
दिल्ली: एमसीडी के उप-चुनावों में इस बार भाजपा ने 12 में से 8 महिला प्रत्याशी मैदान में उतारे जिनमें से 6 ने जीत हासिल की । भाजपा के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा के अनुसार 12 में से 7 वार्डों में जीत एवं भाजपा को फीसदी वोट मिलना दर्शाता है कि भाजपा आज भी दिल्ली वालों की पहली पसंद है । उन्होंने आम आदमी पार्टी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज एवं अन्य नेता दुर्गेश पाठक पर निशाना साधते हुए कहा कि उनकी अनर्गल बयानबाजी जहाँ उनकी हार की हताशा को दिखती है वहीं यह उनकी पार्टी द्वारा टिकटों में वितरण में हुई धांधली के कारण मुस्लिम वोट खिसकने की जिम्मेदारी से बचने का प्रयास भी है ।
आप के नेता बहुत कम वोटों से अशोक विहार में हरकार एवं नारायणा में जीतकर भी वोट चोरी एवं चुनाव चोरी जैसे बयान देते दिखाई देना एवं पुनः गिनती करवाने के बाद भी असंतुष्ट दिखाई देना उनकी हताशा को दर्शाता है । भाजपा नेताओं ने आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल के चुनाव प्रचार से ना जुड़ने पर भी सवालिया निशान लगाये हैं ।


दलित, ओबीसी, माइनॉरिटीज और आदिवासी संगठनों का परिसंघ (डोमा परिसंघ) के द्वारा आज अंबेडकर भवन, रानी झांसी रोड, नई दिल्ली में हज़ारों की संख्या में लोग डॉ अंबेडकर की प्रतिमा के समक्ष संविधान बचाने की कसम लिए। यह एक अनोखा कार्यक्रम था, जिसमें हजारों लोग डॉ. अंबेडकर का मुखौटा लगाकर संकल्प लिया। रैली रामलीला मैदान में होनी थी लेकिन बीजेपी नेता की शिकायत पर एनओसी देने से इनकार कर दिया। अनुशाशनबद्ध होने के कारण कार्यक्रम में परिवर्तन किया गया, फिर भी हज़ारों लोग शामिल हुए। सरकार की ज्यादती आज भी देखने को मिली। जुलाई से प्रचार हो रहा था, कार्यक्रम रद्द होने की खबर दिया फिर भी लोग रामलीला मैदान में पहुचें और उनके साथ पुलिस ने दुर्व्यवहार किया। क्या लोक तंत्र खत्म हो गया है? अंबेडकर भवन में शांतिपूर्वक संकल्प लेने पहुंचे और वहां भी भारी पुलिस की तैनाती और मार्च करने नहीं दिया गया।
डोमा के राष्ट्रीय चेयरमैन, डॉ उदित राज जी ने संबोधित करते हुए कहा कि संविधान और जनतंत्र बचाना अब केवल राजनीतिक दलों के वश का नहीं रह गया है। तमाम संवैधानिक संस्थाएं कमजोर हो चुकीं हैं, जिन्हें कुछ ही लोग लड़कर सुरक्षित नहीं कर सकते। जन आंदोलन ही एकमात्र विकल्प है, अगर संविधान को बचाना है। अल्पसंख्यकों की धार्मिक आजादी लगभग छीन ली गई है। कदम-कदम पर मुस्लिम समाज के साथ भेदभाव हो रहा है। ईसाई समाज जब प्रार्थना करता है तो उस पर धर्मांतरण का आरोप लगाकर प्रताड़ित किया जाता है। वर्तमान हालत में मुस्लिम और ईसाई समाज से अन्य वंचित समाज जैसे- दलित, पिछड़ा और आदिवासी के साथ सामाजिक नेटवर्किंग करना ही एकमात्र विकल्प है, जिससे संविधान और लोकतंत्र की भी रक्षा हो सकेगी।
