होली के दिन कांग्रेस को लगा करारा झटका । कांग्रेस के प्रभावशाली युवा नेता और गाँधी परिवार के कभी करीबी रह चुके ज्योतिर आदित्य सिंधिया ने कांग्रेस छोड़ मिलाया भारतीय जनता पार्टी से हाथ । पार्टी की प्रारंभिक सदस्ष्ता ग्रहण करने के बाद खुला राज्य सभा सदस्य का रास्ता ।
कांग्रेस पार्टी में आंतरिक फूट की संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता । सिंधिया के नेतृत्व में मध्य प्रदेश के 22विधायकों ने राज्यपाल को अपने इस्तीफे सौंप दिये हैं । सिंधिया ने राज्य सभा में भारतीय जनता पार्टी की और से नांमकन दाखिल कर दिया है ।
सिंधिया का तो राज्य सभा सदस्य बनना लगभग तय ही है लेकिन कहीं ना कहीं चरमरा गई है कमलनाथ सरकार की कुर्सी और बढ़ गई है कांग्रेस की सिरदर्दी । मध्य प्रदेश की सियासत में बदलाव संभावित है । हालांकि अपने समर्थकों को साथ लेकर कमलनाथ ने की है राज्यपाल से मुलाकात ।
फिलहाल कमलनाथ मध्य प्रदेश के मुख्य मंत्री हैं । लेकिन विधान सभा में बहुमत साबित करना नहीं होगा आसान । 230 सीटों वाली विघान सभा मे फिलहाल 228 सदस्य हैं और सदन में बहुमत साबित करने के लिये 104 सदस्यों का होना जरूरी है ।
बागी और समर्थक विधायक अपने-अपने खेमों में सुरक्षित स्थानों पर हैं । मध्य प्रदेश में सियासी उठल-पुठल का अंजाम जो भी हो कहीं न कहीं कांगेस के लिये जरूरी है आत्म-मंथन......