देश भर में मनाया गया विश्व योग दिवस बड़ी धूम-धाम से । भा.ज.पा. मुख्यालय सहित दिल्ली और देश के विभिन्न कौनों में योग शिविर का आयोजन किया गया । प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हुये चंडीगढ़ के केपिटल कांप्लेक्स में आयेजित योग शिविर में । 30000 प्रतिभागियों के बीच मोदी का मानना है कि अब योग जन आंदोलन बन गया है । जीरो बजट पर स्वस्थ्य सुरक्षा योगा से ही संभव है ।
चंदीगढ़ में मोदी तो दिल्ली में भा.ज.पा. मुख्यालय में अमित शाह दिल्ली पुलिस भी नहीं है पीछे । पुलिस कर्मियों के लिये भी आयोजन किया गया योग शिविर का आयोजन । जेहन में बस एक ही सवाल आखिर क्या है यह योग ?
आम भाषा मे योग जीने का एक नजरिया है जिसे आर्ट आफ लिविंग भी कहा जा सकता है । याने कि विभिन्न योग मुद्राओं की सहायता से मन, बुद्धि एवं शरीर को नियंत्रित करके सुखी जीवन की परिकल्पना की जा सकती है । मुख्य मुद्रायें हैं प्राणायाम कपाल भारती शंख प्रक्षालन आदि । योग की मुख्य पुस्तकें हैं पतांजली योग सूत्र गोरक्षा संहिता, हठ योग प्रदीपिका, धेरांद सहिता और शिव संहिता ।
भारत में योग की शुरुवात आदि काल में ऋषी-मुनियों दवारा हुई और इसके प्रचार का श्रेय स्वामी धीरेंद्र ब्रहमचारी को है । उनके दवारा स्थापित सेंट्रल हंस्टीटयूट आफ योगा अग्रनी संस्था है जो अब पूर्णतः भारत सरकार के नियंत्रण में है । अपने अपने स्तर पर बाबा राम देव ने पतांजली योग संसथान और श्री श्री श्री रविशंकर ने आर्ट आफ लिविंग के माध्यम से भारत में जन्में योग का परचम देश विदेश में फहराया । और अब संयुक्त राष्ट्र संघ ने भी 21 जून को विश्व योग दिवस के रुप में मनाने का ऐलान किया है ।
योग मियादी बिमारियों से बिना औषधी छुटकारा पाने का आसान और माकूल तरीका है । अब वो मधुमेह हो या रक्तचाप । बस जरुरी है तो योग्य प्रशिक्षक की निगरानी नियमित शारीरिक श्रम के साथ संयमित दिनचर्या । कहीं न कहीं आहार विहार का तो फरक पड़ता है.......