डोमा एक सामाजिक और सांस्कृतिक संगठन है, फिर भी सत्ताधारी दल क्यों इतना डरा और सहमा है। पहले से निर्धारित कार्यक्रम को नहीं करने दिया और अंत तक पुलिस के द्वारा रुकावट पैदा की जाती रही। दिल्ली में चाहे जितनी बड़ी रैली या सम्मेलन हो उसका असर सीमित ही रहता है, इसलिए डोमा के साथी आज अंबेडकर का संदेश लेकर वापिस जाएं और गाँव, ब्लॉक और जिला तथा प्रदेश स्तर पर संगठन खड़ा करें ताकि सामाजिक न्याय और वैज्ञानिक सोच धरातल पर उतरे। यह कार्य शायद राजनैतिक दलों से बेहतर सामाजिक संगठन कर सकते हैं।
.jpeg)
दिल्ली: जमीयत उलेमा- ए-हिंद के प्रमुख मौलाना महमूद मदनी द्वारा भोपाल में आयोजित सम्मेलन में दिया गया भाषण न केवल भड़काऊ है बल्कि देश को विभाजन की ओर ले जाने की कुचेष्टा दर्शाता है। मौलाना महमूद मदनी का यह कहना कि ‘जुल्म होने पर जिहाद होगा, अब जिहाद होना चाहिए’ अत्यंत अनुचित है क्योंकि जिहाद के नाम पर भारतवर्ष ही नहीं पूरे विश्व में आतंक और हिंसा फैलाई गई है और ऐसे संदर्भ में भारत में जिहाद का उल्लेख गैर जिम्मेदाराना वचन है। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं सांसद डॉ संबित पात्रा ने साधा निशाना काज कि यह अत्यंत चिंताजनक है कि मौलाना महमूद मदनी ने कहा कि मुसलमानों के लिए जिहाद पवित्र है और जहां उन्हें जुल्म दिखे वहां जिहाद करना चाहिए। ऐसे शब्द भारत की मूल भावना और भारत के मूल मंत्र ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ पर प्रहार करते हैं। इस प्रकार की अभिव्यक्ति अनुचित है और इसकी घोर निंदा की जाती है।
मौलाना महमूद मदनी द्वारा यह कहना कि भारत सरकार के दबाव में अदालतें काम करती हैं और सर्वोच्च न्यायालय को स्वयं को सर्वोच्च कहलाने का कोई अधिकार नहीं है, यह न्यायपालिका पर सीधा प्रहार है। उनके यह प्रश्न कि सर्वोच्च न्यायालय तीन तलाक पर सुनवाई कैसे करता है, मंदिर मस्जिद के विषय पर सुनवाई कैसे करता है और हमारे मामलों को स्वीकार कैसे करता है, स्पष्ट रूप से न्यायालय की गरिमा को कमतर दिखाने का प्रयास है। मौलाना महमूद मदनी का यह कहना कि सर्वोच्च न्यायालय को स्वयं को सर्वोच्च कहलाने का अधिकार नहीं है, अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण और पूरी तरह अस्वीकार्य है। सर्वोच्च न्यायालय के विरुद्ध मौलाना महमूद मदनी द्वारा की गई टिप्पणी अत्यंत गंभीर है और सर्वोच्च न्यायालय स्वयं संज्ञान लेने का अधिकार रखता है क्योंकि यदि कोई साधारण नागरिक भी इस प्रकार की टिप्पणी करे तो सर्वोच्च न्यायालय स्वतः संज्ञान ले सकता है। इतना बड़ा नेता यदि इस प्रकार का वक्तव्य देकर लोगों को बरगलाने और सर्वोच्च न्यायालय के विरोध में उकसाने का प्रयास करे तो यह न्यायालय की गरिमा को क्षति पहुंचाने वाला है और इस पर सर्वोच्च न्यायालय द्वारा संज्ञान लिया जाना अपेक्षित है। सर्वोच्च न्यायालय किसी भी मामले की सुनवाई जनता द्वारा प्रस्तुत याचिका के आधार पर करता है और वहां न हिंदू का मामला होता है न मुसलमान का, न्याय बराबरी से मिलता है और सर्वोच्च न्यायालय कभी भेदभाव नहीं करता।

दिल्ली : मनीष मल्होत्रा की नई फ़िल्म ‘गुस्ताख़ इश्क़ कुछ पहले जैसा’ इन दिनों दर्शकों के बीच खूब सराही जा रही है। नसीरुद्दीन शाह, विजय वर्मा, फ़ातिमा सना शेख़ और शरीब हाशमी अभिनीत यह फ़िल्म सिनेमाघरों में रिलीज़ होते ही पुरानी मोहब्बत का एहसास जगाते हुए दर्शकों को फिर से इश्क़ में डूबो रही है।
