नई दिल्ली 09, May 2025

लेख

1 - देश के लोकतंत्र को मज़बूत करने के लिए बाबा साहिब का अमूल्य योगदान

2 - दिल्ली सरकार के 100,000करोड़ से क्षेत्र में उन्नति की संभावनाओं को मिलेगी मजबूती

3 - दशक के बाद बिखरा झाड़ू 27 साल बाद खिला कमल फिर एक बार

4 - स्वर्णिम भारत,विरासत और इतिहास पर आधारित इस बार का गणतंत्र दिवस समारोह

5 - महाराष्ट्र में फिर एक बार लहराया बीजेपी का परचम

6 - तमाम कवायदों के बावजूद बीजेपी तीसरी बार हरियाणा में सरकार बनाने को अग्रसर

7 - श्रॉफ बिल्डिंग के सामने कुछ इस अंदाज से हुआ लाल बाग के राजा का स्वागत

8 - प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के सदस्यता ग्रहण करने के साथ ही शुरू हुआ बीजेपी का सदस्यता अभियान

9 - देश के सीमांत इलाकों में तैनात सैनिकों में भी दिखा 78 वें स्वतंत्रता दिवस का जज्बा

10 - २०२४-२५ के बजट को लेकर सियासत विपक्ष आमने सामने

11 - एक बार फिर तीसरी पारी खेलेंगे प्रधानमंत्री नरेंद्र भाई मोदी

12 - केजरिवाल के जमानत पर रिहा होने पर शुरु हुई नई कवायदें

13 - मतदान की दर धीमी आखिर माजरा क्या

14 - क्यूं चलाना चाहते हैं केजरीवाल जेल से सरकार

15 - 2004-14 के मुकाबले 2014-23 में वामपंथी उग्रवाद-संबंधित हिंसा में 52 प्रतिशत और मृतकों की संख्या में 69 % कमी

16 - कर्तव्य पथ दिखी शौर्य की झलक

17 - फ़ाइनली राम लल्ला अपने आशियाने में हो गये हैं विराजमान

18 - राजस्थान का ऊँट किस छोर करवट लेगा

19 - एक बार फिर गणपति मय हुई माया नगरी मुंबई

20 - पत्रकारिता की आड़ में फर्जीवाड़े के खिलाफ एनयूजे(आई) छेड़ेगी राष्ट्रव्यापी मुहीम

21 - भ्रष्टाचार, तुस्टिकरण एवं परिवारवाद विकास के दुश्मन

22 - एक बार फिर शुरू हुई पश्चिम बंगाल में रक्त रंजित राजनीति

23 - नहीं होगा बीजेपी के लिऐ आसान कर्नाटक में कांग्रेस के चक्रव्यूह को भेद पाना

24 - रद्द करने के बाद भी नहीं खामोश कर पायेंगे मेरी जुबान

25 - उत्तर-पूर्वी राज्यों के अल्पसंख्यकों ने एक बार फिर बीजेपी पर जताया भरोसा

26 - 7 लाख तक की आमदनी टैक्स फ्री

27 - गुजरात में फिर एक बार लहराया बीजेपी का परचम

28 - बीजेपी आप में काँटे की टक्कर

29 - सीमित व्यवस्था के बावजूद धूम-धाम से हो रही है छट माइय्या की पूजा

30 - जहाँ आज भी पुजा जाता है रावण

31 - एक बार फिर माया नगरी हुई गणपतिमय

32 - एक बार फिर लहराया तिरंगा लाल किले की प्राचीर पर

33 - बलवाइयों एवं जिहादियों के प्रति पनपता सहनभूतिक रुख

34 - आजादी के अमृत महोत्सव की कड़ी के रूप में मनाया जा रहा है 8 वाँ विश्व योग दिवस

35 - अपने दिग्गज नेताओं को नहीं संभाल पाई कांग्रेस पार्टी

36 - ज्ञान व्यापी मस्जिद के वजु घर में शिवलिंग मिलने से विवाद गहराया

37 - आखिर क्यूँ मंजूर है इन्हे फिर से वही बंदिशें.....

38 - पाँच में से चार राज्यों में लहराया कमल का परचम

39 - पेट्रोलियम, फर्टिलाइजर एवं खाद्य सामाग्री पर मिलने वाली राहत में लगभग 27 फीसदी की कटौती

40 - जे&के पुलिस के सहायक उप निरीक्षक बाबूराम शर्मा मरणोपरांत अशोक चक्र से संमानित

