मुंडे को रास नहीं आई दिल्ली की कुर्सी । वो मोदी सरकार में ग्रामीण विकास मंत्री थे । कार्य-भार संभालने के दसवें दिन याने कि 3 जून 2014 को रोड एक्सीडेंट में मारे गये । वो कार में दिल्ली एयरपोर्ट जा रहे थे जहां से उन्हें मुंबई के लिए रवाना होना था । मुंबई में उनके स्वागत के लिए रैली का आयोजन था । बताया जाता है कि तेज रफतार से आती कार ने उनकी कार को हिट किया । आल इंडिया इंस्टीटयुट आफ मेडिकल साइंसेज के डाक्टरों का मानना है झटके के कारण उनका हार्ट फेल एवं लिवर डेमेज के चलते उनकी मौत हुई ।
65 साल के मुंडे के राजनीतिक जीवन की शुरुवात ए.बी.वी.पी. से हुई थी वो भा.ज.पा. के दिग्गज नेता स्वर्गीय प्रमोद महाजन के कालेज के करीबी थे । महाराष्ट्र सरकार में उप मुख्य-मंत्री रह चुके मुंडे को महाराष्ट्रा भा.ज.पा. का स्तंभ माना जाता है ।
मुंडे के आकस्मिक निधन ने कई अनकहे सवालों को जन्म दे दिया है जिनका हल शायद आने वाले समय के वाले समय के पास भी न हो.....