तेज़-तर्रार और चमकदार कहानियों के दौर में ‘गुस्ताख़ इश्क़’ अपने शांत, गहरे और भावनात्मक अंदाज़ से लोगों को इश्क़ महसूस करवाती है। फ़िल्म वह एहसास लौटाती है, जो धीरे-धीरे पनपता है, दिल में ठहरता है और क्रेडिट्स खत्म होने के बाद भी साथ बना रहता है।
दर्शक इसे “मस्ट वॉच” करार दे रहे हैं और सोशल मीडिया पर इसकी तारीफ़ों की बौछार हो रही है। लोग कह रहे हैं कि यह फ़िल्म कला और जीवन से भरी हुई है—बिल्कुल मनीष मल्होत्रा की खासियत की तरह—और गुलज़ार साहब के गीतों ने इसे और भी ख़ास बना दिया है।
फ़िल्म की कहानी, इसके संवाद और पुरानी शैली की शायरी दर्शकों के लिए किसी मुख्य किरदार से कम नहीं लग रही। वहीं फ़िल्म समीक्षक भी इसके पक्ष में उतर आए हैं। अभिनय, भावनात्मक परतें, विजय वर्मा और फ़ातिमा सना शेख़ की केमिस्ट्री और इसके सुकूनदेह संगीत ने क्रिटिक्स को बेहद प्रभावित किया है।
एक फ़िल्म समीक्षक ने तो इसे आज के दौर की “मुग़ल-ए-आज़म” तक लिख दिया।
सरल, सच्ची और दिल को छू लेने वाली प्रेम कहानी के साथ ‘गुस्ताख़ इश्क़’ आज के तेज़ रफ्तार समय में एक क्लासिक प्रेम-पत्र सी महसूस होती है—जैसे शोरगुल के बीच कोई मीठी, पुरानी शायरी।
मनीष मल्होत्रा और उनके भाई दिनेश मल्होत्रा द्वारा स्टेज5 प्रोडक्शन के बैनर तले निर्मित तथा विभु पुरी द्वारा निर्देशित ‘गुस्ताख़ इश्क़’ फिलहाल सिनेमाघरों में प्रदर्शनरत है।

युवा डायरेक्टर निहारिका साहनी की पहली फीचर फिल्म आत्माराम लाइव इस सप्ताह चुनिंदा सिनेमाघरों में रिलीज हुई है। सोशल मीडिया की अंधी दौड़ और रातों-रात स्टार बनने की चाहत पर आधारित यह विषय शायद पहली बार मुख्यधारा की किसी फिल्म में इतनी स्पष्टता से दिखाया गया है—जहां कंटेंट की भूख इंसान को किस हद तक ले जाती है, यह फिल्म बड़े पर्दे पर बखूबी प्रस्तुत करती है। फिल्म की कहानी एक संघर्षरत सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसर के इर्द-गिर्द घूमती है, जो एक छोटे से गांव से बड़े शहर में सुपरस्टार बनने का सपना लेकर आता है। पिता ने इंजीनियरिंग में करियर बनाने की उम्मीद में उसे बी.टेक करवाया था, मगर युवक सोशल मीडिया की दुनिया में नाम कमाने के सपने में खो चुका है।
शहर में वह अपने साथी—पास की सब्ज़ी मंडी में काम करने वाले एक सरदार युवक—के साथ वीडियो बनाता है, पर हर बार असफल होता है। इसी दौरान सरदार मित्र के दादा जी का निधन हो जाता है, और अंतिम संस्कार के लिए श्मशान घाट पहुंचने पर इन्फ्लूएंसर को अचानक हॉरर कंटेंट बनाने का आइडिया आता है। वीडियो शूट करते हुए उसका पांव एक जली चिता की राख पर पड़ जाता है और राख उसके जूते में फंस जाती है।यहीं से शुरू होता है कॉमेडी और हॉरर का ऐसा सिलसिला, जो धीरे-धीरे दोनों दोस्तों की जिंदगी को उलझा देता है। चिता की राख के साथ “आत्माराम” का पीछा करना उनकी रोज़मर्रा की जिंदगी को हिलाकर रख देता है। वहीं अपनी दादी की मृत्यु से दुखी युवती वैष्णवी भी इस अजीबोगरीब घटनाक्रम में उलझ जाती है।फिल्म सोशल मीडिया की व्यावहारिकता और युवाओं की हर वक्त ऑनलाइन रहने की मानसिकता पर एक सटीक व्यंग्य है। कई संवाद जहां दर्शकों को हंसाते हैं, वहीं कुछ संवाद सोचने पर मजबूर भी करते हैं।
