नई दिल्ली 05, May 2025

लेख

1 - देश के लोकतंत्र को मज़बूत करने के लिए बाबा साहिब का अमूल्य योगदान

2 - दिल्ली सरकार के 100,000करोड़ से क्षेत्र में उन्नति की संभावनाओं को मिलेगी मजबूती

3 - दशक के बाद बिखरा झाड़ू 27 साल बाद खिला कमल फिर एक बार

4 - स्वर्णिम भारत,विरासत और इतिहास पर आधारित इस बार का गणतंत्र दिवस समारोह

5 - महाराष्ट्र में फिर एक बार लहराया बीजेपी का परचम

6 - तमाम कवायदों के बावजूद बीजेपी तीसरी बार हरियाणा में सरकार बनाने को अग्रसर

7 - श्रॉफ बिल्डिंग के सामने कुछ इस अंदाज से हुआ लाल बाग के राजा का स्वागत

8 - प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के सदस्यता ग्रहण करने के साथ ही शुरू हुआ बीजेपी का सदस्यता अभियान

9 - देश के सीमांत इलाकों में तैनात सैनिकों में भी दिखा 78 वें स्वतंत्रता दिवस का जज्बा

10 - २०२४-२५ के बजट को लेकर सियासत विपक्ष आमने सामने

11 - एक बार फिर तीसरी पारी खेलेंगे प्रधानमंत्री नरेंद्र भाई मोदी

12 - केजरिवाल के जमानत पर रिहा होने पर शुरु हुई नई कवायदें

13 - मतदान की दर धीमी आखिर माजरा क्या

14 - क्यूं चलाना चाहते हैं केजरीवाल जेल से सरकार

15 - 2004-14 के मुकाबले 2014-23 में वामपंथी उग्रवाद-संबंधित हिंसा में 52 प्रतिशत और मृतकों की संख्या में 69 % कमी

16 - कर्तव्य पथ दिखी शौर्य की झलक

17 - फ़ाइनली राम लल्ला अपने आशियाने में हो गये हैं विराजमान

18 - राजस्थान का ऊँट किस छोर करवट लेगा

19 - एक बार फिर गणपति मय हुई माया नगरी मुंबई

20 - पत्रकारिता की आड़ में फर्जीवाड़े के खिलाफ एनयूजे(आई) छेड़ेगी राष्ट्रव्यापी मुहीम

21 - भ्रष्टाचार, तुस्टिकरण एवं परिवारवाद विकास के दुश्मन

22 - एक बार फिर शुरू हुई पश्चिम बंगाल में रक्त रंजित राजनीति

23 - नहीं होगा बीजेपी के लिऐ आसान कर्नाटक में कांग्रेस के चक्रव्यूह को भेद पाना

24 - रद्द करने के बाद भी नहीं खामोश कर पायेंगे मेरी जुबान

25 - उत्तर-पूर्वी राज्यों के अल्पसंख्यकों ने एक बार फिर बीजेपी पर जताया भरोसा

26 - 7 लाख तक की आमदनी टैक्स फ्री

27 - गुजरात में फिर एक बार लहराया बीजेपी का परचम

28 - बीजेपी आप में काँटे की टक्कर

29 - सीमित व्यवस्था के बावजूद धूम-धाम से हो रही है छट माइय्या की पूजा

30 - जहाँ आज भी पुजा जाता है रावण

31 - एक बार फिर माया नगरी हुई गणपतिमय

32 - एक बार फिर लहराया तिरंगा लाल किले की प्राचीर पर

33 - बलवाइयों एवं जिहादियों के प्रति पनपता सहनभूतिक रुख

34 - आजादी के अमृत महोत्सव की कड़ी के रूप में मनाया जा रहा है 8 वाँ विश्व योग दिवस

35 - अपने दिग्गज नेताओं को नहीं संभाल पाई कांग्रेस पार्टी

36 - ज्ञान व्यापी मस्जिद के वजु घर में शिवलिंग मिलने से विवाद गहराया

37 - आखिर क्यूँ मंजूर है इन्हे फिर से वही बंदिशें.....

38 - पाँच में से चार राज्यों में लहराया कमल का परचम

39 - पेट्रोलियम, फर्टिलाइजर एवं खाद्य सामाग्री पर मिलने वाली राहत में लगभग 27 फीसदी की कटौती

40 - जे&के पुलिस के सहायक उप निरीक्षक बाबूराम शर्मा मरणोपरांत अशोक चक्र से संमानित

41 - आखिर कौन होंगे सत्ता के इस महाभोज के सिकंदर

42 - ठेके आन फिटनेस सेंटर ऑफ छा गए केजरीवाल जी तुस्सी

43 - मुख्य सुरक्षा अधिकारी हुए पंचतत्वों विलीन

44 - दिल्ली में यमुना का पानी का बीओडी लेवेल 50 के पार

45 - फूक के कदम रखिए वरना हो सकता है आपका भी अगला नंबर

46 - महंत नरेंद्र गिरी की मौत पर लगे सवालिया निशान

47 - अकाली दल बादल ने लगाई हैट्रिक

48 - सबके साथ,सबके विकास,सबके विश्वास एवं सबके प्रयास से ही लक्ष्य प्राप्ति संभव

49 - जबरन कराया गया बच्ची का अंतिम संस्कार

50 - सिने जगत के ट्रेज्डी किंग को देश का आखरी सलाम

चकाचौंध और सोशल मीडिया के शोरगुल में डूबी फिल्मी दुनिया में फूटी एक नई किरण फिल्ममोर

दिल्ली: चकाचौंध और सोशल मीडिया के शोरगुल में डूबी फिल्मी दुनिया में, एक नई किरण फूट पड़ी है - 'फिल्मोर'। एक विचारोत्तेजक संगोष्ठी में, फिल्मोर ने फिल्मी पत्रकारिता के परिदृश्य को बदलने का संकल्प लिया है। यह महज एक पहल नहीं, बल्कि एक वैचारिक आंदोलन है, जो सिनेमा को मनोरंजन से कहीं बढ़कर, सामाजिक संवाद और सांस्कृतिक चेतना का सशक्त माध्यम बनाने का सपना देखता है।
संगोष्ठी में फिल्म निर्देशक अविनाश दास ने कहा कि सिनेमा सिर्फ मनोरंजन नहीं, बल्कि समाज का दर्पण होना चाहिए। यह विचार फिल्मोर के दृष्टिकोण को दर्शाता है, जो पर्दे के पीछे की कहानियों को उजागर करने और दर्शकों को सोचने पर मजबूर करने का इरादा रखता है।
फिल्मोर की संस्थापक और सीईओ सैंजला ने स्पष्ट किया कि यह पहल टीआरपी की अंधी दौड़ में खोई हुई पत्रकारिता को सही दिशा दिखाने का प्रयास है। उनका कहना है कि फिल्मोर सेलिब्रिटी गॉसिप से ऊपर उठकर सभ्यता की कहानियों को सामने लाएगा, जो रेड कार्पेट और सतही चर्चाओं से परे, सिनेमा की गहराई और उसके महत्व को समझने पर केंद्रित होगा।
फिल्मोर के क्रिएटिव डायरेक्टर अनिल शारदा ने इसे 'प्रतिरोध का मंच' बताते हुए कहा कि आज जब हर खबर जल्दबाजी में परोसी जा रही है, तो फिल्मोर का ठहराव एक क्रांति के समान है। उनका मानना है कि फिल्म सिर्फ एक दृश्य नहीं, बल्कि एक विचार है, जो समाज को प्रेरित और आंदोलित कर सकता है।
संगोष्ठी को संबोधित करते हुए नीरज झा ने कहा कि फिल्मोर की सबसे बड़ी खूबी है तकनीक और मानवीय दृष्टिकोण का अद्भुत संगम। यहां, यारा एआई मात्र एक उपकरण नहीं, बल्कि एक संवेदनशील सहयोगी के रूप में देखा जाता है, जो गहराई से विश्लेषण करने और छिपे हुए अर्थों को उजागर करने में मदद करता है।
फिल्मोर एक वैकल्पिक और विचारशील फिल्म पत्रकारिता की आवश्यकता को रेखांकित करता है। यह पहल फिल्मी खबरों को सिर्फ 'शब्द' नहीं, बल्कि 'संदर्भ' देने का वादा करती है। यह सिनेमा की आत्मा को छूने और उसे एक नए दृष्टिकोण से देखने की एक साहसिक पहल है, जिसकी फिल्म जगत को बेसब्री से तलाश थी। अब देखना यह है कि फिल्मोर अपने इस महत्वाकांक्षी लक्ष्य को किस प्रकार प्राप्त करता है। 

