केजरीवाल सरकार फस गई है अपने ही चक्रव्यूह में । बाहर निकलना आसान न हो । पूर्व व उत्तर दिल्ली म्युनिसिपल कारपोरेशन के हालात खस्ता हैं । दोनो के ही मुलाजिमों दो महीने से वेतन नहीं मिला है । 4350 करोड़ रुप्ये की देनदारियां और आगम आधे से भी कम । तिसपर चुनाव में किये गये वायदों के चलते जल्दी ही बिजली और पानी की कंपनिया भी कतार में होगी । क्योंकि बिजली और पानी की सबसिडी पर होने वाला खर्चा 1800 करोड़ ।
वायदों और खर्चों की लंबी लिस्ट और आमदनी का एकमात्र जरिया वेट । चक्रव्युह से बाहर निकलना नामुमकिन । तिस पे संकल्प यह कि दिल्ली को दिलायेंगे पूर्ण राज्य का दर्जा । मौजूदा हालातों के चलते केजरीवाल किस किस को दिखायेंगे केंद्र का दरवाजा ।
मामला कितना भी गंभीर क्यों न हो केजरीवाल बीच का रास्ता निकाल ही लेते हैं । मौजूदा समीकरणों के चलते क्या होगा बीच का रास्ता यह तो आने वाला समय ही बतायेगा । फिलहाल आने वाले दिनो में दिल्ली और दिल्ली वालों का बेहाल होना तो तय है ।