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दिल्ली: दक्षिण पूर्वी दिल्ली के अंतर्गत शाहीन बाग पुलिस स्टेशन द्वारा गठित टीम ने अन्य राज्यों की पुलिस के सहयोग से 7 राज्यों में लोकल पुलिस की सहयोग से दबिश कर 10 अभियुक्तों गिरफ्तार कर एक ऐसे गिरोह का भांडा फोड़ा जो वीडियो कॉल के माध्यम से आपराधिक मामलों में लिप्त होने का झाँसा देकर दबाव जबरन वसूली करता था । इनके खिलाफ नेशनल क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल में 61 मामले दर्ज हैं एवं इनके द्वारा की गई जबरन वसूली का आंकलन 50 करोड़ के लगभग है ।
गिरफ्तार 10 में से 6 अभियुक्त इन आपराधिक गतिविधियों में डायरेक्टली इन्वॉल्व थे एवं 4 के खाते मनी ट्रांसफर के लिए इस्तेमाल किये गए। इन 6 अभियुक्तों के नाम थे धर्मेंद्र चौहान, सोमवीर सैनी, मोहम्मद अतिशमूल हक, संतोष कुमार कंडाई, मोहम्मद बुगारी और मोहम्मद शाहिद । मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी केरल, दिल्ली एवं मुंबई से हुई एवं इनके कब्जे से 10 मोबाइल सिम, 2 डेबिट कार्ड, 1 बेलिनो कार एवं डिजिटल साक्ष्य बरामद हुए । इन्हें शाहीन बाग निवासी तनवीर अहमद की शिकायत पर गिरफ्तार किया गया उनका शिकायत थी कि कुछ अज्ञात लोगों ने व्हाट्स ऐप पर ख़ुद को पुलिस अधिकारी प्रोजेक्ट करके उनके बैंक अकाउंट आपराधिक गतिविधियों के लिए झूठा दबाव बनाकर 99.8 हजार रुपये ऐंठ लिए ।
अभियुक्त फिलहाल हिरासत में हैं एवं मामले पर तहक़ीक़ात जारी है ।

दिल्ली: राजधानी जहां दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर बन गया है। एक तरफ दिल्ली के 40 एक्यूआई स्टेशनों में से 39 पर एक्यूआई 401 से अधिक रेड जोन में रहा और प्रदूषण नॉन स्टाप बढ़ रहा है, लेकिन दिल्ली में भाजपा की सरकार दिल्ली की सांसों को बचाने की बजाय प्रदूषण का तुलनात्मक आंकलन करके कह रही है कि 2024 की तुलना में अब तक कम प्रदूषित रहा 2025। भाजपा सरकार को लोगों के स्वास्थ्य की जगह अपने रिपोर्ट कार्ड की चिंता है,जबकि कल यानी के 14 दिसंबर साल का सबसे अधिक एक्यूआई दर्ज हुआ है। दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष देवेन्द्र यादव ने दिल्ली सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि दुनिया भर में हवा की गुणवत्ता का आंकलन करने वाली वेबसाईटों पर दिल्ली का औसत एक्यूआई 615 रहा। जबकि कई इलाकां में एक्यूआई 600 से 1000 के बीच दर्ज किया गया। अंतराष्ट्रीय आंकलन अनुसार दीप विहार स्टेशन वन का एक्यूआई 985, मनसा राम पार्क में 840, किराड़ी एक्सटेंशन में 838, मुखर्जी नगर में 772, आनन्द पर्वत में 643 एक्यूआई दर्ज हुआ। उन्होंने कहा कि अगर दिल्ली सरकार के हवा गुणवत्ता आंकलन स्टेशनों की बात करें तब भी दिल्ली का औसत एक्यूआई बेहद खतरनाक स्तर 461 पर है जबकि वजीराबाद में 500 एक्यूआई, मुंडका, रोहिणी, अशोक विहार में 499 एक्यूआई, विवेक विहार में 497, आनन्द विहार में 492, नेहरु विहार और दिलशाद गार्डन में 491 एक्यूआई भाजपा सरकार प्रदूषण नियंत्रण की नाकामियों को उजागर करते है।
