सिरदर्द बन गई हैं सरहद पार की गतिविधियाँ । कभी फायरिंग तो कभी सीमांत इलाकों पर घुस-पेठ । अधिकारिक तौर पर प्राप्त एक सूचना के अनुसार गत शनिवार पाकिस्तानी सैन्य टुकड़ी ने लाइन आफ कंट्रोल के 400 मीटर अंदर घुस-पैठ का प्रयास किया और फायरिंग में इंडियन आर्मी के 4 जवान शहीद हुए ।
यह घुस-पैठ जम्मू-कश्मीर स्थित रजोरी के सीमांत इलाके में हुई और शहीद जवानों में शामिल हैं मेजर मोहरकर प्रफुल्ला अंबादास,लांसनायक गुरमैल सिंह,लांसनायक कुलदीप सिंह वा सिपाही प्रकट सिंह । मेजर अंबादास वा उनके तीन सहयोगी 120 इंफेंट्री ब्रिगेड बटालियन में तैनात थे वा पेट्रोलिंग कर रहे थे ।
हाल ही में कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित एक प्रेस कान्फ्रेंस में पार्टी के प्रवक्ता श्री मनीष तिवारी सरहद पार से हो रही आतंकी गतिविधियों पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की । उनका मानना है कि मौजूदा सरकार के शासनकाल में सरहद पार से पाकिस्तानी आतंकी गतिविधियों में इजाफा हुआ है । जिनमें सरहद पार से गोलाबारी और घुस-पैठ भी शामिल हैं ।
उनके द्वारा किये गये पत्रकारों को एक खुलासे के अनुसार जम्मू-कश्मीर के सरहदी इलाकों में 2017 में अबतक पाकिस्तान द्वारा 900 वारदातों को अंजाम दिया गया जिन्में 780 वारदातें नियंत्रण रेखा और 120 वारदातें अंतरराष्ट्रीय बार्डर से संबंधित थी ।
लोकसभा के पटल पर पेश किये गये आंकड़ों के अनुसार इस साल 10 दिसंबर तक पाकिस्तान द्वारा जम्मू-कश्मीर 771 बार एल.ओ.सी. और 110 बार अंतरराष्ट्रीय बार्डर उलंघन किया गया । जिसमें सीजफायर और घुस-पैठ शामिल हैं । इन वारदातों में मृतकों की संख्या 30 है । 14 सेना के जवान 12 आम नागरिक और बी.एस.एफ. के जवान ।
गये साल सीमा उलंघन वा सीजफायर की 449 वारदातें हुई और मृतकों की संख्या 26 थी । 13 जवान और 13 आम नागरिक । 99 सिपाही और 83 आम नागरिक घायल हुए । यदि देखा जाये तो भारत-पाकिस्तान का बार्डर का मुददा पुराना है । 1972 मे दोनों देशों के बीच शिमला समझौता हुआ था ।
सियासतें आई और चली गईं बदस्तूर है तो बस बार्डर पर हमारे पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान द्वारा घुस-पैथ और फायरिंग का ना थमने वाला सिल-सिला । आये दिन हो रही हमारे जवानों की शाहदत के मध्यनजर कहीं ना कहीं जरूरी है राजनीति से ज्यादा कूट-नीति....