अतिथी देवो भवः का नारा लगाने वाली आइ.आर.सी.टी.सी. याने इंडियन रेलवे केटरिंग एंड टयुरिजम कारपोरेशन लिमिटेड की सर्विसेस अब धीरे-धीरे होती जा रही है कुप्रशासन और अनियमितता की शिकार । चाहें वो ओनलाइन बुकिंग हो या ट्रेन में खाने की सपलाई गिरता जा रहा है सेवाओं का स्तर । अब चाहें आप एक्सप्रेस ट्रेन में सफर कर रहे हों या फिर राजधानी में खाने के आइटमों और ठंडे-गर्म को छोड़कर मिलेगा लगभग एक जैसा खाना कहीं चावल कच्चे तो कहीं रोटी कच्ची और यदि खाने में पड़ा हो एक आद काकरोच फिर तो मजा ही क्या.... फिर तो हजूर आप बस रह जायेंगे उंगलियां ही चाटते ।
जहां तक सफाई और हाइजनिक व्यवस्था का सवाल है बोगियों और पेंट्री के इर्द-गिर्द नजर आयेंगे मटरगस्ती करते एक दो चुहे। अब वो चुहे मोटे हों या पतले क्या फरक पड़ता है । लेकिन इन सब के चलते यात्रियों की सेहत के साथ-साथ कहीं न कहीं आइ.आर.टी.सी./रेलवे की साख पर तो पड़ ही सकता है।
27 सितंबर 1999 में गठित आइ.आर.टी.सी. रेलवे के तहत एक सार्वजनिक उपक्रम है जिसके जिम्मे प्लेट फार्म एवं ट्रेन में खान-पान एवं हासपिटिलिटी सर्विसेस मुहया कराना है।
ऐसा नहीं है कि आइ.आर.टी.सी./रेलवे ने ऐसे मामलों से निपटने के लिए कोइ ठोस कदम न उठाये हों । समय-समय पर ओडित, इंडिपेंडेंत वेलयुशन और न जाने क्या क्या...
आइ.एम.आर.बी के 500 ट्रेनों के 6 राउंड में किये गये एक सवे में उपभोगता द्वारा दिये गये स्कोर-
Legends |
Round 1 |
Round 2 |
Round 3 |
Round 4 |
Round 5 |
Round 6 |
Number of Trains |
142 |
115 |
50 |
15 |
80 |
99 |
Compartment Related aspects |
2.81 |
2.71 |
2.6 |
2.8 |
2.8 |
2.67 |
Food & Refreshment related aspects |
2.71 |
2.6 |
2.47 |
2.74 |
2.77 |
2.58 |
Staff Behavior Related aspects |
2.9 |
2.81 |
2.83 |
3.11 |
3.18 |
3.01 |
Bedroll & Linen related aspects |
2.88 |
2.85 |
2.69 |
2.89 |
2.96 |
2.72 |
इसमें दो राय नहीं कि बड़े स्तर पर सुविधा मुहैया कराने में अक्सर चूक होने की संभावनायें बढ़ जाती हैं लेकिन ठेकेदारों की बढती मनमानी पर तो रोक लग ही सकती है।ऐसे मामलों से निपटने के लिए जरुरत है उपभोगता के सुझावों के मुल्यांकन की एक फोन काल की । उपभोगता अपनी शिकायत 1800-111-139 पर दर्ज कर सकते हैं।