अर्ध सैनिक बल के एक सिपाही की वीडियो के सोशल मीडिया में वायरल होने से हुआ सिपाहियों को मिलने वाली रसद की क्वालिटी का खुलासा । प्रशासन में मचा हड़कंप । मामले की तह में जाने के बजाय अधिकारियों में मची है अफरातफरी आखिर यह वीडियो वायरल हुई तो हुई कैसे।
जाँच के लिये रसद कमांडर को छुटटी पे भेज दिया गया है और वीडियो वायरल करने वाले सिपाही का तबादला फिलाहल दूसरी बटालियन में किया गया है और उसे प्लंबर की डयूटी दी गई है । मामले का सार्वजनिक खुलासा करने से विभागीय कार्यवाही से भी इनकार नहीं किया जा सकता । सिपाही के परिवार वालों ने परोसे जाने वाले खाने की क्वालिटी के लिये सी.बी.आई. द्वारा जाँच और जवान के जीवन की सुरक्षा की गुहार लगाई है ।
बी.एस.एफ. के जवान तेज बहादुर यादव द्वारा जारी तीन वीडियो में खाने के टिफन मे परोसे जाने वाले सूप, तरी वाले मीट ,पतली दाल और जली हुई रोटियों को दिखाया गया है । मामले को तूल देने के बजाय अफसरान का कहना है कि यादव एलकोहलिक और उदंड है उसपर इससे पहले भी अनियमितता के चलते विभागीय कार्यवाही हुई है ।
सिपाही के परिवार वालों ने परोसे जाने वाले खाने की क्वालिटी के लिये सी.बी.आई. द्वारा जाँच और जवान के जीवन की सुरक्षा की गुहार लगाई है । एक चेनल पर जवान की पत्नी ने सिपाहियों को सुरक्षा कार्यो में लगाये जाने के बजाय अधिकारियों के घर में व्यक्तिगत काम पर लगाये जाने के उपर पर भी सवाल उठाये हैं ।
इससे पहले भी एक बार 2014 में नार्थ ईस्ट मे तैनात एंटी नक्सल स्कवाड में तैनात सी.आई.एस.एफ. के जवान सुजोय मंडल द्वारा खाने की क्वालिटी के खिलाफ अवाज उठाई गई थी । मामले को तूल देने के बजाय सिपाही को अनुशासनिक कार्यवाही के तहत फोर्स से निकाल दिया गया ।
रक्षा मंत्रालय और गृह मंत्रालय द्वारा निर्घारित मानदंडों के बावजूद सब स्टेंडर्ड रसद की सप्लाई की संभवनाओं से भी इंकार नहीं किया जा सकता । आवश्यक्ता है सप्लाई चेन के पुन: मूल्यांकन की अब क्या फरक पड़ता है कि सिपाही बार्डर पर हो या ग्राउंड fM;wVh पर.........