नई दिल्ली 09, Dec 2025

लेख

1 - धर्मेंद्र हुए पंचतत्व में विलीन

2 - बिहार की जानता ने फिर एक बार साबित कर दिया कि हथेली में सरसों नहीं उगाया जा सकता

3 - जेट सिक्योरिटी के साथ विसर्जन के लिए निकला लाल बाग का राजा

4 - खून और पानी एक साथ नहीं बहेंगे

5 - एक पृथ्वी एक स्वास्थ्य के लिये योग

6 - ऑपरेशन सिंदूर न्याय की अखंड प्रतिज्ञा

7 - देश के लोकतंत्र को मज़बूत करने के लिए बाबा साहिब का अमूल्य योगदान

8 - दिल्ली सरकार के 100,000करोड़ से क्षेत्र में उन्नति की संभावनाओं को मिलेगी मजबूती

9 - दशक के बाद बिखरा झाड़ू 27 साल बाद खिला कमल फिर एक बार

10 - स्वर्णिम भारत,विरासत और इतिहास पर आधारित इस बार का गणतंत्र दिवस समारोह

11 - महाराष्ट्र में फिर एक बार लहराया बीजेपी का परचम

12 - तमाम कवायदों के बावजूद बीजेपी तीसरी बार हरियाणा में सरकार बनाने को अग्रसर

13 - श्रॉफ बिल्डिंग के सामने कुछ इस अंदाज से हुआ लाल बाग के राजा का स्वागत

14 - प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के सदस्यता ग्रहण करने के साथ ही शुरू हुआ बीजेपी का सदस्यता अभियान

15 - देश के सीमांत इलाकों में तैनात सैनिकों में भी दिखा 78 वें स्वतंत्रता दिवस का जज्बा

16 - २०२४-२५ के बजट को लेकर सियासत विपक्ष आमने सामने

17 - एक बार फिर तीसरी पारी खेलेंगे प्रधानमंत्री नरेंद्र भाई मोदी

18 - केजरिवाल के जमानत पर रिहा होने पर शुरु हुई नई कवायदें

19 - मतदान की दर धीमी आखिर माजरा क्या

20 - क्यूं चलाना चाहते हैं केजरीवाल जेल से सरकार

21 - 2004-14 के मुकाबले 2014-23 में वामपंथी उग्रवाद-संबंधित हिंसा में 52 प्रतिशत और मृतकों की संख्या में 69 % कमी

22 - कर्तव्य पथ दिखी शौर्य की झलक

23 - फ़ाइनली राम लल्ला अपने आशियाने में हो गये हैं विराजमान

24 - राजस्थान का ऊँट किस छोर करवट लेगा

25 - एक बार फिर गणपति मय हुई माया नगरी मुंबई

26 - पत्रकारिता की आड़ में फर्जीवाड़े के खिलाफ एनयूजे(आई) छेड़ेगी राष्ट्रव्यापी मुहीम

27 - भ्रष्टाचार, तुस्टिकरण एवं परिवारवाद विकास के दुश्मन

28 - एक बार फिर शुरू हुई पश्चिम बंगाल में रक्त रंजित राजनीति

29 - नहीं होगा बीजेपी के लिऐ आसान कर्नाटक में कांग्रेस के चक्रव्यूह को भेद पाना

30 - रद्द करने के बाद भी नहीं खामोश कर पायेंगे मेरी जुबान

31 - उत्तर-पूर्वी राज्यों के अल्पसंख्यकों ने एक बार फिर बीजेपी पर जताया भरोसा

32 - 7 लाख तक की आमदनी टैक्स फ्री

33 - गुजरात में फिर एक बार लहराया बीजेपी का परचम

34 - बीजेपी आप में काँटे की टक्कर

35 - सीमित व्यवस्था के बावजूद धूम-धाम से हो रही है छट माइय्या की पूजा

36 - जहाँ आज भी पुजा जाता है रावण

37 - एक बार फिर माया नगरी हुई गणपतिमय

38 - एक बार फिर लहराया तिरंगा लाल किले की प्राचीर पर

39 - बलवाइयों एवं जिहादियों के प्रति पनपता सहनभूतिक रुख

40 - आजादी के अमृत महोत्सव की कड़ी के रूप में मनाया जा रहा है 8 वाँ विश्व योग दिवस

41 - अपने दिग्गज नेताओं को नहीं संभाल पाई कांग्रेस पार्टी

42 - ज्ञान व्यापी मस्जिद के वजु घर में शिवलिंग मिलने से विवाद गहराया

43 - आखिर क्यूँ मंजूर है इन्हे फिर से वही बंदिशें.....