41 - आखिर कौन होंगे सत्ता के इस महाभोज के सिकंदर

42 - ठेके आन फिटनेस सेंटर ऑफ छा गए केजरीवाल जी तुस्सी

43 - मुख्य सुरक्षा अधिकारी हुए पंचतत्वों विलीन

44 - दिल्ली में यमुना का पानी का बीओडी लेवेल 50 के पार

45 - फूक के कदम रखिए वरना हो सकता है आपका भी अगला नंबर

46 - महंत नरेंद्र गिरी की मौत पर लगे सवालिया निशान

47 - अकाली दल बादल ने लगाई हैट्रिक

48 - सबके साथ,सबके विकास,सबके विश्वास एवं सबके प्रयास से ही लक्ष्य प्राप्ति संभव

49 - जबरन कराया गया बच्ची का अंतिम संस्कार

50 - सिने जगत के ट्रेज्डी किंग को देश का आखरी सलाम

एक दिल छू लेने वाली कहानी, जो हर परिवार से जुड़ती है

कुछ फ़िल्में अपनी भव्यता से नहीं, बल्कि सादगी और गहराई से दर्शकों के दिलों तक पहुँचती हैं। कौशलजीज़ vs कौशल ऐसी ही एक फ़िल्म है, जो रिश्तों, सपनों और परिवार के बदलते समीकरणों को खूबसूरती से उजागर करती है। सीमा देसाई के निर्देशन में बनी यह फ़िल्म छोटे शहरों की सच्ची भावनाओं और जीवन के उतार-चढ़ाव को संवेदनशीलता से पेश करती है।
फ़िल्म की कहानी कानपुर के एक साधारण लेकिन प्यार से भरे परिवार की है। साहिल कौशल (आशुतोष राणा) एक ईमानदार एकाउंटेंट हैं, जो ग़ुपचुप तौर पर कव्वाली गाने का सपना देखते हैं, जबकि उनकी पत्नी संगीता (शीबा चड्ढा) एक दिन परफ्यूमर बनने की इच्छा रखती हैं। वर्षों तक परिवार और जिम्मेदारियों को प्राथमिकता देने के बाद, एक दिन यह जोड़ी एक चौंकाने वाला फैसला लेती है, जिससे उनका बेटा युग (पवैल गुलाटी) और बेटी, जो एक एनजीओ में काम करती है, हैरान रह जाते हैं। यह फ़ैसला न सिर्फ उनके रिश्तों की नई परिभाषा गढ़ता है, बल्कि हर किरदार को अपनी ज़िंदगी के मायनों को दोबारा समझने पर मजबूर कर देता है।
फ़िल्म का सबसे बड़ा आकर्षण इसके कलाकार हैं। आशुतोष राणा और शीबा चड्ढा अपने किरदारों को इतनी सहजता और गहराई से निभाते हैं कि यह जोड़ी किसी भी आम ति-पत्नी की तरह लगती है। उनके बीच के छोटे-छोटे संवाद और इशारे भावनात्मक रूप से दर्शकों को जोड़ते हैं।
पवैल गुलाटी, एक उलझन में फंसे बेटे के रूप में, प्रभावी प्रदर्शन देते हैं। वहीं, ईशा तलवार और दीक्षा जोशी अपने किरदारों में सहज नजर आती हैं। फ़िल्म को और अधिक रोचक बनाते हैं बृजेंद्र काला, जो अपने चिर-परिचित अंदाज में हल्के-फुल्के संवादों से कहानी में गहराई और हास्य का संतुलन बनाए रखते हैं। साथ ही, ग्रूशा कपूर भी अपने दमदार अभिनय से फिल्म को और अधिक सजीव बना देती हैं।
 यह फ़िल्म भावनात्मक क्षणों को ज़रूरत से ज़्यादा गहन या बोझिल नहीं बनाती, बल्कि हल्के-फुल्के हास्य और पारिवारिक तकरार के साथ एक खूबसूरत सफ़र बुनती है। संवाद सीधे दिल तक पहुँचते हैं और ऐसी परिस्थितियाँ दिखाती हैं, जो हर भारतीय परिवार में कभी न कभी आई होती हैं।
फ़िल्म की सिनेमैटोग्राफी छोटे शहर की आत्मा को खूबसूरती से उभारती है, जिससे माहौल और भी वास्तविक लगता है। वहीं, संगीत विशेष रूप से कव्वाली वाले हिस्से, कहानी में एक अनोखी गहराई जोड़ते हैं, जिससे दर्शकों को पात्रों की भावनाएं और नज़दीक से महसूस होती हैं।
सीमा देसाई के निर्देशन में कौशलजीज़ vs कौशल एक खूबसूरती से गढ़ी गई, दिल को छू लेने वाली कहानी है। उनकी संवेदनशील निर्देशन शैली इस फिल्म को वास्तविक और प्रभावशाली बनाती है, जहां हर किरदार और हर सीन अपनी एक अलग पहचान छोड़ता है। कहानी को सादगी और गहराई के साथ पेश करने की उनकी काबिलियत इस फिल्म को खास बनाती है।
यह फिल्म अब JioHotstar पर उपलब्ध है, जहां आप इसे कभी भी देख सकते हैं। रिश्तों, सपनों और पारिवारिक भावनाओं से भरी इस फिल्म को हम 4 स्टार ⭐⭐⭐⭐ देते हैं! अगर आपको दिल छू लेने वाली पारिवारिक कहानियां पसंद हैं, तो यह फिल्म जरूर देखें!

