रावी नदी में आई बाढ़ और प्राकृतिक आपदाओ के चलते,जम्मू-कशमीर भी है तबाही के चपेटे में । झेलम,तवी और चिनाव भी हैं पूरे उफान पर । करोड़ों रूप्ये का जानोमाल का नुकसान । स्थानिय प्रशासनिक व्यवस्था निष्क्रिय और सामान्य जीवन थप्प । चारो तरफ है बरबादी का मंजर । आम आदमी में है अंदर ही अंदर से मौजूदा प्रशासन के प्रति रोष ।
हालात पर काबू पाने में मौजूदा राज्य सरकार रही है विफल । सेना की मदद से है राहत कार्य जारी । सुत्रों के अनुसार लगभग 1.3 लाख बाढ पीडि़तों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया है और 4 लाख से भी अधिक अब भी फंसे हैं जल भराव के अंदर ।
अलगावादियों के विरोध और पत्थराव के बावजूद भी विषम परिस्थितियों सेना और आपदा प्रबंधन जुटा है राहत कार्य में । केंद्रिय एवं सार्वजनिक बुनियादी सेवा प्रदाताओं की मदद भी जारी है । इतने सब के बावजूद भी राज्य सरकार है मूकदर्शक और नहीं है फुरसत छींटाकशी और दोषारोपन से......