मोदी ने अपनाई दुर्योधन की दंड नीति । हुए पाँच सौ हजार के पुराने नोट बंद । नई करेंसी की कमी के चलते हुआ आम आदमी बेहाल । घंटों ए.टी.एम. और बैंक काउंटर के आगे लाइन में लगने के बाद कुछ एक लौटे खाली हाथ । किल्लत की घड़ी में भी हैं हौसले बुलंद जजबा यही राष्ट्र हित के लिये देंगे प्रधान-मंत्री नरेंद्र भाई मोदी का साथ ।
बेहाल है तो बस अपोजीशन सदन के अंदर भी और बाहर । मोदी की अनुपस्थिति में हो रहा है पुरानी करेंसी पर रोक के विरोध में सदन में जमकर हंगामा और मोदी की उपस्थिति में डिबेट से बचने के लिये वही चिल्ली पो और अंत में सदन से वाक आउट । कुछ एक ने लगाई राष्ट्रपति से भी गुहार ।
सदन में बौखलाये विपक्ष ने लिया बाहर जनमत का फैसला । किया 28 नवंबर को भारत बंद का आवाहन । दिल्ली के मुख्य-मंत्री अरविंद केजरीवाल और वेस्ट बंगाल की मुख्य-मंत्री ममता बेनर्जी ने किया रिजर्व बैंक के बाहर प्रदर्शन लेकिन उपस्थित भीड़ से मोदी के नारे लगते ही निकल लिये । सुना है जनमत के लिये दोनो नेता जनमत के लिये आजदपुर सब्जी मंडी गये थे । हालात प्रतिकूल देखकर वहाँ से भी निकल लिये ।
कांग्रेस उप-अध्यक्ष राहुल गांधी को भी एक दो जगह दिल्ली और मुंबई के ए.टी.एम. की कतार में खड़े नजर आये । राहुल को जेट सिक्युरिटी मिली है । कतार में खडे़ होना कहीं पार्टी की टी.आर.पी. बढाने के लिये महज एक फोटो सेशन तो नहीं । यू.पी. की बहन जीम मायावती के मिजाज नासाज हैं और तेवर तीखे ।
उधर मुलायम सिंह एंड कंपनी के अंदर भी दबा हुआ रोष है । बिहार के लालू खामोश हैं । अलगाव के बावजूद भी नितीश कुमार ने राष्ट्र हित के लिये मोदी के फैसले का समर्थन । लंबे अरसे की खामोशी के बाद पूर्व प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह का सदन में मुह खोलना पार्टी का प्रोजेक्शन माना जा रहा है ।
इसमें दो राय नहीं कि सामान्य जन जीवन ज्यादा नही तो ठोडा़ सा ही सही कहीं ना कहीं हिला है । रही । विचारनीय है तो बस सोनम गुप्ता यानि कि छबिया के बेवफा होने से चंद और नेताओं में मची खलबली । रहा व्यवस्था में सुधार वो भी समय के साथ हो ही जायेगा.....