राजधानी के गंभीर प्रदूषण स्तर के कारण जहां खुले में सांस लेना मुश्किल हो गया है, आंखों में जलन, गले में खराश, सांस फूलने, फेंफड़ों से संबधित अस्थमा, खांसी, टीबी और फेंफड़ों में कैंसर, हृदयघात का खतरा, लीवर की परेशानी, सर दर्द, तनाव, स्कीन एलर्जी, पेट की आंतों सूजन और मानसिकता दवाब की शिकायते तक दर्ज होने का दावा अस्पतालां में डाक्टर और प्रदूषण विशेषज्ञ तक कर रहे है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने लोगों से झूठे वादे करके सत्ता में आने के बाद अब संकट के समय अपनी जिम्मेदारियों से भाग रही है। सरकार दिल्ली में प्रदूषण नियंत्रण के लिए सभी हथियारों का इस्तेमाल कर चुकी है और हर दिन नई घोषणा करके सिर्फ दिल्ली वालों को प्रदूषण से बचाने की जगह उन्हें भ्रमित करने का काम कर रही है।
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दिल्ली: नितिन नबीन सिन्हा बने भाजपा के नये राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष । यह नियुक्ति पार्टी की संसदीय समिति द्वारा सर्व सम्मति से की गई है । कायस्थ समुदाय से नितिन नबीन वर्तमान में बिहार सरकार में सड़क निर्माण मंत्री हैं एवं बांकीपुर विधान सभा क्षेत्र से 4 बार विधायक चुनकर आए हैं । उपलब्ध जानकारी के अनुसार उन्होंने 2020 में हुए विधान सभा चुनावों में 84000 वोटों से जीत हासिल की । हाल ही में हुए विधान सभा चुनावों में वह अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा के बेटे लव सिन्हा को भरी वोटों से हराकर विधायक बने ।
वह बीजेवाईएम के राष्ट्रीय महा सचिव भी रहे हैं । वह भाजपा के दिग्गज नेता नवीन किशोर सिन्हा के बेटे हैं एवं राजनीतिज्ञ होने के साथ अच्छे सामाजिक कार्यकर्ता भी हैं । वह जगत प्रकाश नड्डा की जगह भाजपा के शीर्षस्थ प्रभारी का कार्यभार संभालेंगे ।

दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने घोषणा की है कि शिलांग के सिखों की लड़ाई में दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी पूरी मजबूती से उनके साथ खड़ी है और मेघालय हाई कोर्ट में चल रहे मामले शिलांग के सिखों के लिए न्याय दिलाने हेतु ज़रूरत पड़ी तो सुप्रीम कोर्ट भी जाएंगे: दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी यदि न्याय नहीं मिला तो वह सुप्रीम कोर्ट तक भी जाएगी।

दिल्ली: डॉ. अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर, जनपथ में आयोजित श्री धर्मेंद्र जी की प्रेयर मीटिंग में राजनीतिक, सामाजिक और फिल्म जगत के प्रमुख हस्तियों ने पहुंचे और दिग्गज अभिनेता के प्रति अपनी गहरी श्रद्धांजलि अर्पित की। मीटिंग की मेजबानी हेमा मालिनी, ईशा व भरत तख्तानी, अहाना व वैभव ने की। धर्मेंद्र जी की लोकप्रियता और देशभर में उनके प्रति अपार स्नेह का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों के कई सांसदों और नेताओं ने प्रेयर मीटिंग में उपस्थिति दर्ज कराई।
