विधान-सभा में दो दिन का सत्र बुलाकर सदन में तीनों कृषि बिल की प्रतियाँ फाड़ना दिल्ली के मुख्य-मंत्री अरविंद केजरीवाल का है अपनी जिम्मेदारियों से कटकर निकलने का मात्र एक नया ड्रामा । किसानों के प्रति झूठमूथ की हमदर्दी दिखाने के लिये दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष चौधरी अनिल कुमार ने साधा निशाना ।
यदि केजरीवाल एवं उनकी पार्टी वास्तव में किसानों की हितेषी थी तो संसद में तीनों कृषि सुधार बिल पास किये जाने के विरोध में सारा विपक्ष के मैदान में उतर आने पर भी वह 6 महीने तक क्यों खामोश रहे । इतना ही नहीं उनकी सरकार ने बिलों को दिल्ली में लागू किये जाने के लिये सरकारी नोटिफिकेशन जारी करने की तैयारी कर ली थी । सदन में तीनों बिलों की प्रतियाँ तो फाड़ दी लेकिन नोटिफिकेशन को नहीं फाड़ा ।
बुनियादी समस्याओं से दिल्ली वासियों का ध्यान भटकाने के लिये एवं अपनी जिम्मेदारियों से बचने के लिये दिल्ली की सरकार द्वारा आरोपों एवं प्रत्यारोपों का सिसिला जारी है । कभी दिल्ली की म्युनिसिपल कारपोरेशनों का मुद्दा तो कभी कुछ और....