सब्जियों के दाम में बेकाबू होती बढ़त कहीं मोदी सरकार के खिलाफ को नाकामयाब करनी की एक सोंची समझी साजिश तो नहीं । यदि पैदावार में कोई खास गिरावट भी नहीं है तो आखिर माजरा क्या है । कुछ नही यह सब चंद दलालों और बड़े आढ़तियों का खेल है । जिनके साथ राजनीतिक सरपरस्ती है । और गाज गिरती है आम आदमी पे । आखिर मंहगाई का बोझ तो वो ही झेलता है ।
बिजनेस स्टेंडर्ड द्वारा महानगरों पर किये गये शोध के अनुसार ज्यादातर सब्जियों के फुटकर दाम किसानों को दी जाने वाली कीमत से 300 फीसदी अधिक हैं । और मायानगरी मुंबई सब्जियों के दाम अन्य महानगरों से ज्यादा हैं ।
अब गौर फरमाते हैं इसके मेकेनिज्म पर । किसान द्वारा स्थानिय दलाल को 1 या 1.50 रुपये में बेची गई सब्जी की कीमत मंडी के दलाल के पास 7- 8 रुपये, आढति के पास 16-17 रुपय और आम आदमी तक पहुंचते-पहुंचते 20रूपये हो जाती है । चाहें आलू हो या प्याज और चाहें हों टमाटर सबका एक ही है एक सा हाल ।
हालांकि सरकार मंडी समितियों पर नकेल कसने की तैयारी में है । आम आदमी को राहत मिलेगी भी या नहीं यह तो आने वाला समय ही बतायेगा ।