निर्देशिका निहारिका साहनी ने सीमित संसाधनों और पूरी तरह नई स्टार कास्ट के साथ एक अलग तरह का कंटेंट पेश करने का जोखिम उठाया है, जो सराहनीय है। नई कास्ट के साथ फिल्म को कमर्शियल सफलता दिलाना आसान नहीं होता, लेकिन कलाकारों ने अपनी भूमिकाओं में अच्छा प्रदर्शन दिया है।रीति-रिवाजों और मान्यताओं से जुड़े हास्य तत्वों को हॉरर टोन के साथ ठीक ढंग से पेश किया गया है। कुछ दृश्य डराते हैं, तो कुछ अच्छी हंसी भी दिलाते हैं—ठीक वैसे ही जैसे स्त्री सीरीज ने दर्शकों को पसंद आई थी।फिल्म की शुरुआत थोड़ी धीमी है, मगर इंटरवल के बाद रफ्तार पकड़ती है और क्लाइमेक्स तक दर्शकों को जोड़े रखने में कामयाब रहती है।
• निर्देशन, लेखन व निर्माण: निहारिका साहनी
• म्यूजिक प्रोडक्शन: अंकित दीपक तिवारी
• मुख्य कलाकार: विट्ठल चड्ढा, आकाशदीप सिंह, अव्याना शर्मा
आत्माराम लाइव वह फिल्म है जो केवल मनोरंजन नहीं करती, बल्कि सोशल मीडिया की अंधी रेस, उसके प्रभाव और युवा पीढ़ी की मानसिकता पर एक गहरी टिप्पणी भी पेश करती है। नई टीम और सीमित बजट में बनाई गई यह फिल्म दर्शाती है कि कंटेंट दमदार हो तो बड़े नाम जरूरी नहीं।मेकर इसे भारत के साथ-साथ इंटरनेशनल रिलीज़ के लिए भी तैयार कर रहे हैं, जो इस अनोखे प्रयोग को और व्यापक दर्शक वर्ग तक पहुंचाएगा। यह फिल्म कॉमेडी, हॉरर और सोशल मीडिया सटायर का ताज़ा मिश्रण है, जिसे एक बार ज़रूर देखा जा सकता है।

दिल्ली: स्थापना के मात्र 13 वर्ष में आम आदमी पार्टी ने अर्श से फर्श का सफर पूरा कर लिया है। भाजपा के दिल्ली प्रदेश के मीडिया प्रभारी प्रवीण शंकर कपूर ने निशाना साधते हुए कहा कि आज अरविंद केजरीवाल की पार्टी के पास ना वॉलंटियर हैं ना जनता का विश्वास है। दिल्ली में केजरीवाल सहित पार्टी के अधिकांश प्रमुख नेताओं मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन, सौरभ भारद्वाज को चुनाव में करारी हार देकर दिल्ली वालों ने केजरीवाल पार्टी को नाकार दिया है और शीघ्र ही पंजाब भी इसी तरह नाकारेगा।
गोवा एवं गुजरात में गत 10 साल से राजनीतिक भूमी बनाना चाह रहे केजरीवाल अगले विधानसभा चुनाव में भी निराश ही रहेंगे। उन्होंने कहा कि केजरीवाल ने महात्मा गांधी एवं अन्ना हजारे के नाम से राजनीति शुरू की पर कुछ ही वर्ष में शहीदे आजम भगत सिंह एवं बाबा साहेब अम्बेडकर के नाम की राजनीति शुरू कर दी पर 13 साल में उनके ईमानदारी के ढोल की पोल पूरी तरह खुल गई है।