इस दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, बीजेपी अध्यक्ष जे.पी. नड्डा, केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण, किरेन रिजिजू, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, तथा अन्य कई वरिष्ठ सांसद और नेता धर्मेंद्र जी को श्रद्धांजलि देने पहुंचे। फिल्म जगत से भी कई जानी-मानी हस्तियों ने उनकी याद में सिर झुकाया। जिनमें प्रमुख रूप से रंजीत, फिल्म निर्देशक अनिल शर्मा, और कई अन्य कलाकार एवं तकनीशियन शामिल रहे। समारोह के दौरान सभी नेताओं और फिल्मी हस्तियों ने धर्मेंद्र जी के सरल स्वभाव, विनम्रता और भारतीय सिनेमा पर उनके अमिट योगदान को याद किया।
धर्मेंद्र जी की याद में माहौल भावुक रहा और सभी ने उन्हें “लोगों के दिलों में बसने वाला सच्चा सुपरस्टार” बताया। प्रेयर मीटिंग में बड़ी संख्या में प्रशंसक भी उपस्थित रहे, जिन्होंने अपने प्रिय सितारे को नम आंखों से अंतिम विदाई दी।

दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सदस्य गुरमीत सिंह भाटिया ने बताया कि गुरु हरिकृष्ण पब्लिक स्कूल फतेह नगर की ब्रांच बंद नहीं हुई है बल्कि उसे शिफ्ट किया गया है, और इस मामले में कुछ लोगों द्वारा वीडियो पोस्ट करके किया जा रहा प्रचार गलत है।

दिल्ली: मंगलवार को हुई स्थायी समिति की बैठक में यह मुद्दा उठाते हुए पार्षद प्रवीन राजपूत ने कहा कि फायर एनओसी एक बहुत गंभीर मुद्दा हैं। सत्ता पक्ष यह भूल जाता है कि निगम में पिछले 15 साल से भाजपा की ही सरकार है। भाजपा आज जो चिंताएं जता रही हैं, वही समस्याएं पहले भी थीं, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने कहा कि अवैध गतिविधियों की निगरानी में भारी कमी आई है। दिल्ली में कई गैरकानूनी गतिविधियाँ चल रही हैं। विशेषकर रेस्टोरेंट, हॉस्पिटल और मॉल्स के बेसमेंट में चल रहे हैं। जबकि बेसमेंट में लैब, शोरूम, दुकान नहीं चल सकती है। सिर्फ गोदाम की अनुमति है। लेकिन हकीकत यह है कि दिल्ली के कई अस्पतालों और मॉल्स के बेसमेंट पूरी तरह से शोरूम, लैब और मार्केट की तरह चल रहे हैं। अगर वहां कोई दुर्घटना हो जाए, तो बाहर निकलना असंभव है।
उन्होंने मांग की कि फायर एनओसी की जांच के लिए एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया जाए। इसमें स्टैंडिंग कमेटी के सदस्य, विभागीय अधिकारी, और स्वयं समिति की चेयरमैन भी शामिल हों। वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा नियमित औचक निरीक्षण अनिवार्य होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि दिल्ली के लगभग 70-80 फीसद रेस्टोरेंट 90 मीटर के नियम से बचने के लिए 89.5 मीटर दिखाते हैं ताकि फायर एनओसी न लेनी पड़े। ये जनता की जान से सीधा खिलवाड़ है। इसके अलावा, कई रेस्टोरेंट टेरिस पर अवैध स्ट्रक्चर बनाकर चला रहे हैं। गोवा की दुर्घटना भी ऐसे ही अवैध लकड़ी के स्ट्रक्चर के कारण हुई। सीटिंग कैपेसिटी से ज्यादा सीटें लगाकर लाइसेंस का दुरुपयोग किया जा रहा है। लाइसेंस एक्सपायर होने के बाद भी विभाग की मिलीभगत से रेस्टोरेंट चलते रहते हैं।
बिना एनओसी से चल रहे होटल, क्लब, रेस्तरां को लेकर मंगलवार को मेयर राजा इकबाल सिंह और निगमायुक्त अश्विनी कुमार को पत्र लिखा है। इस पत्र के जरिए उन्होंने मांग की है कि दिल्ली भर में फायर एनओसी का तत्काल ऑडिट किया जाए, बिना एनओसी के चल रहे प्रतिष्ठानों पर तुरंत कार्रवाई की जाए, 15 दिन में सेफ्टी-कंप्लायंस रिपोर्ट सार्वजनिक की जाए, अवैध प्रतिष्ठानों पर सीलिंग या जुर्माने की कार्रवाई हो और एमसीडी और डीएफएस लाइसेंसिंग की संयुक्त टास्क फोर्स बनाएं।
