दिल्ली: प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष देवेन्द्र यादव ने दिल्ली कांग्रेस द्वारा दिल्ली की सभी मदर डेयरियों पर दूध के दामों में 2 रुपये बढ़ोतरी के विरोध में किए जाने वाले प्रदर्शन व हस्ताक्षर अभियान में कहा कि भाजपा की केन्द्र सरकार के अंतर्गत 2014 से 2025 तक खाद्य उत्पादों के साथ अन्य रोजमर्रा की जरुरतों की वस्तुओं में बेहताशा वृद्धि करके यह साबित कर दिया है कि यह सरकार केवल पूंजीपतियों की हितेषी है न कि गरीब व मध्यम वर्ग की। महंगाई का आलम यह है कि घर की सबसे महत्वपूर्ण जरुरत, बच्चो के पोषण का स्रोत दूध भी गरीबों की पहुँच से दूर होता जा रहा है और गरीब अब दाल रोटी खाओ, प्रभु के गुण गाओ जैसी कहावतें भी गरीब के लिए बेमानी नजर आने लगी है।डीडीए मार्केट मदर डेयरी, मिंटो रोड़ नजदीक गांधी मार्केट पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा शामिल विरोध प्रदर्शन में प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष के साथ पूर्व मंत्री हारून यूसूफ, कम्युनिकेशन विभाग के चेयरमैन व पूर्व विधायक अनिल भारद्वाज, जिला अध्यक्ष जावेद मिर्जा, पूर्व पार्षद अशोक जैन, कृष्ण मुरारी जाटव, मौहम्मद उस्मान, डा0 आर.बी. सिंह, मंजूर मलिक और संजय यादव मुख्य रुप से मौजूद थे। मदर डेयरी बूथों पर हजारों कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्ले कार्ड लेकर दूध के दामों की वापसी की मांग करते हुए मदर डेयरियों पर दूध उपभोक्ताओं से बढ़े हुए दामों के विरोध में हस्ताक्षर अभियान भी चलाया।
कांग्रेस शासन के बाद भाजपा के कार्यकाल में 2014 में दूध 48 रुपये प्रति लीटर था वह 44 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 69 रुपये प्रति लीटर हो गया है। जो टमाटर 2014 में 6 रुपये किलो मिलता था व आज 80 रुपये तक पहुॅच गया है, मतलब टमाटर के दामों में 1233 प्रतिशत की वृद्धि हुई है जो कल्पना से भी परे है। इसी तरह तूर दाल जो 36 रुपये प्रतिकिलो थी वह अब 344 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 160 रुपये हो गई है। आलू 8 रुपये से 300 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 32 रुपये प्रतिकिलो मिल रहा है। प्याज जो 10 रुपये प्रतिकिलो थी वह 600 प्रतिशत बढ़ोतरी के साथ 70 रुपये प्रति किलो तक पहुॅच गई। आटा जो 2014 में 21 रुपये प्रति किलो था वह आज 98 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 40 रुपये प्रति किलो हो गया है। सरसों का तेल 2014 में 105 रुपये प्रति लीटर था जो 81 प्रतिशत बढ़ोतरी के बाद 2024 में 190 रुपये प्रति लीटर मिल रहा है।प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष ने कहा कि खाद्य वस्तुओं के साथ साथ रसोई गैस, पेट्रोल, डीजल, सीएनजी और पीएनजी की दरों में भी बेहताशा वृद्धि हुई है। रसोई गैस 450 रुपये से बढ़कर 850 हो गया है जिसमें 110 प्रतिशत की वृद्धि हुई। पेट्रोल 68 रुपये से बढ़कर 104 रुपये और डीजल 55.48 रुपये प्रतिलीटर में लगभग 59 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 88.05 रुपये प्रति लीटर पहुॅच गया। जबकि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में लगातार गिरावट बनी रही। सरकार ने एक्साइज ड्यूटी और वेट में बेहताशा वृद्धि करके जनता पर अतिरिक्त बोझ डाला है। भाजपा के शासन काल में आम आदमी को घर चलाना मुश्किल हो गया है क्योंकि न थाली में खाना है और न जेब में पैसा है। महंगाई की मार और बेरोजगारी की आग में जनता दो तरफा संकट में फंसी है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार को केवल और केवल अमीरों की चिंता है इसलिए उनको गरीब और मध्यम वर्ग के आंसू दिखाई नही देते। महंगाई की मार खाद्य उत्पादों व अन्य आवश्यकत वस्तुओं के साथ दवाईयों पर भी पड़ी है क्योंकि गरीब आवश्यक दवाईयां महंगी होने के कारण बीमारियों से मरने को मजबूर है। अब कैंसर, हृदय रोग, डायबिटिज, एंटी बायटिक दवाईयां भी गरीब अब खरीद नही सकता क्योंकि हाल ही में एनपीपीए ने सूचित दवाईयों के दामों में 10.7 प्रतिशत वृद्धि की अनुमति दे दी है। दवाईयों के दामों बेहताशा बढ़ोत्तरी के साथ बाजार में नकली दवाईयों का कारोबार भी गर्म है, नकली दवाईयां असली दवाईयों की पैकिंग के बार कोड के साथ खुले आम बिक रही है।