पड़ सकता है भारी अरविंद केजरीवाल का पासा दिल्ली में । मौजूदा राजनीतिक समीकरणों के चलते भा.ज.प. और आम आदमी पार्टी में है कांटे की टक्कर । सरकार जिसकी भी बने टिकेगी समर्थन पे ही । जहां भा.ज.प. ने दिल्ली के राजनैतिक गलियारे में अपनी पैठ बनाई है वहीं दिल्ली की पुर्नवास कलोनी एवं अल्पसंख्यक समुदाय पर अरविंद केजरीवाल की खासी पकड़ है । कहीं न कहीं कांग्रेस का विशवास डगमगाया है । खामोश रहकर गुलाटी मारना कांग्रेस की पुरानी आदत है ।
जहां भा.ज.प. ने आओ चलें मोदी के संग को रफतार देने के लिए सेलफी विद मोदी का सहारा लिया है वहीं रोड शोज में भीड़ बीच में कहीं खो जाते हैं केजरीवाल । प्रचार जोरों पे है और आरोपों और प्रत्यारोपों का सिलसिला जारी है । मौजूदा समीकरणों के चलते सरकार जिसकी भी बने करणधार केजरीवाल ही होंगे । तिसपर मौन कांग्रेस की गुलाटी क्या रंग लायेगी यह तो आने वाला समय ही बतायेगा ।