जहाँ दिल्ली शिरोमणि गुरूद्वारा प्रबंध कमेटी के अध्यक्ष सरदार मनजिंदर सिंह सिरसा ने गुरू हरकिशन इंस्टिटयूट आफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च किडनी डायलसिस अस्पताल को जनकल्याण के लिये एक पहल माना है वहीं केंद्रिय श्री गुरू सिंह सभा के प्रधान एवं कांग्रेस के पूर्व विधायक सरदार तरविंदर सिह मारवाह जो कि दिल्ली शिरोमणि गुरूद्वारा प्रबंध कमेटी के सदस्य भी हैं के आज भी हैं तीखे तेवर ।
अस्पताल के उदघाटन के बाद बाला साहिब गुरूद्वारा परिसर में अपने समर्थकों के साथ मौजूद पूर्व विघायक ने मौजूदा प्रबंधन पर दागे फिर वही सवाल । प्रबंधन के पास पर्याप्त फंड होने के बावजूद भी एैसी क्या मजबूरी थी की एनजीओ को साथ में लेना पड़ा वो भी चंद डायलिसिस मशीनों के लिये? जहाँ पर पाँच सौ बेड का अस्पताल प्रस्तावित था वहाँ पर डायलेसिस सेंटर खोलने की क्या आवश्यक्ता थी ? इसे अस्पताल ही रहने दिया जाता और गुरूद्वारा परिसर में पीछे के खाली हिस्से में अलहदा डायलेसिस सेंटर बनाया जा सकता था ? कुछ सवाल व्यवस्था से भी संबंघित हैं ।
हाँलांकि मौजूदा प्रबंधन के एक और सदस्य सरदार जस्मेन सिंह नोनी ने एनजीओ को शामिल किये जाने की बात का खंडन किया है । उनके अनुसार डा वेंकटेश जिसको एनजीओ का डायरेक्टर बताया जा रहा है वह इस संस्थान के मुलाजिम हैं । उन्होंने मुलाजिमों की तनख्वाह को रोके जाने की बात का भी खंडन किया है । आज संसथान का उदघाटन हुआ है और सार्वजनिक तौर पर आम आमी के लिये खोल दिया गया है ।
दिल्ली शिरोमणि गुरूद्वारा प्रबंध कमेटी के चुनाव संभावित हैं और चुनाव से पहले आरोपों-प्रत्यारोपों का सिलसिला लाजमी है ।