हिट दा थर्ड केस एक खूनी खेल की कहानी

 
इस हफ्ते रिलीज हुई  साउथ स्टार नानी की फिल्म ‘हिट द थर्ड केस’ है, इस फिल्म में जबरदस्त सस्पेंस क्राइम के साथ थ्रिलर है।  आपको दमदार कहानी के साथ ही जबरदस्त एक्शन सीक्वेंस है। फिल्म की कहानी और  कई सीन आपको हिलाकर रख देंगे। अगर अगर आप पिछले दिनों हिट रही स्त्री 2 ,  भूल भुलैया 3 जैसी एक्शन, थ्रिल , हॉरर, कॉमेडी देखने का प्लान बना रहे हैं तो आप इस फिल्म को जरूर देखने जाए ।
फिल्म  की कहानी आपको झकझोरकर रख देगी। इसमें डार्क वेबसाइट के बारे में दिखाया गया है, जो क्राइम की नई दुनिया है। इसमें जम्मू-कश्मीर की कहानी है, जिसमें लोग झूठी आजादी के नाम पर मासूम बच्चों तक का बेरहमी से कत्ल करने तक को तैयार हैं। कहानी खूनी खेल की है, जिसे मिटाने का काम एक मूडी और साइको पुलिस अफसर एसपी अर्जुन सरकार करता है। कहानी में कई कड़ियां हैं, जिसे खोजते-खोजते पूरी फिल्म खत्म हो जाती है। इसे आप वन मैन फिल्म कह सकते हैं। फिल्म का ट्रीटमेंट  गजब का है। फिल्म शुरुआत से ही फ्रेम से आपको बांध लेती है। शुरुआत में आपको नानी जेल में दिखाई देते हैं लेकिन फिर अंत में जो होता है वो कमाल होता है। फिल्म के कुछ सीन्स को आप देखते रह जाएंगे इस फिल्म का एक्शन ज्यादा हाई लेवल का हैं।  कुछ वक्त पहले तक हीरो सीन में आठ दस को  मारता था लेकिन अब दर्शकों ऐसे सींस में मजा नहीं आता। बल्कि अब तो हीरो दर्जनों को मारता है और दर्शक ऐसे एक्शन सीक्वंस का मजा लेते है, ऐसे सींस इस में है 
कुल मिलाकर फिल्म की  कहानी ठीकठाक है , दमदार एक्टिंग के साथ बेहतरीन स्टोरी में फिट  स्टार कास्ट और सोने पर सुहागा फिल्म का कसा हुआ क्लाइमैक्स दर्शको के लिए पैसा वसूल है।
 मेरी नजर में फिल्म के कुछ सींस ऐसे है जिन्हें देख आप हिल जायेंगे। डायरेक्टर सैलेश कोलानू की खास तौर से तारीफ करनी होगी कि उन्होंने अपने बेहतरीन डायरेक्शन से फिल्म का क्लाइमैक्स ऐसा है आप दिल थामे रहेंगे और आपकी पलक तक नहीं झपकेगी और आगे क्या होगा यह जानने के लिए आपकी उत्सुकता बढ़ जाएगी कि आगे क्या होगा। एक-एक खुलासे, हाई एक्शन सीक्वेंस के बीच आपको खुश करने वाला बेहतरीन कैमियो  है, मेरा दावा है हर सिंगल स्क्रीन सिनेमा में इस सीन पर दर्शको की खूब  सीटियां बजेगी  फिल्म में साउथ स्टार अदिवी शेष का असरदार कैमियो है। फिल्म का बैकग्राउंड स्कोर फिल्म की हर कड़ी को अगली कड़ी से जोड़ने का काम करता है और जानदार है।
अगर आप एक्शन, सस्पेंस, हॉरर क्राइम थ्रिलर फिल्मों के शौकीन हैं तो आपके लिए नानी स्टारर यह फिल्म फुल पैसा वसूल है और हां कमजोर दिल के है तो जरा दिल थाम कर इस फिल्म को देखे।

कांग्रेस सिर्फ सत्ता के लिए सामाजिक न्याय का स्वांग रचती है: धर्मेंद्र प्रधान

दिल्ली: कांग्रेसी नेताओं द्वारा हो रही बयानबाजी को सत्ता के लिए सामाजिक न्याय का स्वांग बताते हुए केंद्रीय  मंत्री धर्मेंद्र प्रधान  ने  कहा कि  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में  लिया गया जातिगत जनगणना  का  निर्णय सामाजिक न्याय के प्रति एनडीए  की कटिबद्धता का प्रमाण है । फैसला यकायक नहीं लिया बल्कि पिछले 11 वर्षों से समाज के सभी वर्गों को साथ लेकर चलने की नीति का तार्किक एवं सिद्धांतिक विस्तार है । कांग्रेस ने काका कलेकर कमेटी की पिछड़े वर्ग से संबंधित रिपोर्ट को बरसों तक दबाये रखा । 1977 में जानता पार्टी सरकार ने मंडल कमीशन का गठन किया ।

उन्होंने बताया की पहली बार भाजपा शासन काल में  ओबीसी आयोग को संविधानिक दर्जा मिला । बड़ी संख्या में वंचित वर्गों को प्रतिनिधित्व  मिला अब चाहें केंद्र हो या भाजपा शासित  राज्य सरकारें  मुख्यमंत्री, मंत्री, सांसद या फिर  विधायक । यह सब सामाजिक न्याय के प्रति प्रतिबधता का प्रमाण है । जिसकी अगुवाही स्वयं प्रधानमंत्री  कर रहे हैं । आजादी के बाद से अबतक की जनगणनाओं में जातिगत आँकड़े नहीं जुटाए  गए । 2021 में जनगणना प्रस्तावित थी जो कोविड महामारी के करण स्थगित हो गई । अब सरकार ने सैद्धांतिक निर्णय लिया है कि जनगणना में जातिगत  गणना  भी शामिल होगी ।

1931 में पहली बार जातिगत जनगणना हुई थी । 1941 में  ब्रिटिश हकूमत ने इसे नहीं होने दिया । स्वतंत्रता  के  बाद  1951 में पहली बार जनगणना होनी थी । तत्कालीन  प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू  जातिगत जनगणना के विरोधी थे । उन्होंने राज्य सरकारों को इस बाबत खत  भी लिखे । उनका मानना था इससे गुणवत्ता में असर पड़ेगा ।

जाति जनगणना पूरा करने की स्पष्ट समय सीमा बताए सरकार: राहुल गाँधी

दिल्ली: केंद्र द्वारा जातिगत जनगणना को जनगणना में शामिल किए जाने का स्वागत करते हुए लोकसभा के नेता विपक्ष राहुल गाँधी  ने  बताया कि वह और उनकी पार्टी पहले दिन से ही इसकी माँग कर रहे थे । इस  मुद्दे को विपक्ष द्वारा समय समय पर उठाया जाता रहा है एवं इस बाबत प्रधानमंत्री को खत भी प्रेषित किया गया । लेकिन प्रधानमंत्री सामाजिक न्याय की इस नीति को लागू करने से बचते रहे और विपक्ष पर समाज को बांटने का झूठा आरोप लगाते रहे। 

उनका मानना है कि जातिगत जनगणना के अभाव में, सार्थक सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण कार्यक्रमों का क्रियान्वयन अधूरा है, इसीलिए ये सभी वर्गों के लिए ज़रूरी है। जनगणना के लिए इस साल के बजट में भी केवल ₹575 करोड़ का आवंटन है, इसलिए ये सवाल मुनासिब है कि सरकार इसको कैसे और कब पूरा करेगी। उनकी पार्टी ने माँग की है कि मोदी सरकार जल्द से जल्द, बजट का प्रावधान कर, जनगणना और जातिगत जनगणना का काम पूरी पारदर्शिता के साथ चालू करे। हिस्सेदारी न्याय के बिना सबकी प्रगति अधूरी है।

अकबर रोड  स्थित कांग्रेस कार्यालय में  पत्रकारों से रूबरू होकर बोले राहुल गाँधी देश में आरक्षण पर 50 प्रतिशत की सीमा हटाने की मांग भी दोहराई। उन्होंने याद दिलाया कि कांग्रेस पार्टी ने संसद में कहा था कि वे जाति जनगणना कराकर रहेंगे और 50 प्रतिशत की सीमा को भी हटाएंगे। साथ  ही की जाति जनगणना कराने में अपनी पार्टी के सहयोग की पेशकश । उन्होंने तेलंगाना को जाति जनगणना के लिए एक मॉडल बताते हुए कहा कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार पहले ही जाति जनगणना करा चुकी है।

उन्होंने कहा कि तेलंगाना मॉडल को पूरे देश में जाति जनगणना के लिए ब्लूप्रिंट के रूप में अपनाया जा सकता है। हालांकि बिहार में भी जाति जनगणना की गई थी, लेकिन दोनों जनगणनाओं में बहुत अंतर था। उन्होंने कहा कि तेलंगाना में जाति जनगणना के दौरान पूछे जाने वाले प्रश्न हितधारकों से सलाह करके तैयार किए गए थे, और यह एक बहुत विस्तृत प्रक्रिया थी।जाति जनगणना देश में विकास के नए प्रतिमान की ओर पहला कदम होगी।तेलंगाना सरकार ने पहले ही आरक्षण पर 50 प्रतिशत की सीमा हटाने और राज्य में संविधान के अनुच्छेद 15(5) को लागू करने जैसे कदम उठाए गए हैं।

