नहीं होगा आसान मुख्य-मंत्री योगी आदित्यनाथ के लिये तुष्टीकरण की राजनीति से पार पाना । यू.पी. में 15 सालों बाद बी.जे.पी. फिर से सत्ता में आई है । इससे पहले यहाँ की राजनीति पर बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी का होलड रहा है । जाहिर है पारी-पारी की खेली गई इस राजनीति में यू.पी. में अवसरवादिता के चलते अपराधों में जमकर इजाफा हुआ है ।
पत्रकारों पे आये दिन हमले,खाप की बिसात पे होनर किलिंग और फिरोती के लिये अगुवाही या फिर मर्डर तो होते ही आये हैं । हाल ही में हथियारों की नोक पर परिवार के सामने एक महिला और उसकी नाबालिग बेटी के साथ हुए बलात्कार ने यू.पी. में आम आदमी की सुरक्षा और तत्कालीन सरकार की कार्यप्रणाली पे प्रशन चिंह लगा दिया था।
बुलंदशहर के समीप नेशनल हाई वे पे हुए हथियारों की नोंक पर अपने परिवार के साथ जा रही महिला और उसकी नाबालिग पुत्री के साथ सामूहिक बलात्कार की । मध्य रात्री का समय था और परिवार बेबस । वो पारिवारिक समारोह मे शामिल होने के लिये कार से सफर कर रहे थे । वह भी दिल्ली से मात्र 50 किलोमीटर दूरी पर ।
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी अमिताभ टाकुर और मुलायम सिंह के बीच आरोपों और प्रत्यारोपों का सिलसिला एक अरसे तक सुर्खियों में बना रहा । अमिताभ ठाकुर बिहार केडर के वरिष्ठ अधिकारी उस समयसिविल डिफेंस के महा निरिक्षक के पद पर तैनात थे । उनकी पत्नी नूतन आर. टी. आई . एक्टिविस्ट हैं । यू.पी. के खनन मंत्री गायत्री प्रसाद के खिलाफ दर्ज एफ.आर. आई. को लेकर दोनो ही पक्षों में तना-तनी थी ।
अमिताभ टाकुर को मिली धमकी का खुलासा एक आडियो टेप के माघ्यम से हुआ था और पलटवार में मुलायम सिंह ने अमिताभ ठाकुर पर उछाला बलात्कार का मामला । गाजियाबाद की पीड़िता का अभियोग एक साल पहले पत्नी के सहयोग से हुआ था उसके साथ बलात्कार । अमिताभ ठाकुर ने जान को खतरा बताते हुए अतिरिक्त सुरक्षा की मांग की थी मामला हजरत गंज पुलिस ठाने में विचाराधीन है ।
बी.जे.पी. के विधायक सुरेश कुमार खन्ना की मांग पर विधानसभा में किये गये खुलासे मे तत्कालीन मुख्य-मंत्री अखिलेश यादव ने स्वयं स्विकारा है कि 45 दिन में प्रदेश में 699 मर्डर,263 रेप वा 249 लूट-पाट से संबंधित मामले नोटिफाइड हुये हैं । यह लेखा-जोखा मार्च 15 से लेकर अप्रेल 2015 का है । मायावती सरकार के कार्यकाल के दौरान अप्रेल 1 ,2011 से नंवंबर 30 ,2011 के अंतराल में 3161 मर्डर,1164 रेप और 1831 लूट-पाट से संबंधित मामले नोटिफाइड हुए ।
वर्तमान मुख्य-मंत्री योगी आदित्यनाथ की छवि गौरखनाथ धाम के मठाधीश होने के साथ एक बहुबली नेता की है वह गोरखपुर से लोकसभा सदस्य हैं । सामाजिक गतिविधियों में सक्रिय होने के साथ उन का युवा पीढी पर विशेषकर पूर्वांचल में होल्ड है ।
यू.पी. में चल रही बेलगाम अपराधिक गतिविधियों पर काबू पाने के लिये नये मुख्य-मंत्री योगी आदित्यनाथ को अदा करनी पड़ सकती है सिंघम की भूमिका । यू.पी. में योगी और केंद्र में मोदी के अंजामों का खुलासा तो वक्त के साथ होता ही रहेगा। फिलहाल बहुत कठिन है डगर पनघट की...