नियमों को ताक पर रख कर बेखौफ चल रहे हैं दिल्ली की सड़कों पर ई रिक्शा । और चलें भी क्यों न परिवहन मंत्रालय का सिर पर हाथ जो है । चाहें वो चांदनी चैक या दरिया गंज का भीड़़-भाड़ वाला इलाका हो या फिर तेज रफतार वाली सड़कें चार सवारी की जगह आठ सवारियों से लदी दो-तीन ई रिक्शा नजर आ जायेंगी । रेड लाइट जंप करना या फिर तेज रफतार से चलती बसों और ट्रकों के बीच से आगे निकलने की होड़़ आम बात हैे । भइ हद है दूसरों की तो दूर खुद की जान की परवाह तो करो ।
यह जानकर हैरानी होती है कि ई रिक्शा सड़क पर तो चल सकती है लेकिन उस पर मोटर विहिकल एक्ट लागु नहीं होगा । गलती कितनी भी बड़ी हो इस एक्ट के आधीन न ही जुर्माना न ही सजा । जोखिम पर मुआवजे का तो सवाल ही नहीं उठता । ज्यादा से ज्यादा आइ.पी.सी. की धारा 279 के तहत हद से हद 2000 रूप्ये का जुर्माना/सजा/या फिर दोनों का प्रवधान ।
दिल्ली में चलने वाली ई रिक्शा की नफ्री लगभग 100000 से भी ज्यादा है । लचीले नियमों के चलते कैसे सुधरेगी दिल्ली की सडंक व्यवस्था । इससे पहले पानी सिर से उपर हो जाये जरूरत है सही सोंच के साथ सक्ष्म कानून व्यवस्था की.........