नई दिल्ली 28, Aug 2025

लेख

1 - खून और पानी एक साथ नहीं बहेंगे

2 - एक पृथ्वी एक स्वास्थ्य के लिये योग

3 - ऑपरेशन सिंदूर न्याय की अखंड प्रतिज्ञा

4 - देश के लोकतंत्र को मज़बूत करने के लिए बाबा साहिब का अमूल्य योगदान

5 - दिल्ली सरकार के 100,000करोड़ से क्षेत्र में उन्नति की संभावनाओं को मिलेगी मजबूती

6 - दशक के बाद बिखरा झाड़ू 27 साल बाद खिला कमल फिर एक बार

7 - स्वर्णिम भारत,विरासत और इतिहास पर आधारित इस बार का गणतंत्र दिवस समारोह

8 - महाराष्ट्र में फिर एक बार लहराया बीजेपी का परचम

9 - तमाम कवायदों के बावजूद बीजेपी तीसरी बार हरियाणा में सरकार बनाने को अग्रसर

10 - श्रॉफ बिल्डिंग के सामने कुछ इस अंदाज से हुआ लाल बाग के राजा का स्वागत

11 - प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के सदस्यता ग्रहण करने के साथ ही शुरू हुआ बीजेपी का सदस्यता अभियान

12 - देश के सीमांत इलाकों में तैनात सैनिकों में भी दिखा 78 वें स्वतंत्रता दिवस का जज्बा

13 - २०२४-२५ के बजट को लेकर सियासत विपक्ष आमने सामने

14 - एक बार फिर तीसरी पारी खेलेंगे प्रधानमंत्री नरेंद्र भाई मोदी

15 - केजरिवाल के जमानत पर रिहा होने पर शुरु हुई नई कवायदें

16 - मतदान की दर धीमी आखिर माजरा क्या

17 - क्यूं चलाना चाहते हैं केजरीवाल जेल से सरकार

18 - 2004-14 के मुकाबले 2014-23 में वामपंथी उग्रवाद-संबंधित हिंसा में 52 प्रतिशत और मृतकों की संख्या में 69 % कमी

19 - कर्तव्य पथ दिखी शौर्य की झलक

20 - फ़ाइनली राम लल्ला अपने आशियाने में हो गये हैं विराजमान

21 - राजस्थान का ऊँट किस छोर करवट लेगा

22 - एक बार फिर गणपति मय हुई माया नगरी मुंबई

23 - पत्रकारिता की आड़ में फर्जीवाड़े के खिलाफ एनयूजे(आई) छेड़ेगी राष्ट्रव्यापी मुहीम

24 - भ्रष्टाचार, तुस्टिकरण एवं परिवारवाद विकास के दुश्मन

25 - एक बार फिर शुरू हुई पश्चिम बंगाल में रक्त रंजित राजनीति

26 - नहीं होगा बीजेपी के लिऐ आसान कर्नाटक में कांग्रेस के चक्रव्यूह को भेद पाना

27 - रद्द करने के बाद भी नहीं खामोश कर पायेंगे मेरी जुबान

28 - उत्तर-पूर्वी राज्यों के अल्पसंख्यकों ने एक बार फिर बीजेपी पर जताया भरोसा

29 - 7 लाख तक की आमदनी टैक्स फ्री

30 - गुजरात में फिर एक बार लहराया बीजेपी का परचम

31 - बीजेपी आप में काँटे की टक्कर

32 - सीमित व्यवस्था के बावजूद धूम-धाम से हो रही है छट माइय्या की पूजा

33 - जहाँ आज भी पुजा जाता है रावण

34 - एक बार फिर माया नगरी हुई गणपतिमय

35 - एक बार फिर लहराया तिरंगा लाल किले की प्राचीर पर

36 - बलवाइयों एवं जिहादियों के प्रति पनपता सहनभूतिक रुख

37 - आजादी के अमृत महोत्सव की कड़ी के रूप में मनाया जा रहा है 8 वाँ विश्व योग दिवस

38 - अपने दिग्गज नेताओं को नहीं संभाल पाई कांग्रेस पार्टी

39 - ज्ञान व्यापी मस्जिद के वजु घर में शिवलिंग मिलने से विवाद गहराया

40 - आखिर क्यूँ मंजूर है इन्हे फिर से वही बंदिशें.....

