बीफ के बाद अब राजनीतिक हल्कों में किसान की राजनीति । मध्य-प्रदेश के मंदसौर से उठी चिंगाारी अब सक्रिय हो गई है उन राज्यों में जहाँ बी.जे.पी. का शासन है । कांग्रेस और उसके सहयोगी वाम-पंथी दलों का मानना है कि भूखा किसान अब हो गया अपने अधिकारों के लिये जागरुक और अब वो किसी भी हद तक जा सकता है ।
जहाँ महाराष्ट्र के विदर्भ का किसान सूखे के चलते आत्म-हत्या करने को मजबूर है वहीं मध्य-प्रदेश का किसान अपनी माँगों के लिये मशाल हाथ में ले लेता है और शुरु हो जाता है आगजनी और तोड़-फोड़ का दौर । बेचारे भूखे किसान के हाथ में ना जाने कहाँ से आ जाती है लाथी और मशाल और वह निकल पड़ता है विध्वंश की और ।
जब बात निजी संपति से हटकर सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान की आती है और परिस्थिति विकराल रुप ले लेती है तो प्रशासन जागरुक हो जाता है । फिर अनियंत्रित बलवाइयों की भीड़ नियंत्रण के लिये बेरिकेड की प्रक्रिया शुरु होती है साथ ही शुरु होता है लाथी चार्ज वा विरोध में पत्थर-बाजी का दौर ।
बेकाबू भीड़ मौब पर नियंत्रण के लिये पुलिस फायरिंग करती है और चपेटे में आने से बलवे में शामिल पाँच किसानों की मौत हो जाती है । अब मौब द्वारा किये गये पत्थराव से पुलिस बल भी अछूता नहीं रहा हो्रगा । चंदू खेरी में हुई पत्थराव से तैनात बल के हेलमेट टूट गये । हजीरा थाने के सहायक निरिक्षक उदयवीर तोमर के गिरेबान पर तो सी.पी.आई. रीना शक्य और प्रीति सिह के हाथ पहुँच गये ।
महाराष्ट्र में अपनी माँग को लेकर किसानों ने फल-सब्जियाँ सड़क पर फैंक दी । सुनने में आया है कि कांग्रेस के उप-अध्यक्ष राहुल गाँधी भी किसानों के समर्थन में मंदसौर गये थे । हाल ही में हुई कांग्रेस मुख्यालय में प्रेस कांफ्रेंस में डा.सी.पी. जोशी द्वारा जारी किये गये आंकड़ों के अनुसार बी.जे.पी. के शासन काल में ऐवरेज ऐग्रिकल्चरल ग्रोथ 1.3 प्रतिशत है जबकि कांग्रेस-यू.पी.ए. शासनकाल में 4.2 प्रतिशत थी ।
उनका मानना है कि बी.जे.पी. गठबंधन सरकार के दौरान मंदी से तंग आकर हर रोज 35 किसान आत्म-हत्या करने को मजबूर हैं । वैसे अतीत पर गौर फरमाया जाये तो आजादी के 75 साल बाद भी किसानों की स्थिति में कोई खास बदलाव नहीं आया है । क्या फरक पड़ता है कि सरकार कांग्रेस की हो या बी.जे.पी. या कांग्रेस की । किसान तो तब बी आत्म-हत्या करता था और आज भी ।
अपनी माँगों को लेकर आंदोलन स्वाभाविक है विचारणीय है तो बस मंदसौर किसान आंदोलन के दौरान हुई तोड़-फोड़ और हिसा के पीछे छिपि राजनीतिक मनसिक्ता........