जाति जनगणना से यह पता चलेगा कि पिछड़ों, दलितों और आदिवासियों की देश में कितनी भागीदारी है। यह पहला कदम है, लेकिन हमें और आगे जाना है। हमें पता लगाना है कि देश की संस्थाओं और सत्ता संरचना में इन लोगों की कितनी भागीदारी है। निजी शिक्षण संस्थानों में आरक्षण के लिए अनुच्छेद 15(5) को लागू करने की भी मांग की। उन्होंने सरकार से जाति जनगणना के लिए धन आवंटित करने और इस संबंध में अपना दृष्टिकोण प्रस्तुत करने की मांग की।

राम जन्मभूमि मन्दिर के मुख्य शिखर पर ध्वज दण्ड स्थापित

अयोध्या: आज वैशाख शुक्ल द्वितीया २९ अप्रैल २०२५ मंगलवार प्रातः ८ बजे राम जन्मभूमि मन्दिर के मुख्य शिखर पर ध्वज दण्ड स्थापित किया गया।  विश्व हिंदू परिषद के उपाध्यक्ष  चंपत राय जो कि श्री राम जन्म भूमि  तीर्थ क्षेत्र के। महासचिव  भी हैं। के अनुसार इस ध्वज दण्ड की लम्बाई ४२ फुट है । ध्वज दण्ड लगाने की प्रक्रिया प्रातः ६.३० बजे प्रारंभ होकर प्रातः ८ बजे पूर्ण हुई ।

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने आईएएस सज्जन यादव की किताब का विमोचन किया

दिल्ली : कंस्टीट्यूशन क्लब में SCALING MOUNT UPSC: Inspiring Stories of Young IAS Officers किताब का विमोचन हुआ. इस किताब को केंद्रीय शिक्षा मंत्री माननीय धर्मेंद्र प्रधान ने लॉन्च किया. SCALING MOUNT UPSC: Inspiring Stories of Young IAS Officers किताब के लेखक हैं आईएएस सज्जन यादव जो फिलहाल वित्त मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव हैं। यह पुस्तक उन IAS अधिकारियों की प्रेरक कहानियाँ हैं, जिन्होंने कई बाधाओं के बावजूद अपने दृढ़ संकल्प के बल पर दुनिया की सबसे कठिन और चैलेंजिंग प्रतियोगी परीक्षा में सफलता पाई. सिक्किम की एक दृष्टिबाधित लड़की और केरल के एक सरकारी क्लर्क से लेकर कश्मीर के एक दूरदराज़ गाँव के एक नौजवान और राजस्थान के एक आईआईटी स्नातक तक। यह पुस्तक उन सात दृढ़ निश्चयी युवा स्त्री-पुरुष अधिकारियों की अनूठी कहानियों को समेटे हुए है जिन्होंने इस कठिन IAS परीक्षा में सफलता को हासिल करके दिखाया। इस पुस्तक में तिरुवनंतपुरम् की जूनियर क्लर्क से आईएएस बनीं मिन्नू पी.एम., बिहार के समस्तीपुर के एक छोटे से गांव दिघरा से आए हुए सत्यम गांधी, कभी एक सर्वेंट क्वार्टर में रह चुके और अब आईएएस बने भरत सिंह, दृष्टिबाधा के बावजूद आईएएस बनी अंजलि शर्मा, दक्षिणी कश्मीर के एक गांव से आने वाले वसीम अहमद भट्ट, बिजनौर की रहने वाली श्रुति शर्मा और अमेरिका की चकाचौंध का मोह त्यागकर आईएएस बनने आए लवीश की संघर्षों से भरी कहानी को बख़ूबी प्रस्तुत किया गया है।
किताब का विमोचन करते हुए मुख्य अतिथि, केंद्रीय शिक्षा मंत्री माननीय धर्मेद्र प्रधान ने कहा कि इस किताब में सज्जन यादव जी ने बहुत ही सीधी-सरल भाषा में और रोचक अंदाज में एक प्रतियोगी की मनोदशा को बताया है कि वो जब आईएएस बनने की तैयारी करता है तो किस हालात से गुजरता है। उन्होंने कहा कि हर किसी को कहीं ना कहीं से आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती है। इस किताब में दर्ज सात सफल आईएएस कैंडिडेट की कहानी एक माइल स्टोन की तरह काम करेगी और समाज को प्रेरणा देगी। कार्यक्रम में मौजूद भारत के जी20 शेरपा, रिटायर्ड आईएएस अमिताभ कांत ने कहा कि इस किताब में आईएएस बनने की महत्वाकांक्षा और सफलता की उस बुलंदी तक पहुंचने की जद्दोजहद को बखूबी दर्ज किया गया है जो आने वाली पीढियों को रास्ता दिखायेगी. इसके अलावा इस किताब के माध्यम से पब्लिक सर्वेंट अपना मूल्यांकन भी कर पायेंगे और अपनी जिम्मेवारियों को बेहतर तरीके से समझ पायेंगे । पुस्तक बताती है कि आईएएस परीक्षा में सफलता हासिल करने के लिए भाषा, पृष्ठभूमि या शारीरिक बाधाएँ एक सीमा से ज्यादा प्रभाव नहीं डालतीं. साथ ही, सही रणनीति, एकाग्रता और कठोर परिश्रम किसी भी इंसान को दुनिया में कहीं भी पहुँचा सकते हैं. पुस्तक की किस्सागोई अद्भुत है और इसमें भी प्रकार के उपदेश का पुट नहीं है. भारत के आम युवक-युवतियों के आईएएस जैसी ख़ास परीक्षा में सफल होने के ये उदाहरण ज़रूर लोगों को अपनी तरफ आकर्षित करेंगे, चाहे सिविल सेवा हो या कोई भी महत्त्वाकांक्षी लक्ष्य।  किस्सागोई शैली में कही गई ये कहानियाँ पाठकों को अवश्य अपने सपनों का पीछा करने के लिए प्रेरित करेंगी।
सज्जन यादव ने प्रतिष्ठित लंदन स्कूल ऑफ़ हाइजीन एंड ट्रॉपिकल मेडिसिन (एलएसएचटीएम) से सार्वजनिक स्वास्थ्य में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की है. मिनेसोटा विश्वविद्यालय अमेरिका से सार्वजनिक नीति में मास्टर डिग्री और दिल्ली विश्वविद्यालय से एमबीए किया है। वे वर्तमान में भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग में अतिरिक्त सचिव हैं. सज्जन यादव के पास नीति-निर्माण और कार्यान्वयन के साथ-साथ भारत सरकार व राज्य सरकारों में वरिष्ठ नेतृत्व के पदों पर रहने का तीस वर्षों का समृद्ध तथा विविध अनुभव है। लेखक सज्जन यादव को सार्वजनिक सेवा में असाधारण कार्य के लिए कर्इ पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है, जिनमें 2017-2018 के लिए राष्ट्रीय र्इ-गवर्नेंस पुरस्कार और जनगणना कार्यों में उत्कृष्ट कार्य के लिए भारत का राष्ट्रपति पदक शामिल है।  

1000 से भी अधिक न्यायविद एवं क़ानूनविद ने की विनीत धांडा द्वारा आयोजित केसरी चैप्टर 2 की स्क्रीनिंग