44 - पाँच में से चार राज्यों में लहराया कमल का परचम

45 - पेट्रोलियम, फर्टिलाइजर एवं खाद्य सामाग्री पर मिलने वाली राहत में लगभग 27 फीसदी की कटौती

46 - जे&के पुलिस के सहायक उप निरीक्षक बाबूराम शर्मा मरणोपरांत अशोक चक्र से संमानित

47 - आखिर कौन होंगे सत्ता के इस महाभोज के सिकंदर

48 - ठेके आन फिटनेस सेंटर ऑफ छा गए केजरीवाल जी तुस्सी

49 - मुख्य सुरक्षा अधिकारी हुए पंचतत्वों विलीन

50 - दिल्ली में यमुना का पानी का बीओडी लेवेल 50 के पार

ऑनलाइन पुनः निवेश का झाँसा देकर 49.73 लाख की धोखाधड़ी की गुत्थी सुलझी

दिल्ली: क्राइम ब्रांच इंटरस्टेट सेल द्वारा गठित टीम ने  तकनीकी सेविलेंस के आधार पर भुवनेश्वर एवं गंजाम (उड़ीसा) में विभिन्न ठिकानों पर दबिश कर कड़ी मशक्कत के बाद 3 अभियुक्तों को गिरफ्तार कर एक शेयर ब्रोकर को पुन: निवेश का झाँसा देकर 49.73 लाख की धोखाधड़ी की गुत्थी सुलझाई । गिरफ्तार अभियुक्तों के नाम हैं प्रवेश चंद्र पांडा, प्रीतम रोशन पांडा एवं श्रीतम रोशन पांडा । तीनों ही अभियुक्त भुवनेश्वर (उड़ीसा) के रहने वाले हैं । इन्होंने यह धोखाधड़ी श्रीजी अपेरल के नाम से मल्टी लेयर एकाउंटिंग सिस्टम के माध्यम से की थी । 

आरंभिक जाँच से पता चला है कि अभियुक्तों के खिलाफ देश भर में साइबर धोखाधड़ी के 165 मामले दर्ज हैं । इनके द्वारा की गई धोखाधड़ी का आंकलन 6.33 करोड़ के लगभग है । इनके कब्जे से 6.33 करोड़ के इन्वेस्टमेंट फ्रॉड नेटवर्क का भंडाफोड़ 17 मोबाइल, 21 सिम, 124 कार्ड, 56 पासबुक, चेकबुक इत्यादि बरामद हुए । अभियुक्त फिलहाल हिरासत में हैं एवं मामले पर तहक़ीक़ात जारी है ।

बजट में कटौती करना बताता है कि एमसीडी फिर से कंगाल होने वाली है: आप निगम पार्षद

 

