दिल्ली: कांग्रेस रिसर्च डिपार्टमेंट के चेयरमैन डॉ राजीव गौड़ा जो कि आईआईएम अहमदाबाद के प्रोफेसर भी हैं एवं एडवोकेट महिमा सिंह ने मोदी सरकार के 11 साल के कार्यकाल की समीक्षा करते हुए कहा कि नो डेटा अवेलेबल सरकार के 11 साल कुल मिलाकर बेकार । 906 घोषित स्कीमों में 71 फीसदी स्कीमें फेल।
इनका कहना है कि मोदी सरकार का दावा है कि पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत 81करोड़ लोगों को मुफ्त अनाज दिया जा रहा है। जबकि हालात यह हैं कि कुपोषण एवं भुखमरी चुनौती बने हुए हैं । उमर के अनुपात में कम लंबाई 35.5 फीसदी, लंबाई के अनुपात में कम वजन 19.3 फीसदी और उमर के अनुपात में कम वजन 32.1 फीसदी है। ग्लोबल हंगर इंडेक्स में भारत 127 देशों में 105 वें स्थान पर आता है ।
सरकार का कहना है कि मुद्रा योजना के तहत 52 करोड़ से भी अधिक उद्यमियों को लोन दिए गए। हकीकत यह है कि मुद्रा ऋण खातों में से 50फीसदी से अधिक जनरल कैटेगरी में आते हैं जिन्हें वितरित राशी का 65 फीसदी आवंटित हुआ । 78 फीसदी ऋण 50000रूपए की श्रेणी में आते हैं जो उद्यमिता को ठोस रूप देने में बहुत कम है।
रक्षा स्वदेशीकरण में 5000 से भी अधिक वस्तुएं शामिल। हकीकत यह है कि सूचीबद्ध लगभग 50 फीसदी वस्तुएं अभी स्वदेशी नहीं हुई हैं।
स्वच्छ भारत मिशन के तहत 12 करोड़ शौचालय बनाए गए । वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट के अनुसार 2018-19 में अनुसूचित जाति में शौचालय उपयोग 20 अंक और अनुसूचित जनजाति में 24 अंक की गिरावट आई है। जिसका कारण गैर कार्यशील शौचालय,पानी की कमी और खराब रख रखाव है।
लगभग 55 फीसदी कृषक परिवार कर्ज के बोझ तले दबे हैं । 19 करोड़ से अधिक किसान 33 लाख करोड़ रूपये से अधिक के कर्जदार हैं । 2018-19 से 2022-23 के बीच कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ने लगभग 85000करोड़ रुपए का अप्रयुक्त फंड वापिस कर दिया।
यदि बात महिला से संबंधित अपराधों की की जाए तो 2012 में 2.44 लाख मामले दर्ज थे जो 2022 में बढ़कर 4.45 लाख हो गए। ऐसे कई मसलों की चर्चा रिसर्च रिपोर्ट में की गई है ।