कांग्रेस वा उसके सहयोगी वामपंथी दलों ने बनाया प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र भाई मोदी के चाय बेचने के मुददे को लेकर किया भारतीय जनता पार्टी का किया घेराव । विपक्ष का कहना है कि नरेंद्र भाई ने चाय बेची ही नहीं यह मात्र वोट के लिये मतदाताओं को गुमराह करने के लिये है ।
पलटवार में उठा राहुल गांधी के हिंदुत्व पर सवाल । प्रचार यह कि राहुल गांधी का हुआ है उपनयन यानि कि जनेउ संस्कार । हाल ही में हुए एक खुलासे के अनुसार सोमनाथ मंदिर की विजिटर लिस्ट में भूतपूर्व प्रधान मंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी का नाम है । सोमनाथ मंदिर में गैर हिंदू दर्शन के लिये प्रवेश कर सकते हैं मगर उन्हें मंदिर प्रशासन से परमीशन लेनी होती है ।
रही बात नरेंद्र भाई के बचपन में चाय बेचने की । जब उनके परिवार का मेहसाना के वाधनगर रेलवे स्टेशन पर टी स्टाल था तो उन्होने बचपन में चाय तो सप्लाई तो की ही होगी । अक्सर देखा गया है कि घरेलू कारोबार में परिवार के बच्चे को खाली समय में परिवार का हाथ बटाते हुए ।
जी.एस.टी. और नोट-बंदी के मुददे ने अब ले लिया है चाय-वाले और हिंदुत्व का रूप वो भी तब जब गुजरात में विधान सभा युनाव सिर पर हैं । गुजरात में 182 विधान सभा सीटों पर चुनाव संभावित हैं । यह मतदान दो चरण में होगा । 89 सीटों पर मतदान आगामी 9 दिसंबर और बाकी की 93 सीटों पर 14 दिसंबर को होगा ।
गूजरात में एक अरसे से भारतीय जनता पार्टी का होल्ड रहा है । आगामी चुनावों में भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर है । अब पाटीदारों के युवा नेता हारदिक पटेल द्वारा फेंकी गई गुगली कुछ तो रंग दिखायेगी ना । कुल मिलाकर आगामी चुनाव दोनो ही दलों के लिये किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं ।
गुजरात में आने वाले समय में सरकार किसी की भी बने । विचारणीय है तो समय के साथ बदलते राजनीतिक परिवेश । अब देखना यह है कि आने वाले समय मे यह जनेउ और चाय का जुमला क्या रंग लाता है । जेहन में हैं बहुत से सवाल क्या आने वाली सुबह के साथ फिर से कमल खिलेगा.......