चंद अरसा पहले मध्य रात्री में जूनागढ़ के कसोद के समीप से गुजर रहे भा.ज.पा. के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के काफिले पर गुस्साये हुए पाटिदारों के एक समुह ने बरसाये अंडे की खबर वायरल हुई । आखिर कौन हैं ये पाटिदार और क्या था गुस्से का कारण ? जहाँ तक अमित शाह का सवाल है वो सोमनाथ जा रहे थे उन्हें प्रधान-मंत्री श्री नरेंद्र भाई मोदी के साथ एक समारोह में शिरकत करनी थी । अब गौर फरमाते हैं गुजरात के पाटीदारों और उन की नाराजगी पर ।
एक अरसे से गुजरात पाटिदारों के जन आंदोलन के चलते सुर्खियों में बना हुआ है और उन की माँग भारत की अनुसूचित जाति और जनजाति याने कि पिछड़े वर्ग की तरह उन्हें भी मिलना चाहिये आरक्षण । गौर फरमाने की बात यह है कि पाटिदार याने कि पटेल गुजरात का सबसे संपन्न और शक्तिशाली सामुदाय है । भारत मे ही नहीं विदेश जिसमें अमेरिका भी शामिल है इनका परचम है । ज्यादातर फाइनेंस और मोटल के कारोबार से जुड़े हैं ।
खुद को राम के पुत्र लव और कुश का वंशज मानने वाले यह पाटिदार समाज का सशक्त वा संपन्न वर्ग है । पोरबंदर के सांसद विठठल राडडिया को ही लीजिये वो अपनी बेटी को शादी में 100 करोड़ की जमीन दहेज में देने के लिये सुर्खियों मे बने रहे । उसी प्रकार सावजी ढोलकिया दिवाली पर अपने मुलाजिमों को तोहफे में फलेट एवं कार देने के लिये चर्चा में बने रहे ।
अब वो अजंता घड़ी हो या दवाई की फेक्ट्री या फिर हो विंड टरबाइन प्रोजेक्ट सब की डोर पाटिदार उर्फ पटेल के हाथ । हाँँ उत्तरी गुजरात के चैधरी पटेल जरुर ओ.बी.सी. की श्रेणी में आते हैं । ज्यादातर पाटिदार खुद का व्यवसाय करते हैं । एक हिस्सा जमीन यानि खेती बाड़ी से भी जुड़ा है ।
आखिर क्यों पड़ी पटेल जैसे संपन्न सामुदाय को आरक्षण की जरुरत । पाटीदारों के युवा नेता हार्दिक पटेल का मानना है कि पटेल समाज आर्थिक रुप से संपन है मगर कहीं न कहीं समाज मे उच्च शिक्षा का आभाव है । पाटीदारों में शिक्षा की और रुझाान बढ़ा है । राजकोट जैसे बड़े शहरों में पाटिदार आई.ए.एस. एकेडमी जैसे कोचिंग सेंटर की स्थापना हो रही है । उच्च पद के प्रति बढ़ते रुझाान की संभवना से भी इंकार नहीं किया जा सकता ।
आरक्षण वा बुनियादी सुविधाओं के लिये आवाज उठाया जाना स्वाभाविक है विचारणीय है तो बस संपन्न् होने के बावजूद गुजरात के पाटिदारों के आरक्षण के लिये विरोध के दौरान हिंसा में जानो-माल का नुकसान एवं युवा नेता हार्दिक पटेल की बदलती सोंच । आखिर कयों है पाटीदारों को आरक्षण की जरुरत माजरा क्या है देर से ही सही गुजरात में विधान-सभा चुनाव भी संभावित हैं.........