विधायकों के खिलाफ 24 अपराधिक मामले बने दिल्ली में गठितआम आदमी पार्टी सरकार के लिये सिरदर्द । मुख्य मंत्री अरविंद केजरीवाल के तेवर हैं तीखे । मामलों को बेबुनियाद करार देते हुए केंद्र पर लगाया साजिश का आरोप । यह मामले भूमि अधिग्रहण,सरकारी कर्मचारियों के साथ अभद्र व्यवहार और जोर अजमाइश वा अभद्र शब्दों के इस्तेमाल से संबंधित हैं । कुछ एक पर यौन शोषण और घरेलू हिंसा के मामले विचाराधीन हैं । गौर फरमाने की बात यह है कि एक टी.वी. चैनल पर इंटरव्यू के दौरान केजरीवाल द्वारा ठुल्ले शब्द के इस्तेमाल पिछले दिनों सुर्खियों में बना रहा । मामला भारतीय दंड विधान की दफा 500 और 504 के तहत दर्ज है और हाई कोर्ट में विचाराधीन है । यह बात और है कि लोवर कोर्ट ने केजरीवाल को क्लीन चिट दी है ।
हाल ही में नरेला क्षेत्र के विधायक शरद चौहान हैं हिरासत में और पुलिस जवाब तलब कर रही है उनकी ही पार्टी की एक कार्यकरता सोनी की हत्या के मामले में । गये सप्ताह ओखला के विधायक अमानतुल्ला खान भारतीय दंड विधान की दफा 164 के तहत मामला दर्ज हुआ वह फिलहाल जेल में हैं । अभियोग महिला को वाहन से कुचलने की कोशिश । आज पार्टी के 10 विधायक बंद है। अभियुक्त विधायकों की सूची में शामिल हैं कोंडली के विधायक मनोज कुमार, कानून मंत्री जितेंद्र सिंह तोमर , महरोली क्षेत्र के विधायक नरेश यादव ,संगम विहार के विधायक दिनेश मोहानिया और रोहतास नगर क्षेत्र की विधायक सरिता सिंह ।
मालवीय नगर क्षेत्र के विधायक तो एक अरसे तक घरेलू हिंसा और अटेंप्ट टू मर्डर के मामले में सुर्खियों में रहे हैं । ये अभियोग उनकी पत्नी लिपिका के हैं । उनके खिलाफ भारतीय दंड विधान की दफा 307 अटेंप्ट टू मर्डर, 420 धोखाधड़ी, 406 विश्वासघात, 313 जबरन गर्भपात, 324 बरबरता आदि दर्ज है । वैसे सरकारी मुलाजिमों के साथ बदसलूकी, अभद्र व्यहवार और जोर अजमाईश विधायकों में आम है ।
मामले को तूल देते हुए जहां बी.जे.पी. ने किया दिल्ली सरकार का घेराव वहीं कांग्रेस के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन का मानना है कि ऐसे मामले ज्यादातर राजनीतिक होते हैं और ज्यादातर समय के साथ आपसी सहमति से खारिज हो जाते हैं । विधायकों में पनपती अपराधिक मानसिकता ने आज आम आदमी पार्टी को स्केनर पे ला खड़ा किया है । मामलों का क्या मामले तो आपसी रजामंदी से एक दिन रफा-दफा हो ही जायेंगे। आरोपों और प्रत्यारोपों के बीच जरुरी है पार्टी की छवी सुधारने के लिये आत्म-मंथन ....