दिल्ली :  भारत की समृद्ध विधिक विरासत को समर्पित एक ऐतिहासिक आयोजन में सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता और दिल्ली हाईकोर्ट में केंद्र सरकार के स्थायी वकील अधिवक्ता विनीत धांडा ने नई दिल्ली में केसरी चैप्टर 2 की विशेष स्क्रीनिंग का आयोजन किया। इस अवसर पर सुप्रीम कोर्ट और दिल्ली हाईकोर्ट के माननीय न्यायाधीशों, भारत के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल्स, और केंद्र सरकार के वरिष्ठ स्थायी अधिवक्ताओं सहित 1000 से अधिक कानूनी विशेषज्ञों ने अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई।
 सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन, दिल्ली हाईकोर्ट बार एसोसिएशन और विभिन्न ज़िला अदालतों की बार एसोसिएशनों के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सदस्य भी इस आयोजन का हिस्सा बने, जिससे यह कार्यक्रम भारत की विधिक बिरादरी के लिए एकता का दुर्लभ और प्रेरणादायक क्षण बन गया। कार्यक्रम की शुरुआत पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकवादी हमले के पीड़ितों की याद में एक मिनट के मौन के साथ की गई—जो राष्ट्रीय एकजुटता और शोक की एक सामूहिक अभिव्यक्ति थी।
अक्षय कुमार, आर. माधवन, अनन्या पांडे और अमित सियाल अभिनीत केसरी चैप्टर 2 भारत के उपनिवेशकालीन इतिहास के एक प्रेरणादायक अध्याय को उजागर करती है—जलियांवाला बाग हत्याकांड के बाद भारतीय वकीलों द्वारा ब्रिटिश साम्राज्य के विरुद्ध शुरू किए गए विधिक संघर्ष को। फिल्म दिखाती है कि कैसे अदालतें भी आज़ादी की लड़ाई में रणभूमि बन गई थीं, जहां बुद्धि और साहस के साथ अन्याय का विरोध किया गया।अधिवक्ता विनीत धांडा—जो राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (NADA) की अनुशासनात्मक समिति के अध्यक्ष भी हैं और भारत सरकार के पूर्व सहायक सॉलिसिटर जनरल रह चुके हैं—ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि यह केवल एक फिल्म की स्क्रीनिंग नहीं है, बल्कि भारत के स्वतंत्रता संग्राम के गुमनाम कानूनी योद्धाओं को श्रद्धांजलि देने के लिए एक ऐतिहासिक संगम है। केसरी चैप्टर 2 हमें यह याद दिलाती है कि न्याय केवल सड़कों पर ही नहीं, अदालतों में भी लड़ा गया था। यह फिल्म उन लोगों के साहस और बुद्धिमत्ता को सलाम है, जिन्होंने कानून के दायरे में रहकर औपनिवेशिक अन्याय को चुनौती दी।
फिल्म में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे अभिनेता आर. माधवन ने भावुक होकर कहा कि वह श्री विनीत धांडा और उनके परिवार का धन्यवाद करते हैं जिन्होंने देशभक्ति से प्रेरित भारतीय फिल्मों को प्रदर्शित करने की इस शानदार पहल को आगे बढ़ाया। यह एक अद्भुत कदम है और वह इस अवसर पर माननीय न्यायाधीशों, माननीय अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल्स, केंद्र सरकार के स्थायी अधिवक्ताओं, और सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली हाईकोर्ट व अन्य जिला बार एसोसिएशनों के सभी मान्य सदस्यों का स्वागत करते हैं । यह फिल्म हमारे लिए एक जुनून का प्रोजेक्ट रहा है और मुझे उम्मीद है कि यह फिल्म आपको भी उतनी ही गहराई से छुएगी जितनी हमें इसे बनाते समय छुई।
अभिनेत्री अनन्या पांडे ने भी इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि वह विनीत सर और उनके परिवार को देशभक्ति से प्रेरित फिल्मों को प्रदर्शित करने की इस महान पहल के लिए धन्यवाद देती हैं । वह सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली हाईकोर्ट और अन्य जिला अदालतों के बार एसोसिएशन के सभी मान्य सदस्यों का स्वागत करती हैं । 
यह आयोजन भारत के कानूनी इतिहास के भूले-बिसरे योद्धाओं को समर्पित एक प्रेरणादायक श्रद्धांजलि बन गया, जिसने आज के कानूनी संरक्षकों में एक नई ऊर्जा और गर्व का संचार किया।

सरदार प्रकाश सिंह बादल की बरसी के मौके पर कीर्तन दरबार

 

दिल्ली: शिरोमणि अकाली दल की दिल्ली इकाई द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय सरदार प्रकाश सिंह बादल की बरसी के मौके पर उनकी याद में के.के. बिड़ला लेन, लोदी एस्टेट स्थित संसद सदस्य बीबी हरसिमरत कौर बादल के आवास पर कीर्तन दरबार का आयोजन किया गया। इसमें दिल्ली की सिख संगत और अकाली कार्यकर्ताओं ने बड़ी संख्या में भाग लिया। मौके पर संबोधित करते हुए शिरोमणि अकाली दल की दिल्ली इकाई के प्रधान और दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व अध्यक्ष सरदार परमजीत सिंह सरना ने कहा, “सरदार प्रकाश सिंह बादल में निर्णय लेने की अद्वितीय क्षमता थी और उन्होंने पूरी ज़िंदगी पंथ, पंजाब और पार्टी के लिए समर्पित की।” इसके साथ ही उन्होंने कहा, “मास्टर तारा सिंह से लेकर आज तक सरदार सुखबीर सिंह बादल तक हर अकाली नेता की चरित्र हत्या एक सोची-समझी साजिश के तहत की जाती रही है और हमारे ही बीच से कुछ लोग सरकारी हथियार बन बैठे हैं, लेकिन आज का यह एकत्र सरकार को यह बताने के लिए काफी है कि सिख अकाली दल के साथ हैं।”

 उन्होंने कहा कि हम जन्म से अकाली हैं और अकाली रहेंगे, और अकाली दल के साथ कठिन समय में खड़ा रहना हमारा फर्ज़ है, जिसे हम पूरी निष्ठा से निभाएंगे। उन्होंने दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की ओर से सरदार मनजीत सिंह जी.के. के खिलाफ की जा रही दुर्भावनापूर्ण बयानबाज़ी की भी निंदा की।इस अवसर पर दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व अध्यक्ष सरदार हरविंदर सिंह सरना ने सरदार प्रकाश सिंह बादल को राजनीति का युग पुरुष बताया और कहा कि यह संतोषजनक है कि उनकी विरासत को उनके पुत्र सरदार सुखबीर सिंह बादल अच्छे तरीके से आगे बढ़ा रहे हैं। शिरोमणि अकाली दल की कोर कमेटी के सदस्य और दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व अध्यक्ष सरदार मनजीत सिंह जी.के. ने अपने संबोधन में सरदार प्रकाश सिंह बादल और अपने पिता जत्थेदार संतोष सिंह के संबंधों को याद किया और कहा, “अगर पंजाब में बड़े पैमाने पर विकास कार्य हुए हैं तो वह सरदार प्रकाश सिंह बादल के नेतृत्व वाली अकाली सरकार की देन हैं। इसके अलावा उन्होंने सिख इतिहास से संबंधित स्मारकों का निर्माण करवाकर सिखी के प्रति अपनी आस्था को समर्पित किया।” उन्होंने दिल्ली के सिखों से अपील की कि वे आगामी दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के चुनावों में बढ़-चढ़कर वोट बनवाएं।
 
इस अवसर पर अन्य प्रतिष्ठित व्यक्तियों ने भी अपने संबोधन में सरदार प्रकाश सिंह बादल को श्रद्धांजलि अर्पित की। कार्यक्रम में जतिंदरसिंह साहनी महासचिव, दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सदस्य सरदार जतिंदर सिंह सोनू, सरदार परमजीत सिंह राणा, सरदार सतनाम सिंह खालसा,  सरदार अमरीक सिंह विकासपुरी, सरदार कुलतरन सिंह कोचर, सरदार तलविंदर सिंह मरवाह, सरदार करतार सिंह चावला, सरदार सुरिंदर सिंह दारा, सरदार मोहिंदर सिंह, सरदार गुरविंदर सिंह मठाड़ू, पार्टी के यूथ प्रधान रमनदीप सिंह सोनू, सरदार अरविंदर सिंह रानी बाग, सरदार सतनाम सिंह जगा और सरदार मनजीत सिंह सरना सहित बड़ी संख्या में अकाली कार्यकर्ता मौजूद रहे।

आतंकवादियों द्वारा धर्म पूछ कर किया गया जघन्य नरसंहार देश पे हमला है बदला जरूर लेगा भारत

