सुनंदा पुष्कर हत्या कांड बना शशी थरूर के लिये सिरदर्द । चार साल बाद मामले की नये सिरे से छान-बाीन शुरू हुई है । शशी थरूर सांसद हैं और कांग्रेस शासनकाल में मंत्री रह चुके हैं । दिल्ली पुलिस ने अदालत में चार्ज-शीट दाखिल कर दी है और शक की सुईं सांसद के इर्द-गिर्द घूम रही है ।
ममला मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट धर्मेंद्र सिंह की अदालत में चल रहा है । आत्म-हत्या का कारण परिवारिक कलह के कारण मांसिक तनाव माना जा रहा है । फिलहाल सांसद पर भारतीय दंड विघान की धारा 306 और 498 के तहत मामले दर्ज हैं और तहकीकात जारी है ।
सांसद ने चार्ज-शीट को निराधार और राजनीति से प्रेरित बताया है । सुनंदा पुष्कर सांसद की पत्नी थी । दोनों ही पहले से शादी-शुदा थे और उनकी अपने पहले पति और पत्नी से संतानें हैं । 7 जनवरी 2014 को दक्षिण दिल्ली के होटल लीला पेलेस के सूट नं 345 से उनका शव बरामद हुआ था ।
पोस्टमार्टम की रिपोर्ट के अनुसार इसे अस्वाभिक मौत माना गया है और बोडी पर 15 जख्मों के निशान थे । शव के पास से अल्प्राजोल्म विशाद निवारक औषधी पाई जाने के बावजूद बाडी पर जख्मों के निशान के मध्य-नजर ओवरडोज की संभावना निराधार है ।
यदि मेडिकल रिकार्ड को देखा जाये तो यहाँ भी किसी असाध्य या प्राण घातक बिमारी का जिक्र नहीं है । मौत को लेकर विभिन्न हलकों में अलग-अलग अटकलें लगाई जा रही हैं । कुछ का मानना है कि मौत का कारण आई.पी.एल. विवाद में सांसद की भागीदारी तो कुछ का मानना है कि मौत का कारण पाकिस्तानी पत्रकार मेहर तरार से सांसद की बढती नजदीकियाँ ।
मरने से पहले सुनंदा पुष्कर की पत्रकार नलनी सिंह से बात हुई थी उन्होंने अपने पति और पाकिस्तानी पत्रकार के बीच बलेक बेरी मेसेंजर में हुए मेसेज आदान-प्रदान के खुलासे के लिये मदद मांगी थी । दिल्ली पुलिस ने पाक्स्तिानी पत्रकार को दिल्ली बुलाकर पूछताछ भी की ।
भा.ज.पा. सांसद सुबरामणियम स्वामी इस मामले की निश्पक्ष जाँच को लेकर समय-समय पर आवाज उठाते रहे हैं । वो मामले को लेकर हाई कोर्ट और सुप्रिम कोर्ट तक गये हैं । फिलाहल कार्यवाही जारी है और मामला पटियाला हाउस कोर्ट में विचाराधीन है ।
सुनंदा पुष्कर मामले की जाँच के परिणाम जो भी रहें । मौजूदा हालातों के मध्य मन यह सोंचने को मजबूर हो जाता है क्या वास्तव में सुनंदा पुष्कर ने आत्म-हत्या की थी ....