कभी अन्ना का दायां और बायां हाथ कहलाने वाले अरविंद केजरीवाल और किरण बेदी में होगी अब सीधी भिड़त याने कि मुख्य-मंत्री की दावेदारी में एक और इजाफा । किरण बेदी के भा.ज.प. में शामिल होने से दिल्ली के राजनैतिक तबके में मच गया है हड़कंप और भा.ज.प. के एक खेमें में भी छा गई है मायुसी । संघ भी है नाखुश ।
केजरीबाल की कुंडली में एक और राहू और अफरातफरी में दिया पुर्नवास कलोनी के मकानमालिकों को लोलीपोप मात्र दस हजार में मालिकाना हक वह भी मात्र तीन महीने में । अब केजरीवाल की निगाहों में हैं 45 पुर्नवास कलोनियों में रह रहे 15 लाख मतदाता मुख्य-मंत्री की कुर्सी का जो सवाल है । ऐसा ही लोलीपोप दिया गया था डी.टी.सी. में ठेके पे काम कर रहे मुलाजिमों को वह भी पक्का करने का और चंद महीने में भंग हो गई दिल्ली की सरकार । चुनाव तिसपर रैलियों का दौर कहीं अमित तो कहीं अरविंद और जल्द ही नजर आयेंगी किरण । कांग्रेस के बेजान खेमे में भी दिखाई दे रही है हलचल साथ ही शुरु हो गया है प्रतिक्रियाओं का दौर ।
धक्का पेली में बाजी किसके हाथ लगती है यह तो आने वाला समय ही बतायेगा । फिलहाल दिल्ली वालों के लिए चुनौती की घड़ी है और आवश्यक्ता है एक सही सोंच और नजरिये की...