गुजरात में पिछले चार साल के दौरान करीब 16,000 करोड़ कीमत की ड्रग्स पकड़ी गई, लेकिन इन मामलों में कोई भी दोषी नहीं पाया गया है । कांग्रेस सेवा दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष लाल जी देसाई ने किया खुलासा कहा कि गुजरात में ज्यादातर ड्रग्स अडानी के मुंद्रा पोर्ट से जब्त होती है, लेकिन ड्रग्स को भेजने वाले के बारे में कोई जानकारी सार्वजनिक नहीं होती और ना ही कोई कार्रवाई होती है । उनका कहना है कि गुजरात के सरकारी आंकड़ों के अनुसार, करीब 17.35 लाख युवा नशे के चुंगल में फंसे हैं। स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के बगल में स्थित शराब और ड्रग्स के ये अवैध अड्डे चिंता का विषय हैं। वह इंदिरा भवन स्थित कांग्रेस के राष्ट्रीय मुख्यालय में पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे ।
गुजरात में हर महीने 3500 करोड़ रुपये का अवैध धंधा चलता है। शराब तस्करी के लिए बड़ी गाड़ियों का लाखों का हफ्ता फिक्स है। जब गाड़ी का मालिक एक जगह पर रिश्वत देता है, तो उसे एक टोकन दिया जाता है, जिससे वह अपना वाहन बाकी जगहों पर भी बिना रोक-टोक ले जा पाता है। उन्होंने यह भी बताया कि पुलिस की सक्रियता दिखाने के लिए 100 ट्रकों में से पांच ट्रकों को पकड़वा दिया जाता है, जबकि 95 ट्रक धड़ल्ले से शराब लेकर घूमते हैं। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि केवल बनासकांठा जिले से पुलिस को 45 लाख रुपये की हफ्ता वसूली होती है।
उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के उस बयान का हवाला दिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि राज्य में राजस्व के बाद दूसरा सबसे भ्रष्ट विभाग गृह मंत्रालय है।


नई दिल्ली 22 नवंबर, 2025 - दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष देवेन्द्र यादव ने कहा कि 30 नवम्बर को वोट की चोट मारकार चाँदनी महल के मतदाता मौकापरस्त और फिरकापरस्त ताकतो को सबक सिखाऐंगे और जनता के बंद पड़े विकास के दरवाजों को हमेशा के लिए खोलने का रास्ता बनाऐंगे। कांग्रेस कार्यकर्ता लगातार पूरे वार्ड के हर घर के दरवाजे पर पहुँचकर यहां की गंदगी, टूटी सड़कें, कूड़े के ढ़ेर सहित लोगों के बीच जाकर उनकी परेशानियों और समस्याओं की चर्चा करें कि पिछले 11-12 वर्षों से सरकारों ने पुरानी दिल्ली के लोगों से वोट जरुर लिया लेकिन कभी पलटकर नही देखा। प्रदेश अध्यक्ष आज चाँदनी महल में कार्यालय के उद्घाटन के बाद एक चुनावी सभा को संबोधित किया। जिसमें काजी निजामुद्दीन, पूर्व मंत्री हारुन यूसूफ, डा नरेन्द्र नाथ, डा योगानन्द शास्त्री, मीडिया और कम्युनिकेशन के चेयरमैन एवं पूर्व विधायक अनिल भारद्वाज, पूर्व विधायक आसिफ मौहम्मद खान, जिला अध्यक्ष मौहम्मद उस्मान, महमूद जिया, जगजीवन शर्मा, निगम पार्षद मौहम्मद जरीफ, समीर मंसूरी और अरीबा खान, महिला अध्यक्ष पुष्पा सिंह, अब्दुल वाहिद कुरेशी, पूर्व जिला अध्यक्ष जावेद मिर्जा, पूर्व पार्षद प्रेरणा सिंह, तरुण कुमार, अशोक जैन, योगेश जैन, मंजूर मलिक भी मौजूद थे ।
