घर-घर राशन योजना पर केंद्र की रोक के बाद दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल का एलान, योजना को कोई नाम नहीं देंगे, लेकिन गरीबों के घर राशन पहुंचाएंगे मकसद नाम चमकाना नहीं, गरीबों की मदद करना है ।
उनके अनुसार दिल्ली सरकार ने काफी लोगों से चर्चा करने के बाद कुछ वर्ष पहले यह समाधान निकाला कि अगर वह सीधे बोरी में पैक करके, जितना गेहूं बनता है, उतना ही आटा और जितना चावल बनता है, उन दोनों को बोरी में पैक कर हर एक आदमी के घर पहुंचा दें, जितना उसका बनता है, तो लोगों को लाइनों में नहीं लगना पड़ेगा। इससे अभी तक राशन की जो भी समस्याएं आ रही हैं, वह सारी दूर हो जाएंगी। इसी मकसद से ‘मुख्यमंत्री घर-घर राशन’ योजना लाई गई थी। 25 मार्च से इसको लागू होना था। कल दोपहर में केंद्र सरकार से उनके पास एक चिट्ठी आई है कि यह राशन योजना आप लागू नहीं कर सकते हैं। उस चिट्ठी से उन्हें थोड़ा धक्का लगा, क्योंकि लागू होने के 5 दिन पहले केंद्र सरकार ने इसको बंद करने का आदेश दिया। यह योजना क्यों नहीं लागू कर सकते? इसका कारण चिट्ठी में यह लिखा हुआ है कि इसका नाम ‘मुख्यमंत्री घर-घर राशन’ योजना नहीं रखा जा सकता। केंद्र सरकार को ‘मुख्यमंत्री’ शब्द से आपत्ति है, वह योजना को कोई नाम नहीं देंगे, उन्हें उम्मीद है इसके बाद केंद्र की आपत्ति दूर हो गई होगी ।