दिल्ली : विश्व हिंदू परिषद ( विहिप) के आह्वान पर आज हिंदू संगठनों और साधु संत समाज ने जंतर मंतर पर पहलगांव आतंकी हमले के विरोध में  किया श्रद्धांजलि सभा का आयोजन कर किया  विशाल आक्रोश प्रदर्शन। सभा को सम्बोधित करते हुए विहिप अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष एडवोकेट आलोक  कुमार ने अपने वक्तव्य में कहा कि कश्मीर के पहलगांव में घूमने के लिए गए 26 हिंदू पर्यटकों का इस्लामी आतंकवादियों द्वारा धर्म पूछ कर किया गया जघन्य नरसंहार देश के ऊपर किया गया हमला है जिसका बदला भारत जरूर लेगा।   कश्मीर  में हुआ आतंकी हमला एक षड्यंत्र है और यह केवल हिंदुओं पर हमला नहीं है बल्कि कश्मीरियों को भी धोखा देने जैसा है। 
आज पाकिस्तान अकेला पड़ा हुआ है। जब तक अफगानिस्तान में अमेरिका था, अमेरिका को पाकिस्तान की जरूरत थी। चार साल से जरूरत नहीं है। पाकिस्तान आर्थिक गरीबी से जूझ रहा है और अमेरिका मदद नहीं कर रहा है। सऊदी अरब हमेशा पाकिस्तान के साथ रहा है, लेकिन इस बार नहीं। इस बार खाड़ी के किसी देश ने पाकिस्तान का समर्थन नहीं किया। ईरान ने भी पाकिस्तान का समर्थन नहीं किया है। अंदर की हालत यह है कि वहाँ जो सीमा अफगानिस्तान के साथ है, वहाँ आतंकी घटनाएं हो रही हैं। जो सीमा ईरान के साथ है, वहाँ लोग मारे जा रहे हैं। इस हालत में यह दुस्साहस करने की पाकिस्तान को भरी कीमत चुकानी पड़ेगी। जब गुलाम कश्मीर को भी भारत आजाद कराने का समय आ गया है। 
 उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने भी पाकिस्तान के खिलाफ सिर्फ प्रस्ताव पास करके अपने काम को पूरा नहीं माना बल्कि जवाबी कार्रवाई  करने की बात भी की है। सरकार ने कहा है कि हम हर उस सीमा तक जाएंगे कि पाकिस्तान की भारत पर नजर उठाने की हिम्मत भी न हो। हम अपनी सरकार पर विश्वास रखते हैं और अपनी सेनाओं पर विश्वास रखते हैं। आतंकी हमले के विरोध में जनाक्रोश   को संविधान और कानून की मर्यादा के अंदर रहकर करना आवश्यक है। हमें अपने देश में कानून और व्यवस्था बनाए रखना है। सारा देश एक स्वर में बोल रहा है।
इस आक्रोश सभा को सम्बोधित करते हुए बजरंग दल राष्ट्रीय संयोजक  नीरज दनौरिया ने कहा कि आतंकी हमले के दौरान जिहादियों ने हिंदुओं का धर्म पूछा जो अत्यंत चिंता का विषय है। यही प्रश्न आज से पहले इसी कश्मीर में 1990 को भी पूछे गए थे। सभी मस्जिदों से यह आवाहन हुआ था। यह संदेश दिया गया था कि हिंदुओं, कश्मीर छोड़ो। यह हमला केवल आतंकवादी घटना नहीं है, बल्कि यह एक साजिश है कि किस प्रकार से कश्मीर घाटी को हिंदू विहीन रखा जाए। जो लोग वहाँ पर फिर से बसने लगे हैं, जो वहाँ जाने लगे हैं, जो हिंदू वहाँ व्यापार करने लगे हैं, वे भयभीत होकर फिर से कश्मीर घाटी छोड़ रहे हैं। यह धमकाने और साजिश करने का प्रयास है। हमें यह समझना चाहिए कि इस समय वही जो 1990 में हो रहा था। आतंकियों ने न जाति पूछी, न भाषा पूछी, न धर्म पूछा, केवल यह पूछा कि क्या आप हिंदू हैं, और हिंदू कहते ही सिर में गोली मार दी। यह भी कहा कि कलमा पढ़कर बताओ। यह एक धार्मिक हिंसा है।
पहलगांव इस्लामिक जिहाद में मारे गए हिंदुओं को श्रद्धांजलि देने एवम आक्रोश सभा में हिंदू समाज से आए सैकड़ों प्रतिनिधियों का विहिप के दिल्ली प्रांत अध्यक्ष कपिल  खन्ना ने धन्यवाद दिया और प्रांत मंत्री श्री सुरेन्द्र गुप्ता हिंदू समाज को एकजुट होने का आह्वान किया। 
महंत नवल किशोर जी महाराज,धर्म यात्रा महासंघ के श्री प्रमोद,केंद्रीय आर्य प्रतिनिधिसभा के सतीश  चड्ढा , सनातन धर्म प्रतिनिधि सभा के  योगी जी महाराज, बौद्ध संत  राहुल भंते जी, वाल्मीकि आश्रम से  कृष्ण शाह विद्यार्थियों जी, सुशील  मुनि जी महाराज , विहिप दिल्ली प्रान्त संगठन मंत्री सुबोध, बजरंग दल प्रांत संयोजक  जगजीत सिंह गोल्डी , प्रांत सह मंत्री  अशोक गुप्ता , सुनील सूरी, प्रांत प्रचार प्रसार प्रमुख  प्रणव गोस्वामी , सह प्रचार प्रसार प्रमुख   संजीव सहित सैंकड़ो कार्यकर्ता उपस्थित  थे ।

हिन्दू पर्यटकों पर आतंकवादी हमला, सनातन नहीं सहेगा: स्वामी राघवानंद

 
दिल्ली: स्वामी राघवानंद, राष्ट्रीय अध्यक्ष, श्री सनातन धर्म प्रतिनिधि सभा, दिल्ली ने आज बयान जारी किया कि देश में और विशेष रूप से हिंदुओं  के प्रति आतंकवादियों का रवैया अत्यंत निंदनीय है।  धर्म के आधार पर नाम पूछते हुए कई लोगों पर फायरिंग की गई, निहत्थे हिंदुओं को मौत के घाट उतार दिया गया। इसके विरुद्ध निर्णयात्मक कार्यवाही करने के लिए  देश के आदरणीय गृह मंत्री अमित शाह , दिल्ली के सभी सांसदों तथा दिल्ली की मुख्यमंत्री श्रीमती रेखा गुप्ता जी को पत्र भी लिखा गया  है।
 यह हमला मात्र हिन्दू पर्यटकों पर नहीं अपितु संपूर्ण भारत की एकता, अखंडता और मानवता के विरुद्ध है। यह  धर्म के प्रति, सनातन धर्म के प्रति बहुत बड़ा कुठाराघात है।जगद्गुरु स्वामी योगी महाराज, राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष जी ने कहा देश एक और जहां प्रगति के रास्ते पर है, वह विश्व की महत्वपूर्ण अर्थव्यवस्था बनने कि ओर है, वहां महिषासुर की तरह अनेक राक्षस रोकने पर लग रहे हैं। कल सुबह  सभी 9.30 बजे विश्व हिंदू परिषद के साथ जंतर मंतर पहुंचे।
धर्म  प्रतिनिधि सभा इस घटना की भर्त्सना करती है, सरकार से आग्रह करती है, कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जाए तथा हिंदुओं की सुरक्षा एवं उन्हें आतंकवाद से बचाने के लिए विशेष रूप से उपाय किए जाने चाहिए। उन मासूम परिवारों के प्रति पूर्ण श्रद्धा एवं संवेदना प्रकट करती हैं जिन्होंने अपने परिजनों को अपने सामने मृत्यु को प्राप्त होते देखा । सनातन धर्म प्रतिनिधि सभा उनके प्रति हमारी सम्पूर्ण आस्था के साथ उनके साथ है जिन्होंने अपने परिजनों को अपने सामने खोया है। दिल्ली के सभी सनातन धर्म मंदिरों एवं सभी धार्मिक एवं सामाजिक संस्थाओं से आग्रह है कि सभी कल अधिक से संख्या में पहुंचे।

कायराना सुनियोजित आतंकी हमला करार देते हुए उकसावे के बावजूद शांति बनाए रखने की अपील:सीडब्ल्यूसी

दिल्ली: पहलगांम में हुए आतंकी हमले  के मद्देनजर  कांग्रेस सीडब्ल्यूसी की बैठक में  गहरा शोक और कड़ी निंदा करते  हुए इस जघन्य हमले में  मारे गए 26 निर्दोष पर्यटकों  और 20 से अधिक गंभीर रूप से घायलॉ के शोकसंतप्त परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की गई । कमेटी के सदस्यों ने इसे कायराना और सुनियोजित आतंकी हमला करार  देते हुए  उकसावे के बावजूद शांति बनाए रखने की अपील की ।

राष्ट्र की सामूहिक इच्छाशक्ति को अभिव्यक्त करने के लिए, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने 22 अप्रैल की रात को ही माननीय प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक बुलाने का आग्रह किया था। यह बैठक आज के लिए निर्धारित की गई है।यह ध्यान देने योग्य है कि पहलगाम एक अत्यंत सुरक्षित क्षेत्र माना जाता है, जहाँ त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था लागू है। ऐसे में यह आवश्यक है कि इस केंद्रशासित प्रदेश — जो सीधे केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन है — में हुए इस हमले की पृष्ठभूमि में सुरक्षा तंत्र की कमियों और व्यवस्थागत चूकों की विस्तृत और निष्पक्ष जांच की जाए। इन सवालों को जनहित में उठाना जरूरी है, ताकि प्रभावित परिवारों को न्याय होता हुआ स्पष्ट रूप से नजर आ सके।

अमरनाथ यात्रा शीघ्र ही प्रारंभ होने वाली है। देशभर से लाखों श्रद्धालु इस वार्षिक यात्रा में भाग लेते हैं और उनकी सुरक्षा को राष्ट्रीय प्राथमिकता के रूप में देखा जाना चाहिए। इसके लिए ठोस, पारदर्शी और सक्रिय सुरक्षा उपाय तुरंत लागू किए जाने चाहिए। श्रद्धालुओं की सुरक्षा के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर के उन लोगों की आजीविका की भी रक्षा की जानी चाहिए, जिनका जीवन पर्यटन पर निर्भर करता है — यह कार्य पूर्ण ईमानदारी और गंभीरता के साथ किया जाना चाहिए।

कमेटी के सदस्यों का मानना है कि इस नरसंहार की जम्मू-कश्मीर के सभी राजनीतिक दलों और समाज के विभिन्न वर्गों द्वारा सर्वसम्मति से निंदा की गई है। किंतु यह अत्यंत चौंकाने वाली बात है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) इस गंभीर त्रासदी का दुरुपयोग अपनेआधिकारिक और परोक्ष सोशल मीडिया मंचों के माध्यम से और अधिक वैमनस्य, अविश्वास, ध्रुवीकरण और विभाजन फैलाने के लिए कर रही है — जबकि इस समय सबसे अधिक आवश्यकता एकता और एकजुटता की है।

