तमाम जददो जहद के बाद दिल्ली सरकार की इवन और ओड ट्रासपोर्ट प्रणाली की क्या रही उपलब्धी ? क्या वास्तव में संभल पाया दिल्ली का पाल्युशन लेवल ? जेहन में हैं अनेक सवाल । हालांकि दिल्ली सरकार का दावा है कि इस प्रणाली के चलते गये हफतेें दिल्ली का पाल्युशन लेवल में 50 फीसदी गिरा है पर यह पाल्युशन का लेवल क्याा वास्तव में गिरा है ।
आइये गौर फरमाते हैं इस दौरान एयर क्वालिटी इंडेक्स पर -
जहा इंडेक्स घटे हुआ इंडेक्स रहा उपलब्धि और बढ़त के लिये ठिकरा फोड़ा गया मौसम पे । हवा बंद थी और वातावरण में नमी के कारण इंडेक्स बढ़ गया।
इसमें दो राय नहीं कि दिल्ली अब गैस चेंबर में तब्दील हो गई है और प्रदूषण के कारण सांस लेना दूभर है । दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स 331 है जो कि पहले से ही खतरे के पार है । एयर क्वालिटी इंडेक्स यदि 301 पार होने से स्वसन तत्र याने की सांस व गूरदे की बिमारियों की संभावना बढ जाती है । बदपुर थर्मल पावर स्टेशन का इमीशन लेवल निर्धारित लेवल 150 एम.जी./एन.एम3(माइक्रोग्राम पर क्यूबिक नेनोमीटर) पार कर चुका है । जरुरी है 15 दिन की एक्सरसाइज के पुन मुल्यांकन की ।
3000 अतिरिक्त बसों की व्यवस्था एवं मेट्रो की 70 अतिरिक्त ट्रिप के इंतजामात के बाद भले ही सड़क पे वाहनों की संख्या कम रही मगर दिल्ली के मेजर चंकस महारानी बाग क्रासिंग , आनंद विहार , सराय काले खां , पंत अस्पताल से कमला मार्किट के स्ट्रच में वाहनों की कतार की लंबाई में कोई खास कमी नहीं आई । हां फयूल बर्निंग स्मोक में जरुर कम था ।
इवन इवन और ओड ट्रासपोर्ट प्रणाली के चलते भले ही दिल्ली वालों को पाल्युशन से राहत मिले या न मिले बसों और मेट्रो के धक्के खाके वजन जरुर कम हो जायेगा । यानि मोटापा घटाओ रोग भगाओ वो भी बिना पैसा खर्च किये । अब केजरी सरकार याने कि दिल्ली की सरकार को धन्यवाद पाने का हक तो बनता ही है ।