दिल्ली : भारत मंडपम में अयोजित प्रदर्शनी आपराधिक कानूनों की झलक में दिल्ली पुलिस ने किया क्राइम से लेकर न्याय प्रक्रिया का मंचन । आधुनिक तकनीक एवं आईटी से लेस प्रक्रिया के विभिन्न आयामों की बारीकियों को समझाने के लिए सरलीकृत ढंग से किया गया प्रस्तुत । सूचना दर्ज होने के बाद क्राइम स्पॉट पर पड़ताल जिसमें फॉरेंसिक पहलू भी शामिल है से लेकर अदालत में पेश करने तक और अंत में न्यायालय द्वारा मामले का निपटारा यह सारी प्रक्रियायें आईटी टेक्नोलॉजी की मदद से अब ऑनलाइन एवं सरल हो गई हैं ।
संयुक्त पुलिस आयुक्त अपराध सुरेंद्र कुमार ने कानून एवं जाँच प्रक्रिया में आये बदलावों की बारीकियों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि 7 साल से अधिक सजा के प्रावधान वाले आपराधों की जाँच के लिए अपराध स्थल पर फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स की टीम को शामिल किया जाना जरूरी है । जाँच अधिकारी गिरफ्तारी के 60 दिन के अंदर किसी भी समय पुलिस कस्टडी की माँग कर सकता है । अदालत में ऑनलाइन चार्जशीट का दाखिल किया जाना , वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से गवाह के बयान एवं जेल से ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपराधी की कोर्ट में पेशी समय और खर्चे की बचत के साथ तय मियाद में मामले के निपटारे में सहायक होंगी ।
1 जुलाई से लेकर 6 जुलाई तक भारत मंडपम के हाल नंबर 14 में लगाई गई यह प्रदर्शनी प्रशिक्षु अन्वेषकों, कानून के छात्रों एवं न्याय एवं जाँच प्रक्रिया से जुड़े लोगों को नई प्रक्रिया एवं क़ानून में आये बदलावों की बारीकियों को समझने में सहायक होगी । इन बारीकियों की सतही तौर पर जानकारी सामान्य नागरिकों के लिए भी जरूरी है ।