उर्जा से जुड़े़ उपकरण वा सामाग्री के आयात के नाम पर हो रहा है करोड़ों रूप्ये की हेरा-फेरी और खामियाजा भुगतना पड़ रहा है उपभोक्ताओं को । दिल्ली स्थित कांग्रेस पार्टी के मुख्यालय में प्रदेशाध्यक्ष अजय माखन द्वारा पत्रकारों को किये गये ऐक खुलासे के अनुसार भारत की उर्जा क्षेत्र की निजी कंपनियाँ अपने फायदे के लिये वास्तविक मूल्य से कहीं अधिक आयतित मूल्य दिखाकर करोड़ों का चूना लगा रही है और खामियाजा दो रूप्ये /युनिट टेक्स के नाम पर गाज गिरती है आम उपभेक्ताओं पर ।
उर्जा क्षेत्र की अग्रणी कंपनी अदानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड पर सीधा निशाना साघते हुए श्री माखन ने बताया कि अदानी ग्रुप आफ शोर कंपनी नेटवर्क के माध्यम से उर्जा उपकरण खरीदकर उर्जा क्षेत्र में कार्यरत अन्य भारतीय कंपनियों को 860 प्रतिशत अधिक मूल्य पे सप्लाई करती है । उर्जा उपकरण वा सामग्री से संबंधित आयात तो सीधा भारत में आता है और आवरबिलिंग के कागज-पत्रे यू.ए.ई. से तैयार होकर भारत में आते हैं ।
उनका मानना है कि इलेक्ट्राजन इंफ्रा एफजेडई यू.ए.ई. के माध्यम से इनवायसेस में धंाढ़ली होती है । वास्तविक मूल्य ओ.ई.एम. को मिल जाता है और बकाया पेरेंट कंपनी इलेक्ट्रोजन इंफ्रा होल्डिंग प्राइवेट लिमिटेड के मोरेशियस खाते में जमा हो जाता है । इन कंपनियों के तार अदानी ग्रुप से जुड़े होने की संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता ।
उन्होंने अदानी ग्रुप की कंपनियों जिन्में अदानी पावर माहाराष्ट्रा लि.,आदानी पावर राजस्थान लि. और महाराष्ट्रा ईस्टर्न ग्रिड पाावर ट्रांसमीशन कंपनी लिमिटेड शामिल हैं पर सीधा निशाना साधते हुए बताया कि सन 2014 में डायरेक्अरेट आफ रेवेन्यु इंटेलिजेंस ने पावर प्लांट इक्युपमेंट के आयात में ओवर इनवाइसिंग जो कि 6000 करोड़ के करीब बैठता है कारण बताओ नोटिस जारी किया ।
एक पब्लिक डोमेन का हवाला देते हुए बताया कि कहीं न कहीं यह आंकड़ा 50000 करोड़ के पार बैठता है । मौजूदा सरकार पर मिली-भगत निषक्रियता का अभियोग लगाया । देरी से मुददा उठाये जाने का कारण पूछे जाने पर उनका जवाब था कि उनकी पार्टी को भी इसका खुलासा दो दिन पहले किसी पब्लिक डोमेन के माघ्यम से हुआ । हालांकि अदानी ग्रुप ने एक विदेशी न्यूज साइट को दिये इंटरव्यू में आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए कहा कि वो जाँच एजेंसी को जाँच प्रक्रिया में सहयोग करते आये हैं और आगे भी करते रहेंगे ।
जहाँ तक उर्जा से जुड़े उपकरण वा सामग्री के आयात में ओवर इनवायसिंग का सवाल है तो इसकी जाँच डायरेक्अरेट आफ रेवेन्यु इंटेलिजेंस कर रही है । देरी से ही सही परिणामों का खुलासा एक ना एक दिन हो ही जायेगा । विचारणीय है तो बस अदानी और अंबानी को लेकर विपक्ष में मची हलचल वा वक्त के साथ बदलते राजजनीति के परिवेश .....