इस वर्ष दिल्ली पुलिस की उपलब्धि रही डिजिटल एपलिकेशन । यानि कि अब हो सकती है एफ.आई.आर. दर्ज हो सकती है आन लाइन और वांछनीय दस्तावेजों को आनलाइन पाना होगा आसान । महिलाओं को सुरक्ष्ति माहौल के लिए मोबाइल युजर फ्रेडली ओपरेशन हिम्मत । डिजिटल एपलिकेशन के चलते निश्चय ही कमी आयेगी कागजी जमा खर्च पे । पर क्या इसके चलते क्या लग पाया है अपराधों पे अंकुश ? आइये गौर फरमाते हैं इस बार की वार्षिक प्रेस कांफ्रेंस में जारी आंकड़ों पे -
लगभग 96 प्रतिशत वारदातों में आरोपी पीड़त पक्ष का करीबी होता है या किसी न किसी रूप से जुड़ा होता है । पुलिस आयुक्त बसी का मानना है कि आत्म सुरक्षा प्रशिक्षण के जरिये ऐसी वारदातों की संभावनाओं को एक हद तक रोका जा सकता है ।
तमाम उपलब्धियों और माकूल इंतजामात चलते क्या दिल्ली वास्तव में अपराध एवं भयमुक्त होगी यह तो आने वाला समय ही बतायेगा....