एमसीडी में आम आदमी पार्टी के नेता प्रतिपक्ष अंकुश नारंग ने मंगलवार को मेयर राजा इकबाल सिंह और निगमायुक्त अश्विनी कुमार पत्र लिखकर गोवा के एक नाइट क्लब में हुए भीषण अग्निकांड से सबक लेने की नसीहत दी है। उन्होंने एमसीडी से मांग की है कि फायर एनओसी की ऑडिट कराई जाए और बिना एनओसी के चल रहे प्रतिष्ठानों पर सीलिंग या जुर्माने की कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि गोवा नाइट क्लब अग्निकांड निगम के लिए एक चेतावनी है। अगर कड़े कदम नहीं उठाए गए तो दिल्ली में भी गोवा जैसी घटना हो सकती है।
एमसीडी के नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि गोवा नाइट क्लब अग्निकांड निगम के लिए गंभीर चेतावनी है। दिल्ली में फायर एनओसी की स्थिति भयावह है। 1000 से ज्यादा होटल, क्लब, बार में से सिर्फ 90 के पास ही वैध एनओसी है। 132 बैंकेट हॉल बिना एनओसी के चल रहे हैं, जिस कारण दिल्ली की 2 करोड़ आबादी खतरे में है। अगर समय रहते कड़े कदम नहीं उठाए गए तो गोवा जैसी त्रासदी दिल्ली में किसी भी दिन दोहराई जा सकती है।
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दिल्ली: मंदिरों के सरकारी अधिग्रहण, धर्मांतरण और बढ़ती मजहबी कट्टरता पर चिंतन के साथ प्रारंभ हुई विहिप के केन्द्रीय मार्ग दर्शक मण्डल की द्विदिवसीय बैठक। जिसमें देशभर से लगभग 300 संतों के शामिल होने के समाचार मिले हैं ।ज्योतिष पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य पूज्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती जी महाराज की अध्यक्षता में प्रारंभ हुए उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए विहिप के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष श्री आलोक कुमार जी ने हिंदू समाज के समक्ष चुनौतियों के बारे में बताते हुए पूज्य संतों से निम्नलिखित बिन्दुओ पर उनके द्वारा समाज के मार्गदर्शन का आग्रह किया:
1.हिन्दू मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्ति।
2.देश भर में धर्मांतरण की बढ़ती घटनाओं पर विराम हेतु प्रभावी उपाय।
3.धर्म स्वातंत्र्य कानून को संपूर्ण देश में एक समान रूप से लागू करना
4.देश में बढ़ती जिहादी मानसिकता, कट्टरता और हिंसक घटनाएं।
5.सीमांत क्षेत्रों में बढ़ती सामाजिक समस्याओं और नशामुक्ति अभियान।
6.आगामी जनगणना में सभी हिन्दू अपना धर्म ‘हिन्दू’ ही लिखें।
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दिल्ली में फायर एनओसी की स्थिति भयावह है । 1000 से भी ज़्यादा होटल, क्लब एवं बार में से सिर्फ 90 के पास ही वैध एनओसी है । तिसपर हैरानी की बात यह है कि 132 बैंकेट हॉल बिना एनओसी के चल रहे हैं । जिसके कारण दिल्ली की 2 करोड़ आबादी पर खतरा मंडरा रहा है। एमसीडी के नेता प्रतिपक्ष अंकुश नारंग ने आज एक खत के माध्यम से दिल्ली के महापौर राजा इकबाल सिंह एवं आयुक्त अश्विनी कुमार से तत्काल प्रभाव से दिल्ली भर में फायर एनओसी का तत्काल ऑडिट एवं बिना NOC चल रहे प्रतिष्ठानों पर तुरंत कार्रवाई की माँग की है । 15 दिन के अंदर सेफ्टी कंप्लाइंसेज रिपोर्ट को शामिल किया जाना चाहिये । उनका मानना है कि भविष्य में आगजनी के खतरे से बचने के लिए अवैध प्रतिष्ठानों की सीलिंग जरूरी है ।
