केजरीवाल को दिल्ली का ताज मिला वह भी कांटों का । याने कि कदम-कदम पे चुनौती । आर्थिक व ढांचागत सीमाओं के चलते नहीं होगा आसान चुनाव में किये गये वायदों को पूरा करना । आगम का एकमात्र स्त्रोत वेट और बिजली वा पानी का अधिभार करोड़ों में । वायदों की फेहरिस्त लंबी है 250 नये कालेज,मेट्रो मे छात्रों व वरिष्ठ नागरिकों के लिए रियायत इत्यादि-इत्यादी कुछ भ्रामक सा नहीं....
गर्मियां करीब हैं और पड़ सकता है केजरीवाल सरकार को हरियाणा व अन्य पड़ोसी राज्यों का मुह पानी और बिजली के लिए और हो सकता लगानी पड़े केन्द्र को गुहार । और शुरू होगा आरोपों और प्रत्यारोपों का सिल-सिला । केन्द्र और दिल्ली सरकार के बीच ठीकरा फूटेगा दिल्ली वालों पे । मजबूरन विधान सभा में लिए जाने वाले फैसले सड़कों पर लिये जायेंगे ।
कुल मिलाके किये गये वायदों का 20 प्रतिशत भी यदि केजरी सरकार अपने कार्यकाल में पूरा कर पाती है तो निशचय ही महान उपलब्धि होगी । ठोड़े से ही समय में केजरीवाल सरकार से अमर किसी को फायदा हुआ है तो सब्जी वाले और ठेले वालों को । अब चाहें जितना भी जाम लगे लगाओ भइया बेराकटोक ठेला आम आदमी पार्टी की सरकार जो है ।
केजरी सरकार द्वारा दिखाये गये सपनों में जी रहे दिल्ली वालों के आने वाले पल कितने हसीन होंगे यह तो आने वाला वक्त ही बतायेगा...