उन्होंने कहा कि वो चाँदनी महल में काम करने वाले सभी कांग्रेस कार्यकर्ताओं का धन्यवाद करता हॅू कि वो अपने मतभेद भुलाकर भाई शहजाद के चुनाव में अपनी ड्यूटी पूरी कर्तव्यनिष्ठा से निभा रहे है। आज देश में जो हालात है, उनमें फिरकापरस्त ताकतों के खिलाफ आवाज उठाने की जरूरत है। हमें देश को बचाने के लिए राहुल गांधी जी आवाज को बुलंद करना होगा और अगर यह आवाज देश की राजधानी दिल्ली के दिल पुरानी दिल्ली से बुलंद होगी तो मौकापरस्तों के खिलाफ आवाज अधिक मजबूत होगी।10-12 वर्षों से यहां आम आदमी पार्टी के विधायक है, जनता से वोट तो ले जाते है उसके बाद जनता के लिए उनके दरवाजे बंद हो जाते है। कांग्रेस की चांदनी महल से जीत के बाद हम उन दरवाजों को खुलवाऐंगे और जनता ने भाई शहजाद के चुनाव प्रचार कांग्रेस कार्यकर्ताओं के लिए यह दरवाजे खुलने लगे हैं। उन्होंने कहा कि निगम उपचुनाव में जीत कर हम कोई सरकार नही बदल सकते लेकिन एक बदलाव जरुर लाऐंगे। लोगों की परेशानियों और क्षेत्र में सफाई व्यवस्था को दुरस्त करके, सड़कों के गड्डे और नालियों को दुरस्त करेंगे।


.jpeg)
दिल्ली: पंजाब के मुख्य मंत्री सरदार भगवंत मान द्वारा आज दिल्ली के प्रदूषण को बढ़ाने में पंजाब में पराली जलने का योगदान ना होने सम्बंधी ब्यान को हास्यास्पद एवं विरोधाभासी बताते हुए भाजपा के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा कि सरदार भगवंत मान अभी कुछ ही वर्षों से राजनीति में हैं अतः अपनी ही पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल तक को झूठा ठहरा रहे हैं।
.jpeg)
दिल्ली: डिस्ट्रिक्ट इलेक्शन ऑफिसर एमसीडी उपचुनाव द्वारा नारायणा वार्ड से कांग्रेस प्रत्याशी मनोज कुमार तंवर की चुनावी कार्यालय की परमिशन रिजेक्ट करने पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष देवेन्द्र यादव ने व्यक्त की तीखी प्रतिक्रिया कहा कि निगम के उप चुनाव में भाजपा को हार का डर सताने लगा है । कांग्रेस प्रत्याशियों के खिलाफ चुनाव आयोग और पुलिस का नाजायज और गैर कानूनी तरीके से इस्तेमाल हो रहा है। 10 नवम्बर, 2025 को नारायणा वार्ड से कांग्रेस प्रत्याशी श्री मनोज कुमार तंवर ने चुनाव कार्यालय खोलने के लिए 300 स्क्वायर फिट का डब्ल्यूजैड-572एच, ग्राउंड फ्लोर, क्लब रोड़, नारायणा गांव, नई दिल्ली का 10-30 नवम्बर तक किराए पर लेने हेतू रेंट एग्रीमेंट कराकर 5,000/-रुपये एडवांस भी दिए थे और 16 नवम्बर को चुनाव कार्यालय खोलने के लिए परमिशन का आवेदन दिया था, जिसे भाजपा सरकार की सरपरस्ती में चुनाव आयोग ने प्रमोद तंवर के चुनाव कार्यालय खोलने की परमिशन को रिजेक्ट कर दिया।
यह चिंताजनक है कि जिस स्थान पर कांग्रेस प्रत्याशी चुनाव कार्यालय खोलने के लिए परमिशन अप्लाई करते हैं, उसी जगह पर भाजपा के निगम उपचनुव में खड़े प्रत्याशी को चुनाव खोलने की परमिशन दे दी जाती है, जबकि भाजपा ने चुनाव कार्यालय के लिए 11 नवम्बर 2025 को परमिशन के लिए अप्लाई किया था। क्या भाजपा के नेता इतना गिर चुके है कि वो विपक्षी पार्टियों के चुनाव कार्यालय खोलने वाली जगहों पर भी जबरन शासन के डंडे के जोर पर अपनी मनमानी करेगी।
कांग्रेस प्रत्याशी मनोज कुमार तंवर द्वारा 10 नवम्बर को ही उक्त प्रापर्टी पर चुनाव कार्यालय खोलने के लिए रेंट एग्रीमेंट के लिए अग्रिम अदायगी दे दी थी, तब कैसे भाजपा का निगम प्रत्याशी वहां अपना चुनाव कार्यालय खोल सकता है। उन्होंने कहा कि भाजपा निगम उपचुनाव में भी दल बल का इस्तेमाल कर रही है और प्रापर्टी मालिक को धमकी देकर डब्ल्यूजैड-572एच, क्लब रोड़, नारायणा गांव पर अपना चुनाव कार्यालय खोला। भाजपा हार के डर से दिल्ली में प्रशासन तंत्र का दुरुपयोग करके दहशत फैलाना चाहती है।
