोटा सा पोस्टर । हर जगह ईवन-ओड के इस्तेहार में बस केजरीवाल । छा गये भईया ।
अब गौर फरमाते हैं इस ईवन-ओड की उपलब्धियों पर । जहां तक पाल्युशन लेवल और एयर क्ववलिटी इंडेक्स का सवाल है उसमें कोई खास बदलाव नहीं आया है ।हालांकि बचाव के लिये हवा के दबाव का सहारा लिया गया है । यदि बढ़ी है तो बस रोज-मररा के रहागीरों की सरदरदी । सड़कों पर अच्छा खासा जाम और मेट्रो में भीड़ के बीच जोर अजमाइश । वैसे मेट्रो की फ्रिक्वेंसी में भी बदलाव आया है कहीं-कहीं 5 मिनट का अंतराल 15 मिनट में तब्दील हो गया ।
दिल्ली ट्रेफिक पुलिस और सिविल डिफेंस के वालेंटियर दवारा माकूल इंतजामात के बावजूद भी आम आवाजाई को छोड़कर मेजर ट्रेफिक चंक्स में ट्रेफिक के हालात बदस्तूर थे । एन.एच.24 से अक्षरधाम होते हुए निजामुदीन पुल पर ,राजीव गांधी मेमोरियल पार्क से सराय काले खां आई.एस.बी.टी. तक, आश्रम क्रासिंग और कनाउट प्लेस में घंटों जाम नजर आया । वयवस्था बनाये रखने के लिये ट्रेफिक पुलिस दवारा दिल्ली के विभिन्न इलाकों मे काटे जा रहे ज्यादा से ज्यादा चलानों के बावजूद भी वाइलेशन अब भी बरकरार है ।
इस प्रणाली से कहीं फायदा हुआ है तो बस सेकिंड हेंड कारों की सेल पर । जिनकी गांठ में पैसे थे ईवन नंबर की कार होने पे ओड नंबर की सेकिंड हेंड कार खरीद ली उसी प्रकार ओड नंबर कार धारकों ने ईवन । दिखावे के लिये भले ही सड़क पर भीड़ कम हो जाये पर मौहल्ले में पार्किंग को लेकर जमकर होती है जूत बजाई ।
प्रणाली का उडा़ जमकर मखौल । हुई जमकर लीपा-पोती । जहां बी.जे.पी. के सांसद विजय गोयल को चलान भरकर वाइलेट करना मंजूर था वहीं दिल्ली के उप मुख्य-मंत्री मनीष सिसोदिया प्रणली को सफल दिखाने के लिये यू.पी. के नंबर प्लेट वाली कार में नजर आये । कुछ एक दिखावे के लिये साइकल पे सवार नजर आये । प्रणाली की उपलब्धियों का असल मूल्याकन आधिकारिक तौर पर समाप्ति के बाद ही होगा । फिलाहल मीडिया में सुर्खियों और प्रतिक्रियाओं का दौर है..........