10:30 am 25/02/2025

संपादक

डा. अशोक बड़थ्वाल

Mobile : 91-9811440461

editor@dhanustankar.com

Slideshow

समाचार

1 - पाकिस्तान द्वारा ड्रोन और मिसाइलों से हमले वायुरक्षा प्रणाली से निष्क्रिय

2 - ऑपरेशन सिन्दूर

3 - रकाबगंज साहिब में हुए नैतिक पतन मामले पर DSGMC की निंदा: सरना

4 - दिल्ली पर थोपे जा रहे कृत्रिम जल संकट के विरोध में भाजपा ने दिया उपराज्यपाल को ज्ञापन

5 - गरीब अब दाल रोटी खाओ प्रभु के गुण गाओ जैसी कहावतें भी गरीब के लिए बेमानी: देवेन्द्र यादव

6 - वक्फ बोर्ड कानून के पक्ष में है या विपक्ष में यह अभी तक स्पष्ट करने में असफल रही है कांग्रेस

7 - चकाचौंध और सोशल मीडिया के शोरगुल में डूबी फिल्मी दुनिया में फूटी एक नई किरण फिल्ममोर

8 - हिट दा थर्ड केस एक खूनी खेल की कहानी

9 - कांग्रेस सिर्फ सत्ता के लिए सामाजिक न्याय का स्वांग रचती है: धर्मेंद्र प्रधान

10 - जाति जनगणना पूरा करने की स्पष्ट समय सीमा बताए सरकार: राहुल गाँधी

11 - राम जन्मभूमि मन्दिर के मुख्य शिखर पर ध्वज दण्ड स्थापित

12 - केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने आईएएस सज्जन यादव की किताब का विमोचन किया

13 - 1000 से भी अधिक न्यायविद एवं क़ानूनविद ने की विनीत धांडा द्वारा आयोजित केसरी चैप्टर 2 की स्क्रीनिंग

14 - सरदार प्रकाश सिंह बादल की बरसी के मौके पर कीर्तन दरबार

15 - आतंकवादियों द्वारा धर्म पूछ कर किया गया जघन्य नरसंहार देश पे हमला है बदला जरूर लेगा भारत

16 - हिन्दू पर्यटकों पर आतंकवादी हमला, सनातन नहीं सहेगा: स्वामी राघवानंद

17 - कायराना सुनियोजित आतंकी हमला करार देते हुए उकसावे के बावजूद शांति बनाए रखने की अपील:सीडब्ल्यूसी

18 - ओखला लैंड फिल साइट दुर्घटना में पैर गवाने वाले कर्मचारी को 26.33 लाख की मदद

19 - बैसाखी की रात - पंजाबी आइकन अवार्ड्स 2025 ने मुंबई को पंजाबी भावना से जगमगा दिया

20 - नेशनल हेराल्ड मामले पर गरजे चिदंबरम माँगा सबूत

21 - 5 मई तक दिल्ली भाजपा चलायेगी प्रदेश भर में वक्फ सुधार जनजागरण अभियान

22 - मिसेज ग्लोब इंटरनेशनल की विजेता बनकर गर्व से भारत लौटीं अनुराधा गर्ग

23 - ट्रेंगल लव स्टोरी बनी हत्या का करण

24 - नियमों की खुल्लम-खुल्ला अवहेलना करके दिल्ली कमेटी पर कब्ज़ा: जतिंदर सिंह सोनू और सतनाम सिंह

25 - राहुल सोनिया के ख़िलाफ़ ईडी के आरोप पत्र के विरोध में कांग्रेस कार्यकर्ता मैदान में

26 - श्री अकाल तख्त साहिब पंथक के हितों का रक्षक : परमजीत सिंह सरना

27 - वैसाखी मैराथन में फिटनेस और नशे के खिलाफ जागरूकता के लिए एकजुट हुई दिल्ली

28 - जहांगीरपुरी हनुमान जन्मोत्सव शोभा यात्रा में सैकड़ों श्रद्धालु शामिल

29 - यदि दिल्ली का विकास करना है तो अपने अंदर हनुमान जी का अंश लाना होगा: रेखा गुप्ता

30 - क्या एक ओबीसी युवा इंडियन फैशन का टॉप डिजाइनर बन सकता है : राहुल गाँधी

31 - बहुजनों के भविष्य से जुड़े मुद्दों पर साथ निभाएं: राहुल गाँधी

32 - गुमनाम लोगों का विडिओ रीट्वीट कर दिल्ली का सामाजिक ताना बना बिगाड़ने की कोशिश:वीरेन्द्र सचदेवा

33 - जाट फ़िल्म एक सुदूर तटीय जीवन पर आधारित कहानी