पिछलेे एक दशक में बैंक घोटालों की फेहरिस्ट हुई है लंबी । पहले नीरव मोदी फिर चैकसी और अब सुर्खियों में उत्तर प्रदेश के उद्ययोगपति विक्रम कोठारी । उन्का नाम जुड़ा है पी.एन.बी. से । विक्रम कोठारी रोटोमेक पेन लिमिटेड के मालिक हैं उन्होंने 2008 में बेंक से 2929 करोड़ का लोन लिया था जो ब्याज सहित 3695 करोड़ के लगभग है ।
अभियोग यह कि पैसे का दुरूप्योग हुआ और कर्जा भी नहीं चुकाया गया । फिलहाल विक्रम कोठारी और उन्के सहयोगी डायरेक्टर इंफोर्समेंट डिपार्टमेंट की रडार पर हैं और सी.बी. आई द्वारा पूछताछ चल रही है । डिफाल्टर होने के बावजूद भी उन्हें खोली गई फर्जी कंपनियों के मार्फत मुंबई के यूनियन बैंक से 485 करोड़ वा केालकता के हलाहाबाद बैक से 352 करोड़ का लोन मिला ।
बैक आफ बड़ोदा द्वारा इरादतन डिफालटर घोषित किये जाने पर गये साल वो इलाहबाद कोर्ट भी गाये थे । अब रही बात नीरव मोदी वा मेहुल चैकसी की । चैकसी नक्षत्र डायमंड के मालिक हैं और उन्होने इलाहाबाद बैक को अपना निशाना बनाया । यू.पी.ए. शासन काल में उन्होने 1500 करोड़ का कर्जा उठाया जो कभी लौटाया ही नही गया ।
नीरव मोदी चैकसी का भतीजा है और उसने पंजाब नेशनल बैंक को 11400 करोड़ का चूना लगाया ।रडार पर आने से पहले ही गायब हो गया । सुना है आजकल न्युयार्क में है और प्रत्यार्पण प्रक्रिया जारी है ।
हाल ही में कांग्रेस मुक्ष्यालय में आयोजित एक प्रेस कांफ्रेंस में पार्टी के प्रवक्ता श्री मनीष तिवारी के द्वारा किये गये एक खुलासे के अनुसार भारत विश्व के 39 एन.पी.ए. बहुल देशों की सूची में 5 वें नंबर पर आता है ।
एनफोर्समेंट डिपार्टमेंट वा सी.बी.आई. की तरफ से कार्यवाही जारी । सभी मामलों में तहकीकात चल रही है और खुलासों का दौर है । उद्योगपतियों के अलावा कुछ जाने-माने राजनीतिज्ञ भी रडार पे हैं । विचारणीय है तो बस इन घोटालों में बैंक कर्मचारियों के साथ नेताओं की भूमिका....