ओखला लैंड फिल साइट दुर्घटना में पैर गवाने वाले कर्मचारी को 26.33 लाख की मदद

दिल्ली: ओखला लैंड फिल साइट पर ड्यूटी के दौरान दुर्घटना में अपने दोनों पैर गंवाने वाले सफाई कर्मचारी शीशपाल को एमसीडी की तरफ से 26 लाख 33 हजार 500 रुपए की आर्थिक मदद दी गई है। बुधवार को सेंट्रल जोन के उपायुक्त कार्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम में दिल्ली नगर निगम के मेयर महेश कुमार खिंची ने पीड़ित शीशपाल को यह आर्थिक मदद दी। मेयर ने बताया कि एमसीडी के कर्मचारियों ने अपनी सैलरी से 22.33 लाख और सेंट्रल जोन ने 3 लाख रुपए दिए हैं, जबकि मेयर फंड से एक लाख रुपए दिए गए हैं। साथ ही, शीशपाल के बेटे को उनकी जगह सफाई कर्मचारी की नौकरी दी जाएगी। अगले 10 दिन में उनको नियुक्ति पत्र दे दिया जाएगा।
मेयर ने बताया कि तीन फरवरी 2025 को लाजपत नगर जोन स्थित ओखला लैंड फिल साइट पर काम करने के दौरान सफाई कर्मचारी शीशपाल के पैरों पर जेसीवी का पहिया चढ़ गया था। इसकी वजह से उनके दोनों पैरों को काटने पड़े। इस बात से पूरा एमसीडी दुखी था कि एमसीडी के कर्मचारी के साथ इस तरह की दुखद घटना घटी। इस संबंध में मैंने कर्मचारियों बैठक की और उसमें शीशपाल को आर्थिक मदद पहुंचाने को लेकर चर्चा हुई। इसके बाद सभी अधिकारियों के साथ भी बैठक की। हमने शीशपाल को अधिक से अधिक आर्थिक मदद देने का निर्णय लिया।
उन्होंने कहा कि एमसीडी के सभी कर्मचारियों ने एकत्र करके 22 लाख 33 हजार 500 रुपए शीशपाल को दिए हैं। यह पैसा पूरी एमसीडी के सभी कर्मचारियों की सैलरी से एकत्र करके दिया गया है। कर्मचारियों ने अपनी कटेगरी के अनुसार आर्थिक मदद की है। यह पैसा शीशपाल के बैंक खाते में आरटीजीएस करा दिया है। साथ ही, सेंट्रल जोन के कर्मचारियों ने तीन लाख रुपए की आर्थिक मदद की है। इसके अलावा, मेयर फंड से एक लाख रुपए का चेक दिया गया है। शीशपाल ने अपने बेटे को अपनी जगह नौकरी देने की मांग की थी। हमने उनके बेटे को नौकरी देने का निर्णय लिया है। अगले दस दिनों के अंदर उनके बेटे को नियुक्ति पत्र दे दिया जाएगा। दिल्ली नगर निगम हमेशा अपने कर्मचारियों के साथ खड़ी है। हम अपने कर्मचारियों को कोई भी परेशानी नहीं आने देंगे। सभी कर्मचारियों ने एकता दिखाते हुए आज यह आर्थिक मदद की है। भविष्य में भी शीशपाल को कोई मदद की जरूरत होती है तो हम हमेशा उनके साथ खड़े हैं। 

बैसाखी की रात - पंजाबी आइकन अवार्ड्स 2025 ने मुंबई को पंजाबी भावना से जगमगा दिया

 

मुंबई: सपनों के शहर ने सांस्कृतिक गौरव, सिनेमाई चमक और प्रतिष्ठित उत्कृष्टता से भरी एक रात देखी, जब पंजाबी सांस्कृतिक विरासत बोर्ड ने चरण  सिंह सपरा के दूरदर्शी नेतृत्व में मुंबई में “बैसाखी की रात - पंजाबी आइकन अवार्ड्स 2025” की मेजबानी की - एक ऐसी शाम जो पंजाब की भावना जितनी ही शानदार थी! जी.एस. बावा / जी.एन. खालसा कॉलेज द्वारा प्रस्तुत, बैसाखी की रात का यह वर्ष का संस्करण उद्योगों में पंजाबी उत्कृष्टता के लिए एक शानदार श्रद्धांजलि थी, जो समुदाय को आगे बढ़ाने और प्रेरित करने वाले अग्रदूतों का जश्न मनाता है।

पंजाबी आइकॉन अवॉर्ड्स 2025 ने मनोरंजन, नेतृत्व और व्यवसाय के क्षेत्र में कुछ सबसे उल्लेखनीय नामों को सम्मानित किया: *बॉबी देओल* - भारतीय सिनेमा में उनके स्थायी योगदान और एक पावरहाउस कलाकार के रूप में उनके पुनरुत्थान के लिए, *रवीना टंडन* - एक कालातीत दिवा और सिनेमाई आइकन के रूप में सम्मानित, *अंगद बेदी* - मनोरंजन में उनकी गतिशील उपस्थिति और बहुमुखी प्रतिभा के लिए, *ओंकार सिंह* - प्रगतिशील परिवर्तन को आकार देने वाले एक दूरदर्शी नेता के रूप में पहचाने गए, *संदीप बत्रा* - एक कॉर्पोरेट ट्रेलब्लेज़र के रूप में उनकी उत्कृष्टता और प्रभाव के लिए स्वीकार किए गए

अनुभवी अभिनेता और राजनीतिक दिग्गज *राज बब्बर*, सुंदर अभिनेत्री *गीता बसरा*, हमेशा बहुमुखी *सुशांत सिंह*, एक्शन हीरो *मुकेश ऋषि*, महान संगीतकार *अनु मलिक*, कॉमेडी क्वीन *उपासना सिंह*, हिटमेकर और संगीत सनसनी *रामजी गुलाटी*, टेलीविजन के प्रिय सितारे *ईशा सिंह* और *अविनाश मिश्रा* और कई अन्य प्रसिद्ध हस्तियों ने इस अवसर पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।शाम को शानदार और वाक्पटु सतिंदर सत्ती ने शानदार तरीके से मंच पर अपनी प्रस्तुति दी, जिन्होंने मंच पर पंजाबी गौरव और संयम का परिचय दिया। बॉलीवुड की दिलकश गायिका अफसाना खान ने जब एक दमदार लाइव परफॉरमेंस दी, तो दर्शकों की ऊर्जा चरम पर पहुंच गई।
 
*पंजाबी सांस्कृतिक विरासत बोर्ड के अध्यक्ष चरण सिंह सपरा के शब्दों में*, _“यह कार्यक्रम केवल पुरस्कारों के बारे में नहीं है। यह हमारी जीवंत संस्कृति, अदम्य पंजाबी भावना और अपने-अपने क्षेत्रों में उत्कृष्टता और प्रेरणा की विरासत को आगे बढ़ाने वाले व्यक्तियों का उत्सव है” । *बैसाखी की रात - पंजाबी आइकन अवार्ड्स 2025* ने एक बार फिर साबित कर दिया कि पंजाब का दिल दुनिया के हर कोने में जोर से और गर्व से धड़कता है - खासकर मुंबई में, जहां समुदाय, संस्कृति और करिश्मा उत्सव और गौरव की रात के लिए एक साथ आए।

नेशनल हेराल्ड मामले पर गरजे चिदंबरम माँगा सबूत

 दिल्ली: नेशनल हेराल्ड मामले में मीडिया से रूबरू हो के  बोले पूर्व मंत्री पी चिदंबरम  कहा कि कहाँ है अपराध कहाँ है?  अपराध की कमाई? भ्रष्टाचार का पैसा कहाँ है ? कहाँ है धनशोधन का मामला ? मांगा सबूत । पीएमएलए ने अभी तक  ईडी  द्वारा दाखिल चार्ज शीट पर संज्ञान नहीं लिया है । उनका दावा है कि पैसे का कोई लेन-देन हुआ ही नहीं । उन्होंने मौजूदा सियासत पर लगाया आरोप कहा कि  कांग्रेस के  शीर्षस्थ नेता सोनिया गांधी और लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी की प्रतिष्ठा को निशाना बनाने के लिए खुलकर हो रहा है सत्ता का दुरपयोग  कर हो रही है प्रतिशोधात्मक कार्यवाही ।

उनकी पार्टी  इस राजनैतिक हमले का पुरजोर विरोध कर  नाकाम करेगी । दिल्ली सहित देश के 57 शहरों में होगी प्रेस कॉन्फ्रेंस । ईडी याने कि प्रवर्तन निर्देशालय ने इस मामले में 988 करोड़ रुपये के धनशोधन के लिए कांग्रेस के इन दो शीर्षस्थ नेताओं के ख़िलाफ़ अदालत में चार्ज शीट दाखिल  की है । पूर्व मंत्री ने बताया कि नेशनल हेराल्ड 1937-38 में पंजीकृत कंपनी एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) के स्वामित्व में है। जो कि पब्लिक लिमिटेड कंपनी है। एजेएल की भारत में छह अचल संपत्तियां है। सिर्फ लखनऊ में संपत्ति एक फ्रीहोल्ड संपत्ति है। दिल्ली, पंचकुला, मुंबई, पटना और इंदौर कीय संपत्तियां लीज़होल्ड है जिन्हें शर्त पर सरकार द्वारा आवंटित किया गया हैं कि ये संपत्तियां  बेची नहीं जा सकती है।समय के साथ, एजेएल ने भारी नुकसान उठाया। एजेएल (और नेशनल हेराल्ड) करों, वैधानिक बकाया, या मजदूरी और वेतन का भुगतान नहीं कर सका था। एजेएल की बकाया देनदारियां अत्यधिक बढ़ती गईं। 2002 और 2011 के बीच, कांग्रेस पार्टी ने 90 करोड़ रुपये की राशि, चेक द्वारा, छोटी-छोटी किश्तों में एडवांस में दिया था। इस राशि का उपयोग बकाया देनदारियों सहित वेजेस व वेतन देने के लिए किया गया।एजेएल एक कर्ज में डूबी कंपनी थी।  कानूनी सलाह पर, कंपनी के पुनर्गठन का निर्णय लिया गया। 2010 में, एक नई कंपनी, यंग इंडियन को कंपनी अधिनियम, 1956 की धारा 25 के तहत एक नॉट-फॉर-प्रॉफिट कंपनी के रूप में गठित किया गया था (अब कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 8)। यंग इंडियन कम्पनी में 4 शेयर धारक थे, जो कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारी थे।