41 - पाँच में से चार राज्यों में लहराया कमल का परचम

42 - पेट्रोलियम, फर्टिलाइजर एवं खाद्य सामाग्री पर मिलने वाली राहत में लगभग 27 फीसदी की कटौती

43 - जे&के पुलिस के सहायक उप निरीक्षक बाबूराम शर्मा मरणोपरांत अशोक चक्र से संमानित

44 - आखिर कौन होंगे सत्ता के इस महाभोज के सिकंदर

45 - ठेके आन फिटनेस सेंटर ऑफ छा गए केजरीवाल जी तुस्सी

46 - मुख्य सुरक्षा अधिकारी हुए पंचतत्वों विलीन

47 - दिल्ली में यमुना का पानी का बीओडी लेवेल 50 के पार

48 - फूक के कदम रखिए वरना हो सकता है आपका भी अगला नंबर

49 - महंत नरेंद्र गिरी की मौत पर लगे सवालिया निशान

50 - अकाली दल बादल ने लगाई हैट्रिक

ज्ञान व्यापी मस्जिद के वजु घर में शिवलिंग मिलने से विवाद गहराया

काशी विश्वनाथ परिसर से सटी हुई ज्ञान व्यापी मस्जिद के सर्वेक्षण के बाद वजु  घर परिसर में शिवलिंग के पाये जाने पर हिन्दू पक्ष के सामने मुस्लिम पक्ष भी मैदान में उतरा I जहाँ हिन्दू पक्ष का मानना है कि मस्जिद परिसर में स्थित उजु घर में शिवलिंग है वहीं मुस्लिम पक्ष की दलील है कि वजु घर में जिसे शिवलिंग बताया जा रहा है वह शिवलिंग नहीं फाउंटेन है I इस दलील को लेकर मुस्लिम पक्ष सर्वोच्च न्यायालय में पहुँच गया यह बात ऑर है कि कोर्ट ने इस बाबत नोटिस भी जारी कर दिया है कि वाराणसी के डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट द्वारा वजु घर जहां पर शिवलिंग मिला है सुरक्षा के घेरे में लिया जाना चाहिए  I मस्जिद में नमाज पढ़े जाने पर पाबंदी नहीं है लेकिन वजु की व्यवस्था किसी अन्य स्थान पर की जाए I साथ ही निचली अदालत में इस बाबत कार्यवाही के सुझाव दिये हैं I कोर्ट द्वारा नियुक्त एडवोकेट कमीशनर अजय मिश्रा एवं उनकी टीम द्वारा किए गए सर्वेक्षण से भी शिवलिंग मिलने की पुष्टि होती है यह बात ऑर कि रिपोर्ट दाखिल किये जाने से पूर्व ही रिपोर्ट के तथ्यों को सार्वजनिक करने अभियोग में  एडवोकेट मिश्रा को हटकर उनकी जगह एडवोकेट विशाल सिंह को एडवोकेट कमीशनर नियुक्त किया गया है ऑर एडवोकेट मिश्रा को रिपोर्ट बनाने में उनके सहयोगी के रूप में कार्य करना होगा I मुस्लिम पक्ष की दलील जो भी हो हिन्दू वास्तु शास्त्र के अनुसार नंदी जी का मुह शिवलिंग की तरफ होता है I अब गौर फरमाते है काशी विश्वनाथ परिसरपर तो यहाँ नंदी जी का मुख शिवलिंग की बजाये मस्जिद की तरफ है ऑर दीवार के पीछे वजु घर है जहां पर कथित तौर पर शिवलिंग होने के प्रमाण हैं I

हिंदू पक्ष का कहना है कि 1669 में मुगल शासक औरंगजेब ने यहां काशी विश्वनाथ मंदिर को तोड़कर ज्ञानवापी मस्जिद बनाई थी. हालांकि, मुस्लिम पक्ष का कहना है कि यहां मंदिर नहीं था और शुरुआत से ही मस्जिद बनी थी I यदि इतिहास के पन्नों एवं उपलब्ध जानकारियों को खंगाला जाये तो प्रमाण शिवलिंग के ही मिलते हैं I मुगलकालीन इतिहासकारों के अनुसार काशी के मुख्य शिवालय को ध्वस्त करने के बाद बेशकीमती पत्थर जैसे दिखाई देने वाले शिवलिंग को आक्रांता अपने साथ ले जाना चाहते थे I तमाम कोशिशों के बाद भी वह शिवलिंग को अपने स्थान से नहीं हिला पाये आखिर उन्हे शिवलिंग छोड़ कर जाना पड़ा I बीएचयू के इतिहास विभाग के प्रो. प्रवेश भारद्वाज के अनुसार कुतुबुद्दीन ऐबक, रजिया सुल्तान, सिंकदर लोदी और औरंगजेब ने काशी के देवालयों को जबरदस्त नुकसान पहुंचाया। सभी ने अपने-अपने काल में काशी के प्रधान शिवालय पर भी आक्रमण किए। मंदिर का खजाना लूटा लेकिन लाख कोशिश के बाद भी शिवलिंग को अपने साथ नहीं ले जा सके। अंग्रेज दंडाधिकारी वॉटसन द्वारा 30 दिसम्बर 1810 को ‘वाईस प्रेसिडेंट ऑफ कॉउन्सिल’ में ज्ञानवापी परिसर हिन्दुओं को सौपे जाने की गुजारिश की गई । उनके अनुसार परिसर में हर तरफ हिंदुओं के देवी-देवताओं के मंदिरों का होना एवं मंदिरों के बीच में मस्जिद का होना इस बात का प्रमाण है कि वह स्थान भी हिंदुओं  है। ब्रिटिश शासन ने उनके द्वारा की गई गुजारिश को खारिज कर दिया । तब से ज्ञानवापी परिसर को लेकर दोनों पक्ष अपने-अपने दावों पर अड़े हैं। संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग(बीएचयू) द्वारा किए गए शोध के अनुसार 1809 में ज्ञानवापी को लेकर हिंदू-मुस्लिम के मध्य संघर्ष हुआ  ऑर ज्ञान व्यापी मस्जिद पर हिंदुओं का कब्जा हो गया I 11 अगस्त 1936 को स्टेट कॉउंसिल, अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी तथा सुन्नी सेंट्रल वफ्फ बोर्ड ने याचिका दायर की। 1937 में केस को खारिज हो गया। पांच साल तक चला मामला 1942 में हाईकोर्ट में गया। तब से विवाद चला आ रहा है I