एमसीडी-डीएफएस लाइसेंसिंग की संयुक्त टास्क फोर्स के गठन की मांग पर बल देते हुए उन्होंने अंदेशा जताया कि यदि समय रहते कदम नहीं उठाये गए तो दिल्ली में गोवा में हुई आगजनी की त्रासदी की संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता ।

दिल्ली: क्राइम ब्रांच इंटरस्टेट सेल द्वारा गठित टीम ने तकनीकी सेविलेंस के आधार पर भुवनेश्वर एवं गंजाम (उड़ीसा) में विभिन्न ठिकानों पर दबिश कर कड़ी मशक्कत के बाद 3 अभियुक्तों को गिरफ्तार कर एक शेयर ब्रोकर को पुन: निवेश का झाँसा देकर 49.73 लाख की धोखाधड़ी की गुत्थी सुलझाई । गिरफ्तार अभियुक्तों के नाम हैं प्रवेश चंद्र पांडा, प्रीतम रोशन पांडा एवं श्रीतम रोशन पांडा । तीनों ही अभियुक्त भुवनेश्वर (उड़ीसा) के रहने वाले हैं । इन्होंने यह धोखाधड़ी श्रीजी अपेरल के नाम से मल्टी लेयर एकाउंटिंग सिस्टम के माध्यम से की थी ।
आरंभिक जाँच से पता चला है कि अभियुक्तों के खिलाफ देश भर में साइबर धोखाधड़ी के 165 मामले दर्ज हैं । इनके द्वारा की गई धोखाधड़ी का आंकलन 6.33 करोड़ के लगभग है । इनके कब्जे से 6.33 करोड़ के इन्वेस्टमेंट फ्रॉड नेटवर्क का भंडाफोड़ 17 मोबाइल, 21 सिम, 124 कार्ड, 56 पासबुक, चेकबुक इत्यादि बरामद हुए । अभियुक्त फिलहाल हिरासत में हैं एवं मामले पर तहक़ीक़ात जारी है ।


दिल्ली: एमसीडी के उप-चुनावों में इस बार भाजपा ने 12 में से 8 महिला प्रत्याशी मैदान में उतारे जिनमें से 6 ने जीत हासिल की । भाजपा के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा के अनुसार 12 में से 7 वार्डों में जीत एवं भाजपा को फीसदी वोट मिलना दर्शाता है कि भाजपा आज भी दिल्ली वालों की पहली पसंद है । उन्होंने आम आदमी पार्टी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज एवं अन्य नेता दुर्गेश पाठक पर निशाना साधते हुए कहा कि उनकी अनर्गल बयानबाजी जहाँ उनकी हार की हताशा को दिखती है वहीं यह उनकी पार्टी द्वारा टिकटों में वितरण में हुई धांधली के कारण मुस्लिम वोट खिसकने की जिम्मेदारी से बचने का प्रयास भी है ।
आप के नेता बहुत कम वोटों से अशोक विहार में हरकार एवं नारायणा में जीतकर भी वोट चोरी एवं चुनाव चोरी जैसे बयान देते दिखाई देना एवं पुनः गिनती करवाने के बाद भी असंतुष्ट दिखाई देना उनकी हताशा को दर्शाता है । भाजपा नेताओं ने आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल के चुनाव प्रचार से ना जुड़ने पर भी सवालिया निशान लगाये हैं ।