यंग इंडियन के 50 लाख रुपये के भुगतान के एवज में एजेएल को कांग्रेस पार्टी द्वारा एडवांस 90 करोड़ रुपये का ऋण दिया। यंग इंडिया एजेएल के ऋणदाता बन गए।  चूंकि एजेएल से ऋण अपूरणीय था, इसलिए दो कंपनियों द्वारा यह तय किया गया था कि ऋण को इक्विटी में बदल दिया जाएगा और तदानुसार, इक्विटी शेयर एजेएल द्वारा यंग इंडिया को जारी किए गए थे।  इक्विटी में ऋण का रूपांतरण फिर से कम्पनियों को दोबारा संरचित करने के लिए जाता है। बैंक इसे नियमित रूप से करते हैं। यंग इंडियन एक नॉट-फॉर-प्रॉफिट कंपनी है, जो धारा 25 (अब धारा 8 है) के तहत यदि लाभ कमाता है, तो यह अपने शेयरधारकों को वेतन या लाभांश नहीं दे सकता है या वितरित नहीं कर सकता है। निगमन के बाद से, यंग इंडिया के द्वारा अपने निवेशकों या शेयरधारकों को एक भी रुपये का भुगतान नहीं किया गया है। आयकर विभाग ने एजेएल की संपतियों का आंकलन 413 करोड़ रुपये किया है। 2013 में, एक व्यक्तिगत शिकायतकर्ता ने यंग इंडिया के निदेशकों के खिलाफ एक निजी शिकायत दर्ज की, जिसमें उनके खिलाफ धोखा और साजिश इत्यादि का आरोप लगाया। शिकायतकर्ता के क्रॉस-एग्जामिनेशन के दौरान शिकायतकर्ता ने 2020 में दिल्ली उच्च न्यायालय एक अपील दायर की और ट्रायल कोर्ट में आगे की कार्यवाही पर स्टे लिया। अर्थात प्रभावी रूप से आपराधिक मामला रुका हुआ है।  

5 मई तक दिल्ली भाजपा चलायेगी प्रदेश भर में वक्फ सुधार जनजागरण अभियान

दिल्ली: प्रदेश भाजपा द्वारा आज से पूरे प्रदेश में वक्फ सुधार जनजागरण अभियान की शुरुआत की गई जिसको लेकर दिल्ली प्रदेश भाजपा कार्यालय में अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जमाल सिद्दीकी एवं प्रदेश महामंत्री श्री विष्णु मित्तल की उपस्थिति में एक बैठक की गई। बैठक में कार्यक्रम के संयोजक श्री आतिफ रशीद,  अल्पसंख्यक मोर्चा दिल्ली प्रदेश प्रभारी कारी मोहम्मद हारून, अध्यक्ष अनीश अब्बासी के अलावा अनेकों जिला अध्यक्ष वा प्रदेश टीम के लोग उपस्थित रहे। मौके पर भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल  सिद्दीकी ने मुस्लिम समाज को वक्फ संशोधन बिल से मिलने वाले लाभ के विषय में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 5 मई तक मंडल स्तर पर इस जन जागरण अभियान का आयोजन किया गया है ताकि विपक्ष द्वारा दिल्ली के लोगों को वक्फ संशोधन बिल को लेकर फैलाए जा रहे भ्रम को दूर किया जा सके। 
भाजपा सरकार किसी भी हालत में वक्फ बोर्ड को कमजोर नहीं करना चाहती है बल्कि उसे लौह स्तंभ की तरह और मजबूत करना चाहती है जिसके लिए कुछ संशोधन किए गए है और जो देश के मुसलमानों को धैर्यपूर्ण समझने की आवश्यकता है।उन्होंने कहा कि इस बिल के माध्यम से देश के अनेकों राज्यों में भाजपा सरकार वक्फ़ प्रॉपर्टियों को कब्जे से मुक्त करवाएगी और गरीब, पिछड़े मुस्लिमों को उनका हक दिलवाने का काम करेगी और इसी कारण इन प्रापर्टी चोरों पर नकेल कसने के लिए ही ये संशोधन बिल लाया गया है। आने वाले समय में भारत में मुसलमानों का विकास होने से कोई रोक नहीं सकता क्योंकि दुनिया में लोगों का भला करने के लिए अल्लाह अपना एक बंदा भेजता है और हमारे बीच प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी अल्लाह के उसी बंदे के रूप में कार्य कर रहे हैं।
वही पार्टी के प्रदेश महामंत्री  विष्णु मित्तल ने कहा कि वक्फ़ बोर्ड का मतलब भ्रष्टाचार का अड्डा लेकिन प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की दूरदर्शिता के चलते और देश के मुसलमानो के अधिकारों की रक्षा करते हुए इस बिल को पास करवाया जिससे अब भ्रष्टाचारियों द्वारा कब्जाई जमीनें मुक्त हो सकेंगी और जरूरतमंदों के हितों में काम आ सकेंगी।

मिसेज ग्लोब इंटरनेशनल की विजेता बनकर गर्व से भारत लौटीं अनुराधा गर्ग

दिल्ली: मिसेज ग्लोब इंटरनेशनल' जैसे प्रतिष्ठित सौंदर्य प्रतियोगिता के मंच पर अपने रूप—सौंदर्य का पताका वैश्विक स्तर पर फहराते हुए अंतर्राष्ट्रीय स्तर का खिताब हासिल कर देश का मान—सम्मान बढ़ाने वाली  मिसेज अनुराधा गर्ग की इस बेमिसाल जीत का राजधानी दिल्ली में जमकर जश्न मनाया गया। अनुराधा गर्ग की कामयाबी का जश्न यहां के द पार्क होटल में मनाया गया और इस अवसर पर बाकायदा एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन भी किया गया। 
बता दें कि प्रतिष्ठित व्यक्तित्व के साथ शक्ति व शालीनता की प्रतिमूर्ति अनुराधा गर्ग ने प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय सौंदर्य प्रतियोगिता में प्रथम स्थान हासिल किया है। बताया जाता है कि 'मिसेज ग्लोब इंटरनेशनल' जैसे प्रतिष्ठित सौंदर्य प्रतियोगिता के मंच पर अनुराधा गर्ग ने दमदार उपस्थिति के जरिये अपने आत्मविश्वास, दृढ़ संकल्प के साथ भारतीय नारीत्व की भावना को वैश्विक मंच पर जमकर दर्शाया। कुछ समय पहले जब वह इस प्रतियोगिता में शामिल होने के लिए दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट पर पहुंची थीं, तो उन्हें शुभकामना देने के लिए उनके प्रशंसकों की भीड़ उमड़ पड़ी थी। अनुराधा गर्ग के नाम और तस्वीर से लैस बैनर और पोस्टर पूरे इलाके में अटे पड़े थे और उनके शुभचिंतक और प्रशंसक 'मिसेज ग्लोब इंटरनेशनल' जैसे वैश्विक मंच पर उनकी सफलता की कामना के साथ ईश्वर से दुआ भी कर रहे थे। खास बात यह कि भारत की शीर्ष रूप—सुंदरियों का उचित मार्गदर्शन करने में हमेशा अग्रणी मिसेज इंडिया इंक की राष्ट्रीय निदेशक मोहिनी शर्मा भी इस अवसर पर अनुराधा गर्ग के साथ मौजूद रहकर अद्भुत पल के उत्साह को साझा कर रही थीं। 
प्रेस कांफ्रेंस में मोहिनी शर्मा ने कहा, 'अनुराधा गर्ग प्रेरणा की किरण हैं। वह भारतीय महिलाओं के साहस, शान और नारीत्व का बेहतरीन प्रतिनिधित्व करती हैं। हमेगं आज यह कहते हुए गर्व महसूस हो रहा है कि उन्होंने 'मिसेज ग्लोब इंटरनेशनल' की विजेता बनकर भारत को गौरवान्वित किया है।' वहीं, अपना आभार जताते हुए अनुराधा गर्ग ने कहा कि वैश्विक मंच पर भारत का प्रतिनिधित्व करना मेरे लिए एक विशेषाधिकार और जिम्मेदारी भरा काम था। मुझे खुशी है कि इस वैश्विक मंच पर मैं हमारे देश की सांस्कृतिक सुंदरता और भारतीय महिलाओं की ताकत को बेहतर तरीके से प्रदर्शित कर सकी। यह सिर्फ़ मेरी यात्रा नहीं है, बल्कि यह हर उस महिला की है, जो सपने देखती और उसे पूरा करने की हिम्मत भी रखती है।

