देश भर में सक्रिय है ऐंटी मोदी मूवमेंट यानी की अगली बार नहीं मोदी सरकार । अब चाहें वो आपोजीशन में बैठे सोनिया राहुल हैं या फिर कोलकता में बैठी और फिर दिल्ली के मुख्य मंत्री अरविंद केजरीवाल सबका यही है एक वन पोइंट प्रोग्राम । बस यु.पी. की मुलायम सिंह एंड कंपनी ठोड़ी धुल-मुल जान पड़ती है । सोंच समझके फैसला लेना जरुरी है विधान सभा चुनाव भी तो होने हैं ।
एंटी मोदी मुवमेंट के मोहरे हैं अल्प-संख्यक और दलित । किसी भी घटनाक्रम को राजनीतिक अंजाम देने के लिये जोड़ दिया जाता है अल्प-संख्यक सामुदा से या फिर दलितों से । अब वो हालातों से मजबूर होकर की गई आत्म-हत्या हो या फिर आपसी रंजिश के कारण अंजाम दी गई कोई घटना । हैदराबाद विश्वविदयालय का रोहित वामूला आत्म-हत्या कांड फेसबुक और सोशल मीडिया में सुर्खियों में है । मीडिया ने भी खबर को तड़का लगाकर जमकर उछाला । दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सहित अनेक जाने माने राजनेताओं का रुख हैदराबाद की ओर हो गया । कांग्रेस के उप-अध्यक्ष राहुल गांधी ने तो ढ़ाई घंटे का अनशन कर डाला । अब मिया ओवासी भी क्यों पीछे रहेंगे ।
आज देश के कालेज और विश्वविदयालय में पढ़ रहे न जाने कितने छात्र शोषण के शिकार हैं और कुछ एक कमजोर मानसिक्ता व हालात से समझौता न करने के कारण आत्म हत्या कर लेते हैं जरुरी नहीं वो दलित या अल्पसंख्यक हों । उसी प्रकार अखलक ही नहीं कितने लोग आय दिन आपसी रंजिश के शिकार होते हैं । फिर तमंचे पे डिस्क तो आम है ।
जहां तक सजा और इंसाफ का सवाल है वो तो मिलना ही चाहिये विचारनीय है वोट बैंक के लिये अपराध का राजनीतिकरण । धर्म और जात के नाम पर बटवारा ..