दलित, ओबीसी, माइनॉरिटीज और आदिवासी संगठनों का परिसंघ (डोमा परिसंघ) के द्वारा आज अंबेडकर भवन, रानी झांसी रोड, नई दिल्ली में हज़ारों की संख्या में लोग डॉ अंबेडकर की प्रतिमा के समक्ष संविधान बचाने की कसम लिए। यह एक अनोखा कार्यक्रम था, जिसमें हजारों लोग डॉ. अंबेडकर का मुखौटा लगाकर संकल्प लिया। रैली रामलीला मैदान में होनी थी लेकिन बीजेपी नेता की शिकायत पर एनओसी देने से इनकार कर दिया। अनुशाशनबद्ध होने के कारण कार्यक्रम में परिवर्तन किया गया, फिर भी हज़ारों लोग शामिल हुए। सरकार की ज्यादती आज भी देखने को मिली। जुलाई से प्रचार हो रहा था, कार्यक्रम रद्द होने की खबर दिया फिर भी लोग रामलीला मैदान में पहुचें और उनके साथ पुलिस ने दुर्व्यवहार किया। क्या लोक तंत्र खत्म हो गया है? अंबेडकर भवन में शांतिपूर्वक संकल्प लेने पहुंचे और वहां भी भारी पुलिस की तैनाती और मार्च करने नहीं दिया गया।
डोमा के राष्ट्रीय चेयरमैन, डॉ उदित राज जी ने संबोधित करते हुए कहा कि संविधान और जनतंत्र बचाना अब केवल राजनीतिक दलों के वश का नहीं रह गया है। तमाम संवैधानिक संस्थाएं कमजोर हो चुकीं हैं, जिन्हें कुछ ही लोग लड़कर सुरक्षित नहीं कर सकते। जन आंदोलन ही एकमात्र विकल्प है, अगर संविधान को बचाना है। अल्पसंख्यकों की धार्मिक आजादी लगभग छीन ली गई है। कदम-कदम पर मुस्लिम समाज के साथ भेदभाव हो रहा है। ईसाई समाज जब प्रार्थना करता है तो उस पर धर्मांतरण का आरोप लगाकर प्रताड़ित किया जाता है। वर्तमान हालत में मुस्लिम और ईसाई समाज से अन्य वंचित समाज जैसे- दलित, पिछड़ा और आदिवासी के साथ सामाजिक नेटवर्किंग करना ही एकमात्र विकल्प है, जिससे संविधान और लोकतंत्र की भी रक्षा हो सकेगी।
डोमा एक सामाजिक और सांस्कृतिक संगठन है, फिर भी सत्ताधारी दल क्यों इतना डरा और सहमा है। पहले से निर्धारित कार्यक्रम को नहीं करने दिया और अंत तक पुलिस के द्वारा रुकावट पैदा की जाती रही। दिल्ली में चाहे जितनी बड़ी रैली या सम्मेलन हो उसका असर सीमित ही रहता है, इसलिए डोमा के साथी आज अंबेडकर का संदेश लेकर वापिस जाएं और गाँव, ब्लॉक और जिला तथा प्रदेश स्तर पर संगठन खड़ा करें ताकि सामाजिक न्याय और वैज्ञानिक सोच धरातल पर उतरे। यह कार्य शायद राजनैतिक दलों से बेहतर सामाजिक संगठन कर सकते हैं।
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दिल्ली: जमीयत उलेमा- ए-हिंद के प्रमुख मौलाना महमूद मदनी द्वारा भोपाल में आयोजित सम्मेलन में दिया गया भाषण न केवल भड़काऊ है बल्कि देश को विभाजन की ओर ले जाने की कुचेष्टा दर्शाता है। मौलाना महमूद मदनी का यह कहना कि ‘जुल्म होने पर जिहाद होगा, अब जिहाद होना चाहिए’ अत्यंत अनुचित है क्योंकि जिहाद के नाम पर भारतवर्ष ही नहीं पूरे विश्व में आतंक और हिंसा फैलाई गई है और ऐसे संदर्भ में भारत में जिहाद का उल्लेख गैर जिम्मेदाराना वचन है। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं सांसद डॉ संबित पात्रा ने साधा निशाना काज कि यह अत्यंत चिंताजनक है कि मौलाना महमूद मदनी ने कहा कि मुसलमानों के लिए जिहाद पवित्र है और जहां उन्हें जुल्म दिखे वहां जिहाद करना चाहिए। ऐसे शब्द भारत की मूल भावना और भारत के मूल मंत्र ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ पर प्रहार करते हैं। इस प्रकार की अभिव्यक्ति अनुचित है और इसकी घोर निंदा की जाती है।
