सत्ता हाथ लगते ही मोदी अब हो गया घुमड़ । और शुरु हुआ विदेश यात्राओं का सिलसिला जो अब तक नहीं थमा । कभी अमेरिका तो कभी जापान । इस बार तो हद ही हो गई अफगानिस्तान से सीधा गुलाटी मारी चल दिये लाहौर पाकिस्तान के वजीरे आलम नवाज शरीफ को जन्म दिन की बधाई इने । मच गई अफरातफरी भारत और पाकिस्तान के राजनीतिक हल्कों में ।जगह- जगह धरने और प्रदर्शन । नाराजगी इस कदर बरपी कि आपोजीशन ने मोदी का पुतला तक फुक डाला ।
जेहन में बस एक ही सवाल आखिर माजरा क्या है और कैसी है यह विदेश नीति । लाहौर यात्रा के चंद अरसे में ही पठानकोट में आतंकी हमला सरहद के इस पार और उस पार आतिशबाजी आम हैं । अंतराष्ट्रिय दबाव के चलते जिसमें अमेरिका भी शामिल है आंतरिक दबाव के बावजुद पाकिस्तान ने की जेश ए मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर की गिरफतारी की पेशकश । चलो हकीकत नहीं तो दिखाव ही सही सरहद के उसपार हलचल तो मची । कुर्बानी साथ ही भारत को पाकिस्तान पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बनाने में सफल तो रहा । रही बात आर्थिक हालातों की गिरते पड़ते कभी न कभी सुधर ही जायेंगे ।