मोदी सरकार की दो साल की उपलब्धियों को जहां बी.जे.पी. ने राजधानी दिल्ली सहित देश के विभिन्न इलाकों में मनाया पर्व के रुप में , वहीं कांग्रेस ने बुलिटिन जारी कर सरकार की नाकामयाबियों को गिनाया । खुलासों के इस दौर में सुर्खियों मे है उत्तर प्रदेश के विभिन्न इलाकों मे बजरंग दल द्वारा आयोजित शिविरों अपने कार्यकर्ताओं को दिया जा रहा आत्म-रक्षा प्रिशक्षण ।
मोदी सरकार एवं बी.जे.पी. का मानना है कि कम अंतराल में मिली है किसानों को सुरक्षा फसल बीमा और किसान बीमा के माध्यम से । हकीकत जानने के लिये पुर्वी महाराष्ट्र को ही लीजिये यहां सूखे और हालात तंग आकर रोजाना आत्महत्या करने वाले किसानों का आंकड़ा 9 के पार हैं । हालात दिन-ब-दिन बदस्तूर हैं ।
भले ही मुद्रा बैंक के माध्यम 330 लाख को रोजगार मिला हो । विचारणीय है तो बस कामगार को मिलने वाली मजदूरी जो कि बहुत जगह सरकार दवारा निर्धारित न्यूनतम मजदूरी से बहुत कम है । आज भी दिल्ली और नौएडा इवन ए मुंबई के औध्योगिक एवं व्यवसायिक संस्थानों में कागजी हेर-फेरी से कम मजदूरी पे काम कराया जाता है ।
आजादी के पहले और आजादी के बाद सियासतें आई और पलट गई । किसानों के लिये बस बरसों राम धड़ाके से किसान मर गया फाके से । । रही बात तय किये मानदंडों से कम वेतन की तो जरुरी है लीक प्रूफ सिस्टम के साथ नियमों का सख्ती से पालन । महंगाई तो अब जीवन का हिस्सा है । सरकार कांग्रेस की हो या बी.जे.पी. की ।
रही बात बजरंग दल दवारा आयोजित आत्म प्रिशक्षण शिविरों की तो ऐसे आयोजन हर समुदाय द्वारा होते आये हैं और होते रहेंगे । अब बजरंग दल के शिविर से ही गुरेज क्यों । देर से ही सही कहीं से तो शुरुवात हुई । अंजाम जो भी हो । विचारनीय हैं मोदी सरकार की नीतियां । उपलब्धियों का खुलासा समय के साथ हो ही जायेगा देरी से ही सही ....