प्रदेश अध्यक्ष का कहना है कि पिछले 9 महीनों में भाजपा द्वारा सिर्फ घोषणाएं करने और झूठे वादों के अलावा कुछ नही किया गया, जिसे भाजपा नेता खुद भी जानते है। निगम चुनाव में हार का डर भी सता रहा है, जिसकी वजह से भाजपा चुनाव आयोग के उपर दवाब बनाकर उपचुनाव का परिणाम अपने पक्ष में करने की रणनीति भी कर रही है।
.jpeg)
दिल्ली: हाल ही में हुई केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह कि अध्यक्षता में हुई उत्तरी क्षेत्रिय परिषद की 32 वीं बैठक का हवाला देते हुए पंजाब के मुख्य मंत्री भगवंत मान ने साधा निशाना कहा कि केंद्र कहती है पंजाब यूनिवर्सिटी हमें दे दो । कोई राज्य कहता है कि हेडवर्क्स दे दो तो कोई कहता है चंडीगढ़ हमें दे दो । जब मामला पंजाब का आता है तो उसकी मांगों को नजरअंदाज कर दिया जाता है । आज तक केंद्र सरकार से बढ़ आपदा राहत का 1600 करोड़ रुपया बकाया है । बैठक में 28 मुद्दों में से 11 मुद्दे पानी से संबंधित थे ।
उनका कहना है कि उन्होंने बैठक में पंजाब की तरफ से अपना पक्ष रख दिया । वह पंजाब भवन में मीडिया के सामने अपना पक्ष रख रहे थे । मोटे तौर पर उन्होंने परिषद की बैठक में स्पष्ट कर दिया कि चंडीगढ़, पंजाब यूनिवर्सिटी, और पंजाब की नदियों पर पंजाब का पूरा हक है । उन्होंने कहा कि देश में असली संघीय ढांचा होना चाहिए , जिसमे राज्यों की बातें भी बराबर सुनी जानी चाहिए। बॉर्डर आउट पोस्ट की सुरक्षा के लिए केंद्र सरकार तत्काल फण्ड जारी करे ।
पंजाब का पक्ष जानने के बाद पानी से संबंधित ये 11 के 11 मुद्दे गृह मंत्रालय ने स्थगित कर दिए हैं ।

दिल्ली: गुरु तेग बहादुर साहिब जी के 350वें शहीदी दिवस को समर्पित, श्री आनंदपुर साहिब की पावन धरा से आरंभ हुई धर्म रक्षक यात्रा आज अपने अगले पड़ाव के तहत गुरुद्वारा रकाबगंज साहिब से गुरुद्वारा बाबा ज़ोरावर सिंह, बाबा फतेह सिंह जी, फतेह नगर पहुँची। यात्रा की अगुवाई पाँच प्यारे कर रहे थे और सुन्दर पालकी में श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी का स्वरूप सुशोभित था।

दिल्ली: क्राइम ब्रांच द्वारा गठित टीम ने तकनीकी ट्रेसिंग के आधार पर लखनऊ के विभिन्न इलाकों में दबिश कर 6 अभियुक्तों को गिरफ्तार कर हाल ही में दिल्ली में हुई एक 71 साल की महिला को मानसिक दबाव बनाकर 24 घंटे डिजिटल अरेस्ट कर 49 लाख की ठगी की गुत्थी सुलझाई । सभी अभियुक्त लखनऊ के रहने वाले हैं और उनके नाम हैं मोहम्मद ओवैस (अमीनाबाद), विशाल तिवारी (हसनगंज), शकील अहमद (मदे गंज), मोहम्मद अहाद (मदे गंज), मोहम्मद आरिफ (सदर कैंट) एवं मोहम्मद उजेब (सदर कैंट) ।
