मोदी सरकार का बजट किसी इंद्रजाल से या फिर यूँ कहिये कि किसी मायाजाल से कम नहीं है । इस तिलसिमी बजट में समाज के हर तबके के लिए कुछ न कुछ है । याने कि हरेक को खुश करने का खासा इंतजाम । चाहें इंकम टेक्स में छूट का सवाल हो या फिर वरिष्ठ नागरिकों को विशेष सुविधायें और फिर हो ग्रामीण विकास का मामला,बस जरुरत है एक लोलीपोप की । लो हो गया सबका मिजाज चंगा ।
अब रेल बजट को ही लीजिये । 65445 करोड़ रुपये का बजट और 47650 करोड़ रुपये की उपलब्धी तिसपर बुलट ट्रेन नेटवर्क और रेलवे में खासा फेरबदल । कैसे और कहां से होगा इतना सब कुछ तिसपर 2022 तक सबके लिए घर और स्मार्ट शहरों के लिए 70 अरब 60 करोड़ का प्रवधान और न जाने क्या-क्या....
सरकार का भी मानना है कि इस साल राजकोष में होने वाले घाटे कि दर 4.1 फीसदी है। कैसे होगा इतना कुछ इन सबके लिए मौजूदा सरकार के पास एक ही रामबाण है एफ.डी.आइ. साथ ही साथ कहीं न कहीं प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रुप से करों में बढोतरी । फिर वही कमर तोड़ मंहगाई । अब आम आदमी का क्या होगा यह तो आने वाला समय ही बतायेगा ।
मोदी सरकार को चाहिये कि वो भविष्य की परिकल्पना करते समय मौजूदा हालातों पर भी गौर फरमायें । इसमें दो राय नही कि मोदी के मार्गदर्शन में ही देश को मिल सकती है सही दिशा मगर मौजूदा हालातों को भी नजर अंदाज नहीं किया जा सकता ।
कल्याण होगा या फिर सामना होगा कमरतोड़ महगाई से यह तो आने वाला समय ही बतायेगा............