शिव सेना के साथ खींचा-तानी भारी पड़ सकती है भा.ज.पा. को महाराष्ट्र में भी । उधव ठाकरे और अमित शाह के बीच खेली जा रही रस्सा-कस्सी का फायदा मिल सकता है तीसरे घटक याने कांग्रेस को और इनके बीच मौन खड़े हैं म.न.से. के राज ठाकरे । मुख्य-मंत्री के लिए उधव ठाकरे की दावेदारी और सीटों के बटवारे का विवाद इतना गर्मा गया कि दोनो ही घटकों ने अगामी चुनाव में दोनों ही एक दूसरे के प्रतिद्वंदी होंगे ।
महाराष्ट्र में 288 विधान सभा सीटों में मतदान होना है और संघर्ष त्रिकोणिय रहेगा यानि कि सीधी टक्कर कांग्रेस,भा.ज.पा और शिव सेना के बीच में । भा.ज.पा. और उसके सहयोगी दल याने की एन.डी.ए. की कमान अब है प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी के हाथ।
मोदी की व्युहरचना और उनका रामबाण, महाराष्ट्र की समझौतों और घटकों में बटी राजनीति में क्या गुल खिलाता है यह तो आने वाला समय ही बतायेगा । फिलहाल मौंका है चुनाव का और जरूरत है सही सोंच और समझदारी की...............