आरंभिक जाँच से पता चला है कि इन लोगों ने सरकारी अफ़सर बनकर पीड़ित बुजुर्ग महिला को वीडियो कॉल के ज़रिए मानसिक दबाव बनाकर डिजिटल अरेस्ट का झाँसा देकर 24 घंटे तक उसके घर में बंधक बनाकर रखा एवं छोड़ने के एवज में 49 लाख रुपये ठगे । ये लोग ठगी के लिए विभिन्न बैंको में खाता रखते हैं एवं पैसा ट्रांसफर होते ही एटीएम से नकदी निकाल लेते थे और उसके बाद चंपत हो जाते थे । पुलिस उपयुक्त क्राइम आदित्य गौतम द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल में इनके खिलाफ इस तरह की धोखाधड़ी के कई मामले दर्ज हैं ।
अभियुक्त फिलहाल हिरासत में हैं एवं मामले पर तहक़ीक़ात जारी है । इनके अन्य साथियों की तलाश में दबिश जारी है । सेकेंडरी सोर्सेज में उपरोक्त चित्र में झाँसे से बचने के उपाय दिए गए हैं । इनका अनुपालन कर झाँसे और ठगी से बचा जा सकता है ।

मंगलुरु: शहर ने शनिवार को एक ऐतिहासिक सांस्कृतिक आयोजन का साक्षी बनते हुए बहुप्रतीक्षित बहुभाषी फिल्म ‘कोरगज्जा’ के भव्य संगीत विमोचन समारोह का स्वागत किया। सुप्रसिद्ध निर्देशक सुधीर अट्टावर के निर्देशन में बनी यह फिल्म त्रिविक्रम सिनेमाज और सक्सेस फिल्म्स के बैनर तले निर्मित है। कोरगज्जा—लोक आस्था के पूज्य देवता—की कथा को पहली बार बड़े परदे पर सजीव करने का यह प्रयास भारतीय सिनेमा में एक उल्लेखनीय अध्याय जोड़ता है।फिल्म ‘कोरगज्जा’ को कन्नड़, मलयालम, हिंदी, तेलुगू, तमिल और तुलु—इन छह भारतीय भाषाओं में बनाया गया है। यह बहुभाषिक प्रस्तुति भारत की सांस्कृतिक और भाषाई विविधता का उत्सव मनाती हुई इसे एक सशक्त अखिल भारतीय फिल्म बनाती है।
फिल्म का संगीत ज़ी म्यूज़िक कंपनी द्वारा जारी किया गया। दक्षिण भारत के प्रसिद्ध संगीतकार गोपी सुंदर ने संगीत दिया है, जबकि सभी गीतों के बोल निर्देशक सुधीर अट्टावर द्वारा लिखे गए हैं। अट्टावर को उनके साहित्यिक योगदान के लिए साहित्य अकादमी द्वारा सम्मानित किया जा चुका है। फिल्म में दिग्गज अभिनेता कबीर बेदी उद्यावर प्रांत के राजा के रूप में प्रभावशाली भूमिका निभा रहे हैं। दक्षिण भारतीय सिनेमा की लोकप्रिय अभिनेत्रियां भाव्या और श्रुति भी महत्वपूर्ण किरदारों में नजर आएंगी। फिल्म के एक विशेष डांस नंबर को मशहूर कोरियोग्राफर गणेश आचार्य ने न सिर्फ कोरियोग्राफ किया, बल्कि स्वयं परफॉर्म भी किया है। वहीं प्रसिद्ध डांसर व अभिनेता संदीप सोपारकर भी एक महत्वपूर्ण भूमिका में दिखाई देंगे। फिल्म के एक्जीक्यूटिव प्रोड्यूसर और एडिटर विद्याधर शेट्टी ने बहुभाषी फिल्मों के जटिल प्रोडक्शन को विविध व चुनौतीपूर्ण लोकेशनों पर सफलतापूर्वक संपन्न कराने में अहम भूमिका निभाई।


2020 दिल्ली दंगों का दर्द और नेताओं की साजिश को पेश करती है । फिल्म की कहानी एक दिन की सच्ची स्टोरी बयां करती है । कैसे शाहीनबाग से शुरू हुआ सी ए ए विरोध का आंदोलन ‘नमस्ते ट्रम्प’ तक पहुंच गया। पूरी फिल्म 24 फरवरी 2020 के दिन की है, जब यू एस ए के प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रम्प दिल्ली में आए हुए थे और दूसरी तरफ पूरा शहर दंगों की आग में जल रहा था। अगर सरकारी आंकड़ों की भी माने तो इन दंगों में 53 बेगुनाहों की जान गई। फिल्म के माध्यम से निर्माता देवेंद्र मालवीय ने दिल्ली दंगों की कड़वी सच्चाई को देश के सामने लाने की अच्छी कोशिश की है, जो हाल के इतिहास की सबसे दर्दनाक घटनाओं में से एक है।