1991 में वाराणसी के पुजारियों के एक समूह ने अदालत में याचिका दायर कर ज्ञान व्यापी मंदिर परिसर में पूजा की अनुमति मांगी थी I उच्च न्यायालय ने 2019 में याचिकाकर्ताओं की सर्वे की मांग जाने पर रोक लगाने का आदेश दिया  I विवाद तब गहराया जब पाँच हिन्दू महिलाओं ने मस्जिद परिसर के भीतर शृंगार गौरी एवं अन्य मूर्तियों की नियमित पूजा करने की मांग की I फिलहाल   चौथे नवरात्रे  के दिन साल में एक बार पूजा करने की इजाजत है I दोनों ही  पक्षों के दावे अदालत में हैं एवं मामला कोर्ट में विचारधीन है ।

01:18 pm 18/05/2022

संपादक

डा. अशोक बड़थ्वाल

Mobile : 91-9811440461

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समाचार

1 - क्या मटिया महल में विकास कब तक एक वर्ग तक सीमित रहेगा : चाँदनी चौक नागरिक मंच

2 - पुलिस अधिकारियों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से गवाही कहीं ना कहीं न्याय प्रक्रिया में दखलंदाजी

3 - ऑपरेशन माँ सेना की एक सार्थक मुहीम

4 - जब भी सभाओं ने अपनी गरिमा खोई बुरे परिणाम भुगतने पड़े

5 - लापरवाही की दस शिकायतों के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं: अंकुश नारंग

6 - परम सुंदरी की जोड़ी के बंगला साहिब गुरुद्वारे में आशीर्वाद से शुरू हुआ आध्यात्मिक यात्रा माहौल

7 - वोट चोरी के षड्यंत्र को अपने क्षेत्र में जमीनी स्तर पर उजागर करे:देवेन्द्र यादव

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15 - सिविल लाइन जोन में सफाई अभियान की खुली पोल

16 - डॉक्यूबे बना प्रभावशाली और उद्देश्यपूर्ण कहानियों का अग्रणी मंच

17 - जामा मस्जिद क्षेत्र में निकली तिरंगा यात्रा

18 - घुसपैठिया वोट बैंक को बचाने के लिए एसआईआर के खिलाफ एजेंडा

19 - पंजाब में लैंड पूलिंग पालिसी से 65000 एकड़ उपजाऊ जमीन बर्बाद होने वाली थी

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21 - दिल्ली में आयोजित होने वाली ऑल इंडिया स्पीकर कॉन्फ्रेंस का थीम विरासत से विकास पर आधारित

22 - बारिश के बाद सड़कों पर उतर कर किया रियलिटी चेक

23 - फेक नैरेटिव के आधार पर संवैधानिक संस्थानों को कमजोर करने की कोशिश

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25 - चुनावी प्रक्रिया में झोल होने से पुख्ता सबूतों के साथ होगा क्या कानूनी रूख अख्तियार

26 - कथित फांसीघर बनवाने पर 1,04,49,279 खर्च कर हेरिटेज बिल्डिंग की विरासत के साथ छेड़-छाड़ का विवाद गरमाया

27 - क्या वास्तव में दिल्ली विधान सभा परिसर में फाँसी घर की अफवाह को दिया गया है अमली जामा

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29 - दिल्ली विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन ऑपरेशन सिंदूर पर हुई चर्चा

30 - ओबीसी मोर्चे ने दिया दिल्ली की मुख्य मंत्री को 15 सूत्रीय ज्ञापन

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32 - नारी सशक्तिकरण से सशक्त भारत: विकसित भारत की ओर एक कदम

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