3200 करोड़ की श्री जगन्नाथ कॉरिडोर परियोजना के अंतर्गत मंदिर के 200 मीटर छेत्र में नवनिर्माण के लिये मशीनों द्वारा खुदाई से 12 वीं शताब्दी में निर्मित मंदिर के ढांचे पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकते हैं । मंदिर सुरक्षा अभियान के प्रवक्ता अनिल धीर ने एएसआई की महानिदेशक सुश्री वी विद्यावती के 21 फरवरी को मंदिर परिसर के दौरे के बाद लिखे विजिट नोट का हवाला देते हुए बताया कि मंदिर के 200 मीटर के दायरे में विध्वंश एवं नव निर्माण कार्य मे एनएमए एवं ए सआई से इजाजत नहीं ली गई । मंदिर की प्राचीरें पुरानी होने कारण नीव हिलने की संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता ।
मंदिर सुरक्षा अभियान के पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल दल ने इस बाबत अपना ज्ञापन केंद्रीय संस्कृति मंत्री श्री जी कृष्णा रेड्डी को इस बाबत अपना ज्ञापन सौंपा है एवं मामले की गंभीरता संज्ञान लेते हुए हस्ताक्षेप करने की अपील की है। अभियान के प्रवक्ता ने विश्व हिन्दू परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष एडवोकेट आलोक कुमार एवं आमोखास की मौजूदगी में ऐलान इस बाबत कल सांय 4 बजे दिल्ली के जंतर मंतर पर होगा विशाल धारणा-प्रदर्शन ।