मौलाना महमूद मदनी द्वारा यह कहना कि भारत सरकार के दबाव में अदालतें काम करती हैं और सर्वोच्च न्यायालय को स्वयं को सर्वोच्च कहलाने का कोई अधिकार नहीं है, यह न्यायपालिका पर सीधा प्रहार है। उनके यह प्रश्न कि सर्वोच्च न्यायालय तीन तलाक पर सुनवाई कैसे करता है, मंदिर मस्जिद के विषय पर सुनवाई कैसे करता है और हमारे मामलों को स्वीकार कैसे करता है, स्पष्ट रूप से न्यायालय की गरिमा को कमतर दिखाने का प्रयास है। मौलाना महमूद मदनी का यह कहना कि सर्वोच्च न्यायालय को स्वयं को सर्वोच्च कहलाने का अधिकार नहीं है, अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण और पूरी तरह अस्वीकार्य है। सर्वोच्च न्यायालय के विरुद्ध मौलाना महमूद मदनी द्वारा की गई टिप्पणी अत्यंत गंभीर है और सर्वोच्च न्यायालय स्वयं संज्ञान लेने का अधिकार रखता है क्योंकि यदि कोई साधारण नागरिक भी इस प्रकार की टिप्पणी करे तो सर्वोच्च न्यायालय स्वतः संज्ञान ले सकता है। इतना बड़ा नेता यदि इस प्रकार का वक्तव्य देकर लोगों को बरगलाने और सर्वोच्च न्यायालय के विरोध में उकसाने का प्रयास करे तो यह न्यायालय की गरिमा को क्षति पहुंचाने वाला है और इस पर सर्वोच्च न्यायालय द्वारा संज्ञान लिया जाना अपेक्षित है। सर्वोच्च न्यायालय किसी भी मामले की सुनवाई जनता द्वारा प्रस्तुत याचिका के आधार पर करता है और वहां न हिंदू का मामला होता है न मुसलमान का, न्याय बराबरी से मिलता है और सर्वोच्च न्यायालय कभी भेदभाव नहीं करता।

दिल्ली : मनीष मल्होत्रा की नई फ़िल्म ‘गुस्ताख़ इश्क़ कुछ पहले जैसा’ इन दिनों दर्शकों के बीच खूब सराही जा रही है। नसीरुद्दीन शाह, विजय वर्मा, फ़ातिमा सना शेख़ और शरीब हाशमी अभिनीत यह फ़िल्म सिनेमाघरों में रिलीज़ होते ही पुरानी मोहब्बत का एहसास जगाते हुए दर्शकों को फिर से इश्क़ में डूबो रही है।
तेज़-तर्रार और चमकदार कहानियों के दौर में ‘गुस्ताख़ इश्क़’ अपने शांत, गहरे और भावनात्मक अंदाज़ से लोगों को इश्क़ महसूस करवाती है। फ़िल्म वह एहसास लौटाती है, जो धीरे-धीरे पनपता है, दिल में ठहरता है और क्रेडिट्स खत्म होने के बाद भी साथ बना रहता है।
दर्शक इसे “मस्ट वॉच” करार दे रहे हैं और सोशल मीडिया पर इसकी तारीफ़ों की बौछार हो रही है। लोग कह रहे हैं कि यह फ़िल्म कला और जीवन से भरी हुई है—बिल्कुल मनीष मल्होत्रा की खासियत की तरह—और गुलज़ार साहब के गीतों ने इसे और भी ख़ास बना दिया है।
फ़िल्म की कहानी, इसके संवाद और पुरानी शैली की शायरी दर्शकों के लिए किसी मुख्य किरदार से कम नहीं लग रही। वहीं फ़िल्म समीक्षक भी इसके पक्ष में उतर आए हैं। अभिनय, भावनात्मक परतें, विजय वर्मा और फ़ातिमा सना शेख़ की केमिस्ट्री और इसके सुकूनदेह संगीत ने क्रिटिक्स को बेहद प्रभावित किया है।
एक फ़िल्म समीक्षक ने तो इसे आज के दौर की “मुग़ल-ए-आज़म” तक लिख दिया।
सरल, सच्ची और दिल को छू लेने वाली प्रेम कहानी के साथ ‘गुस्ताख़ इश्क़’ आज के तेज़ रफ्तार समय में एक क्लासिक प्रेम-पत्र सी महसूस होती है—जैसे शोरगुल के बीच कोई मीठी, पुरानी शायरी।
मनीष मल्होत्रा और उनके भाई दिनेश मल्होत्रा द्वारा स्टेज5 प्रोडक्शन के बैनर तले निर्मित तथा विभु पुरी द्वारा निर्देशित ‘गुस्ताख़ इश्क़’ फिलहाल सिनेमाघरों में प्रदर्शनरत है।