 

ट्रेंगल लव स्टोरी बनी हत्या का करण

दिल्ली: क्राइम ब्रांच अंतरराज्य प्रकोष्ठ द्वारा गठित टीम ने करनाल से 19 वर्षीय रिजवान को गिरफ्तार कर  मात्र 48 घंटे में पूर्वी दिल्ली के जीटीबी एनक्लेव में एक 20 साल की लड़की की गोली मारकर की गई हत्या की गुत्थी को सुलझाया । हत्या का कारण ट्रेंगल अफेयर बताया जा रहा है । गिरफ्तार अभियुक्त पेशे से वेल्डर था एवं  उसका संपर्क मृतका के साथ इंस्टाग्राम पर हुआ  था । समय  के साथ दोनों ही एक दूसरे के करीब आ गए  ।  इसी दौरान  मृतका की दोस्ती किसी  अन्य लड़के के साथ हो गई  । 

अभियुक्त क्यूंकि  मृतका को दीवानगी की हद तक चाहता था उसने  मृतका पर नए दोस्त से संबंध तोड़ने का दबाव डाला ।  मृतका द्वारा इंकार किए जाने पर आवेश में आकर उसने गोली मारकर हत्या कर दी और मौका-ए- वारदात  से फरार हो गया । सीसीटीवी एवं  तकनीकी सर्विलेंस के आधार पर उसे करनाल में धार दबोचा । उसने वही कपड़े पहने थे जो कि सीसीटीवी  क्लिप  में फ़ायर करने वाले ने  पहने थे और  हुलिया भी मैच  कर रहा था ।  अभियुक्त  पूर्वी दिल्ली की सुंदर नगरी का  रहने वाला है और हिरासत में है  ।  हत्या के दौरान जो जूते उसने पहने थे जो कि  वारदात के दौरान टूट गए थे एवं हत्या के लिए इस्तेमाल किया गया हथियार बरामद हो गया है । 

 

नियमों की खुल्लम-खुल्ला अवहेलना करके दिल्ली कमेटी पर कब्ज़ा: जतिंदर सिंह सोनू और सतनाम सिंह

दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी, जिसे कौम की एक प्रतिष्ठित संस्था माना जाता था, जिसे हमारे बुज़ुर्गों ने दिल्ली में गुरुधामों की सेवा को सुसंगठित रूप से संभालने, सिखी के प्रचार-प्रसार और सिख परंपराओं की रक्षा हेतु स्थापित किया था। इस कमेटी में कई सम्मानित और कौमी हितों के लिए समर्पित व्यक्तित्वों ने सेवा निभाई है। दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सदस्य सरदार जतिंदर सिंह सोनू और सरदार सतनाम सिंह के अनुसार जब से मौजूदा गुट ने सरकारी सरपरस्ती के तहत नियमों की खुल्लम-खुल्ला अवहेलना करके दिल्ली कमेटी पर कब्ज़ा किया है, तब से इन्होंने एक-एक करके हमारी परंपराओं और रिवायतों को मिटाने का मिशन शुरू कर दिया है। इसकी ताज़ा मिसाल है वह आयोजन, जो कौम हर साल दिल्ली फतेह दिवस के रूप में लाल किले पर मनाती है। इस बार इन आयोजनों के दौरान जो निशान साहिब वहां लहराए जाने थे, वहाँ हमारी पारंपरिक निशान साहिब की जगह दिल्ली कमेटी की ओर से भ्रम पैदा करने के लिए छत्रपति शिवाजी के झंडे से मिलता-जुलता निशान साहिब लहराया गया। यह सिख परंपराओं की सीधी अवहेलना है, जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।

उन्होंने दिल्ली की समस्त सिख संगत से अपील है कि संगत सिख परंपराओं की रक्षा हेतु सजग रहे और इन भ्रष्ट, पंथ विरोधी प्रबंधकों से जवाब तलब करे। इसके साथ ही  शीघ्र ही इस मामले की शिकायत श्री अकाल तख़्त साहिब को  सौपी जाए । सिंह साहिबानों से उचित कार्रवाई की अपील की गई है ।

राहुल सोनिया के ख़िलाफ़ ईडी के आरोप पत्र के विरोध में कांग्रेस कार्यकर्ता मैदान में

दिल्ली: ईडी द्वारा लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गाँधी एवं कांग्रेस पार्टी  शीर्षस्थ नेता  जो कि राज्यसभा सदस्य भी है के खिलाफ नेशनल हेराल्ड  को लेकर आरोप पत्र दाखिल किए जाने के विरोध में कांग्रेस के हजारों कार्यकर्ता उतरे मैदान में ।  अकबर रोड स्थित  पार्टी के राष्ट्रीय मुख्यालय में  प्रदेश अध्यक्ष देवेन्द्र  यादव  एवं  अन्य नेताओं साहित हजारों कार्यकर्ता हाथों में तख्तियां एवं बैनर लिए  विरोध प्रदर्शन करते दिखाई दिए । 

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष  ने इस प्रदर्शन के ख़िलाफ़ तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए  कहा  कि नेशनल हेराल्ड चार्जशीट पर कांग्रेस का प्रदर्शन कुछ ऐसा है, मानो चोर मचाये शोर । दाखिल चार्जशीट एक व्यक्ति द्वारा कांग्रेस के ही सत्ताकाल में दायर यचिका का पटाक्षेप है कोई प्रतिशोध की कार्यवाई नहीं है । कांग्रेस के प्रथम परिवार की प्रतिनिधि श्रीमती सोनिया गांधी एवं श्री राहुल गांधी जिस कानूनी शिकंजे में घिरे हैं वह उनके खुद के लालच का परिणाम है। 

श्री अकाल तख्त साहिब पंथक के हितों का रक्षक : परमजीत सिंह सरना

शिरोमणि अकाली दल, जिसे हमारे पूर्वजों द्वारा गुरु खालसा पंथ और शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के चारों ओर एक दीवार के रूप में श्री अकाल तख्त साहिब से स्थापित किया गया था, जिसने सदा ही सिख पंथ को योग्य राजनीतिक नेतृत्व प्रदान किया और पंथक हितों का रक्षक बना रहा शिरोमणि  अकाली दल के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष परमजीत सिंह सरना ने बताया ।दल की डेलीगेट सभा में, जो कि बीते कल तेजा सिंह समुंदरी हॉल, अमृतसर में आयोजित हुई, पंजाब सहित विभिन्न राज्यों से चुने गए डेलीगेट्स ने एकमत होकर सरदार सुखबीर सिंह बादल को प्रधान चुना। इस अवसर पर सबसे पहले सरदार सुखबीर सिंह बादल इस नई जिम्मेदारी के लिए बधाई के पात्र हैं। साथ ही गुरु साहिब के आगे अरदास है कि वे कृपा करें और सरदार बादल को पंथ, पंजाब और पार्टी के समक्ष आने वाली चुनौतियों का सामना करने की शक्ति प्रदान करें।
यह दिल्ली के सिखों के लिए भी गर्व की बात रही कि दिल्ली में शिरोमणि अकाली दल के सभी दस डेलीगेट्स भारी संख्या में चुने गए, जिनमें दास परमजीत सिंह सरना, मनजीत सिंह जी.के., तजिंदर सिंह गोपा, जतिंदर सिंह सोनू, जतिंदर सिंह साहनी, सुरिंदर सिंह दारा, रमंदीप सिंह सोनू, प्रितपाल सिंह सरना, परमजीत सिंह राणा और मनजीत सिंह सरना शामिल हैं। इसके साथ ही उत्तराखंड और हरियाणा सहित अन्य राज्यों में भी उत्साहपूर्वक डेलीगेट चुने गए हैं। उत्तराखंड से सरदार कुलदीप सिंह भोगल और उत्तर प्रदेश से सरदार हरविंदर सिंह (कानपुर) ने इस अवसर पर अपने साथियों सहित उपस्थिति दर्ज कराई। यह भरती (चुनाव प्रक्रिया) देशभर के सिखों द्वारा अपनी राजनीतिक धारा शिरोमणि अकाली दल से जुड़ने का प्रमाण है।
इसके अलावा, दास स्वयं को सौभाग्यशाली मानता है कि पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व कार्यकारी प्रधान सरदार बलविंदर सिंह भूंदर के बाद, दास को सरदार सुखबीर सिंह बादल के नाम का समर्थन करने का अवसर सभी डेलीगेट्स और पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा दिया गया। जिस तरह का उत्साह डेलीगेट्स में था और सरदार बादल के प्रधान बनने के बाद जोश देखा गया, वह इस बात का प्रमाण है कि शिरोमणि अकाली दल पूरे जोश के साथ पंथ और पंजाब की आवाज़ बनकर आगे आ रहा है।

संपादक

डा. अशोक बड़थ्वाल

Mobile : 91-9811440461

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