हुद-हुद याने कि साइकलोन ने कर दी है आंध्रा और उड़ीसा में हद । याने कि है तबाही का मंजर । 200 किलोमीटर की रफतार वाले इस हुद-हुद के चलते अब तक हुए नुकसान की कीमत दस हजार करोड़ आंकी जा रही है । हालांकि आधिकारिक सूत्रों की तरफ से अब तक कोई खुलासा नहीं है ।दोनो ही राज्यों में है तबाही का मंजर । प्रशासनिक व्यवस्था अस्त-व्यस्त होने के साथ-साथ सामान्य जीवन ठप्प है । आंध्र प्रदेश में लगभग चार लाख से भी अधिक लोग हो गये हैं बेघर और मृतकों की संख्या 30 के लगभग है ।
मौसम विभाग की चेतावनी और आपदा प्रबंधन की सूझ-बूझ के चलते बहुत हद तक स्थिति नियंत्रण में है । दोनो ही राज्य सरकारें केंद्र के साथ मिलकर कार्य कर रही हैं और स्थिति जम्मू-काशमीर से कुछ अलहदा है । प्रधान मंत्री कार्यालय द्वारा जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार केंद्र सरकार की तरफ से एक हजार करोड़ रूप्ये की सहायता की घोषणा और साथ ही साथ मृतक परिवार को दो लाख और घायल के लिए 50000 रूप्ये का प्रावधान है । वाइजेक याने कि विशाखापटनम के जीर्नोधार की जिम्मेदारी भी केन्द्र की रहेगी ।
हालांकि केंद्र ने बीमा कंपनियों को क्लेमों के तत्काल निपटारे के आदेश दिये हैं । उजड़े हुए आशियानों को सवरने में समय तो लगेगा ही...