युवा डायरेक्टर निहारिका साहनी की पहली फीचर फिल्म आत्माराम लाइव इस सप्ताह चुनिंदा सिनेमाघरों में रिलीज हुई है। सोशल मीडिया की अंधी दौड़ और रातों-रात स्टार बनने की चाहत पर आधारित यह विषय शायद पहली बार मुख्यधारा की किसी फिल्म में इतनी स्पष्टता से दिखाया गया है—जहां कंटेंट की भूख इंसान को किस हद तक ले जाती है, यह फिल्म बड़े पर्दे पर बखूबी प्रस्तुत करती है। फिल्म की कहानी एक संघर्षरत सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसर के इर्द-गिर्द घूमती है, जो एक छोटे से गांव से बड़े शहर में सुपरस्टार बनने का सपना लेकर आता है। पिता ने इंजीनियरिंग में करियर बनाने की उम्मीद में उसे बी.टेक करवाया था, मगर युवक सोशल मीडिया की दुनिया में नाम कमाने के सपने में खो चुका है।
शहर में वह अपने साथी—पास की सब्ज़ी मंडी में काम करने वाले एक सरदार युवक—के साथ वीडियो बनाता है, पर हर बार असफल होता है। इसी दौरान सरदार मित्र के दादा जी का निधन हो जाता है, और अंतिम संस्कार के लिए श्मशान घाट पहुंचने पर इन्फ्लूएंसर को अचानक हॉरर कंटेंट बनाने का आइडिया आता है। वीडियो शूट करते हुए उसका पांव एक जली चिता की राख पर पड़ जाता है और राख उसके जूते में फंस जाती है।यहीं से शुरू होता है कॉमेडी और हॉरर का ऐसा सिलसिला, जो धीरे-धीरे दोनों दोस्तों की जिंदगी को उलझा देता है। चिता की राख के साथ “आत्माराम” का पीछा करना उनकी रोज़मर्रा की जिंदगी को हिलाकर रख देता है। वहीं अपनी दादी की मृत्यु से दुखी युवती वैष्णवी भी इस अजीबोगरीब घटनाक्रम में उलझ जाती है।फिल्म सोशल मीडिया की व्यावहारिकता और युवाओं की हर वक्त ऑनलाइन रहने की मानसिकता पर एक सटीक व्यंग्य है। कई संवाद जहां दर्शकों को हंसाते हैं, वहीं कुछ संवाद सोचने पर मजबूर भी करते हैं।
निर्देशिका निहारिका साहनी ने सीमित संसाधनों और पूरी तरह नई स्टार कास्ट के साथ एक अलग तरह का कंटेंट पेश करने का जोखिम उठाया है, जो सराहनीय है। नई कास्ट के साथ फिल्म को कमर्शियल सफलता दिलाना आसान नहीं होता, लेकिन कलाकारों ने अपनी भूमिकाओं में अच्छा प्रदर्शन दिया है।रीति-रिवाजों और मान्यताओं से जुड़े हास्य तत्वों को हॉरर टोन के साथ ठीक ढंग से पेश किया गया है। कुछ दृश्य डराते हैं, तो कुछ अच्छी हंसी भी दिलाते हैं—ठीक वैसे ही जैसे स्त्री सीरीज ने दर्शकों को पसंद आई थी।फिल्म की शुरुआत थोड़ी धीमी है, मगर इंटरवल के बाद रफ्तार पकड़ती है और क्लाइमेक्स तक दर्शकों को जोड़े रखने में कामयाब रहती है।
• निर्देशन, लेखन व निर्माण: निहारिका साहनी
• म्यूजिक प्रोडक्शन: अंकित दीपक तिवारी
• मुख्य कलाकार: विट्ठल चड्ढा, आकाशदीप सिंह, अव्याना शर्मा
आत्माराम लाइव वह फिल्म है जो केवल मनोरंजन नहीं करती, बल्कि सोशल मीडिया की अंधी रेस, उसके प्रभाव और युवा पीढ़ी की मानसिकता पर एक गहरी टिप्पणी भी पेश करती है। नई टीम और सीमित बजट में बनाई गई यह फिल्म दर्शाती है कि कंटेंट दमदार हो तो बड़े नाम जरूरी नहीं।मेकर इसे भारत के साथ-साथ इंटरनेशनल रिलीज़ के लिए भी तैयार कर रहे हैं, जो इस अनोखे प्रयोग को और व्यापक दर्शक वर्ग तक पहुंचाएगा। यह फिल्म कॉमेडी, हॉरर और सोशल मीडिया सटायर का ताज़ा मिश्रण है, जिसे एक बार ज़रूर देखा जा सकता है।