बिहार की राजनीति ने ली फिर से नई करवट । नितीश के झटके से लालू हुए चित्त । भारतीय जनता पार्टी के समर्थन से किया सरकार का पुनरगठन । लालू के सपुत्र तेजस्वी यादव जो कभी पूर्व सरकार में उप मुख्य-मंत्री हुआ करते थे अब हो गये हैं विपक्ष के नेता । उनके दूसरे पुत्र तेज प्रताप यादव को भी खोना पड़ा मंत्री पद ।
यह बात और है कि सरकार के पुनः गठन में मुख्य-मंत्री नितीश क को खासी मुशक्कत करनी पडी । लालू परिवार वा खुद की ही पार्टी में विरोध वा तीखी प्रतिक्रियाओं का सामना करना पड़ा । आर.जे.डी. के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव का अक्रोश दबा हुआ सही कहीं ना कहीं झलक रहा था । इस सब के बाद फलोर टेस्ट में नितीश को 131 विधायकों का समर्थन मिला ।
नितीश फिर से बिहार के मुख्य-मंत्री और सुशील कुमार मोदी उप मुख्य-मंत्री । बिहार में हुए राजनीतिक बदलाव से कहीं ना कहीं लालू परिवार के उपर गहराया संकट । हर नये घोटाले से जुडत्रा नाम । सी.बी.आई. वा आयकर विभाग के जकड़ते शिकंजे से मानसिक दबाव लालू परिवार पर स्पष्ट झलकता है ।
पिछले दिनों तेजस्वी यादव से सवाल पूछे जाने पर सिक्युरटी गार्ड द्वारा पत्रकार की पिटाई का मामला कई दिनों तक मीडिया की सुर्खियों में बना रहा । गौर फरमाने की बात यह है कि तेजस्वी उस समय बिहार के मुख्य-मंत्री थे और मौका ए वारदात पर मौन खड़े तमाशा देख रहे थे । लालू के तेवर सड़क पर और उनकी बेटियों के तेवर टविटर याने कि सोशल मीडिया पर स्पष्ट झलकते हैं ।
अरसे पहले उठे चारा घेटाले के मामले के बाद अब फिर जुड़ गया है 1000 करोड़ के भू-अंतरण का मामला । पटना में बन रहा बिहार का सबसे बड़ा शोपिंग माल जो कि 7.5 लाख स्क्वायर फिट एरिया में बनकर तैयार हो रहा है इस डील का हिस्सा माना जा रहा है । उस समय लालू जेल में रहे और मुख्य-मंत्री पद से भी इाथ धोना पड़ा ।
यह बात और है कि उन्होंने अपनी पत्नी राबड़ी देवी को मुख्य-मंत्री बना दिया उत्तराधिकारी के तौर पर । खुद जेल से बागडोर संभाले रहे । अब ना वो सियासत रही और ना ही ताज । बिहार के इस प्रकरण के बाद कांग्रेस ने भी बदल ली है अपनी रणनीति । गुजरात मे पार्टी के विधायकों में फूट के चलते घ्यान बिहार से हटाकर कर्नाटक पर केंद्रित है ।
बिहार में हुए राजनीतिक बदलाव में विचारणीय है तो बस भा.ज.पा. के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित भाई शाह की भूमिका । कहीं ना कहीं अब जरूरी है लालू के लिये आत्म-मंथन ...