महाराष्ट्रा में भी हैं चुनाव की तैयारी जोरों पर । 48 लोकसभा सीट वाला महाराष्ट्रा यू.पी. के बाद दूसरे नंबर का राज्य है सबसे अधिक लोकसभा सीटों के लिए। यूँ कहिए कि केन्द्र सरकार के गठन में महत्वपूर्ण भूमिका।यदि देखा जाये तो यहाँ की राजनीति अन्य राज्यों से कुछ हटके है। थोड़ी पेचीदा कुछ उलझी ।समाज के तबकों एवं घटकों में बटी है यहाँ की राजनीति और वोट बैंक ठेकेदारों के पास। सब पहले से ही तयशुदा।कहीं पे महाराट्रा नवनिर्मान सेना तो कहीं शिव सेना और इनके बीच झूल रही है भा.ज.प. और कांग्रस की नैया। कहीं मराठा तो कहीं गुजराती और इनके बीच में यू.पी. वाले भइया जी का अपना अलग अंदाज।
तीन चरण में होने वाले मतदान के लिए लगभग 495 से भी अधक उम्मीदवारों ने अपने नामेकन पत्र दाखिल किये हैं। एन.सी.पी. के महाराष्ट्रा सरकार में रहे पी.डबल्यु.डी. मिनिस्टर छगन भुजबल, भा.ज.पा. के स्तंभ गोपीनाथ मुंडे ,जाने-माने एक्टर स्वर्गीय सुनिल दत्त की बेटी प्रिया दत्त(कांग्रस) और जाने -माने भा.ज.पा. नेता स्वर्गीय प्रमोद महाजन की सपुत्री पूनम महाजन सहित अनेक दिग्गज मैदान में उतरे हैं। कहीं मोदी का राम बाण तो कहीं राहुल बाबा की दुहाई और इनके बीच दिखाई देते हैं टोपी पहने झाड़ू चमकाते खखारते हुए अरविंद केजरीवाल । कहीं किसी कोने से चमकते राज ठाकरे। लोहा गर्म है और चुनावी आलम जोरों पे। माया नगरी मुंबई भी इस सब से अछूती नहीं है।इसके भी अपने अलग रंग हैं।
फैसले की घडी आ गई है और मतदान करीब हैं। ऐसे समय में जरूरत है एक सही सोंच की सही नजरिये की। जीत किसी की भी हो देखना यह है कि केन्द्रिय सरकार के गथन में महाराष्ट्र की क्या भूमिका रहेगी यह तो आने वाला समय ही बतायेगा .....