दिल्ली:  स्टैंडिंग कमेटी में पेश किए गए दिल्ली नगर निगम के बजट को झूठ का पुलिंदा बताते हुए  ‘‘आप’’ के एमसीडी सह प्रभारी प्रवीण कुमार ने कहा कि भाजपा सरकार का यह बजट दिल्लीवालों के साथ धोखा है। क्योंकि जन कल्याण के लिए कोई स्कीम नहीं है और मुख्य मुद्दे गायब हैं। एमसीडी का कुल बजट 16,530 करोड़ रुपए का है और एमसीडी पर 16 हजार करोड़ की देनदारी ही है। ऐसे में निगम विकास कार्य कैसे करेगा? इस बजट में प्रदूषण को कम करने, डीबीसी कर्मचारियों पक्का करने, पार्षदों को विकास कार्य करने के लिए फंड का कोई प्रावधान नहीं है, जो दिल्लीवालों के साथ अन्याय है। उन्होंने कहा कि दिल्लीवालों को उम्मीद थी कि अब दिल्ली में चार इंजन की सरकार है तो हर तरफ विकास की गंगा बहेगी, लेकिन बजट ने सबको निराशा कर दिया।
शनिवार को ‘‘आप’’ मुख्यालय पर प्रेस वार्ता कर एमसीडी के सह प्रभारी प्रवीण कुमार ने कहा कि भाजपा द्वारा दिल्ली की जनता के साथ लगातार धोखा किया जा रहा है। केंद्र से लेकर निगम तक भाजपा की चार इंजन की सरकार होने के बावजूद वह दिल्ली के लिए कुछ भी डिलीवर करने में नाकाम है। शुक्रवार को सिविक सेंटर में तमाम अड़चनों के बाद बनी स्टैंडिंग कमेटी की बैठक हुई जिसमें पहला बजट पेश किया गया। प्रवीण कुमार ने इस बजट को दिल्लीवालों के साथ पूरी तरह धोखा, हवा हवाई और आई वॉश बताते हुए कहा कि यह बजट एक सफेद झूठ का पुलिंदा है।
शुक्रवार  को स्टैंडिंग कमेटी में 16,530 करोड़ रुपए का बजट पेश किया गया और एमसीडी के ऊपर वर्तमान में देनदारी भी लगभग 16,000 करोड़ रुपए ही है। उन्होंने सवाल किया कि आखिर भाजपा किसे बेवकूफ बनाना चाहती है? जब बजट के बराबर ही कर्ज है तो निगम विकास कार्य कैसे करेगा? इससे पहले जब आम आदमी पार्टी की सरकार थी तो उसने 17,000 करोड़ रुपए का बजट पेश किया था। भाजपा ने एक तरफ तो बजट की राशि कम कर दी और ऊपर से भारी भरकम देनदारी के बीच यह बजट पेश कर दिया, जिससे कोई काम होना संभव नहीं है।
 बजट में दिल्ली के मुख्य मुद्दे पूरी तरह नदारद हैं। जैसे, आज दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति भयंकर है और लोग गिन गिन कर सांसे ले रहे हैं। कोर्ट भी इसका संज्ञान ले रहा है। लेकिन भाजपा को इसकी कोई चिंता नहीं है। हमें आशा थी कि प्रदूषण की रोकथाम के लिए बजट में कोई अलग से प्रावधान किया जाएगा, लेकिन भाजपा ने अपने बजट में इसके लिए कोई फंड नहीं रखा। यह दिल्लीवासियों के लिए बहुत बड़ा धोखा है जो बड़ी आशा के साथ इस चार इंजन की सरकार की ओर देख रहे थे।
पार्षदों के फंड का मुद्दा उठाते हुए उन्होंने कहा कि जब से एमसीडी और दिल्ली में भाजपा की सरकार बनी है, पार्षदों को क्षेत्र के विकास के लिए दिया जाने वाला फंड जारी नहीं किया गया है। ऐसे में जनता के काम कैसे होंगे? उन्होंने बताया कि भाजपा ने हर पार्षद को दो करोड़ रुपये देने का वादा किया था, जिसके हिसाब से बजट में 500 करोड़ रुपये का प्रावधान होना चाहिए था। लेकिन पार्षदों के लिए बजट में एक रुपये का भी प्रावधान नहीं किया गया। वहीं, डीबीसी कर्मचारी लंबे समय से संघर्ष कर रहे हैं। बजट में उनके लिए प्रावधान का वादा किया गया था, लेकिन उन्हें झुनझुना थमा दिया गया। जबकि 60 करोड़ रुपए के बजट का प्रावधान होना चाहिए था। उन्होंने कहा कि भाजपा का यह बजट सिर्फ जनता को धोखा देने के लिए है। एमसीडी के अस्पतालों में दवाइयां बिल्कुल उपलब्ध नहीं हैं और जनता इलाज के लिए परेशान हो रही है। स्कूलों की हालत भी खस्ताहाल है, जहां छतें गिर रही हैं और शिक्षक नदारद हैं या समय पर नहीं आते। भाजपा ने एक ऐसा बजट पेश किया है जो दिल्ली वालों के साथ सरासर अन्याय और धोखा है।
वहीं, स्टैंडिंग कमेटी के सदस्य प्रवीण राजपूत ने कहा कि दिल्ली की जनता को बजट से बड़ी उम्मीदें थी। दिल्लीवालों को उम्मीद थी कि चार इंजन की सरकार है तो विकास की गंगा बहेगी। लेकिन सबको निराशा हाथ ली। भाजपा ने एक भी नई जन कल्याण की योजना न लाकर लोगों के साथ बहुत बड़ा धोखा किया है। दिल्ली को उम्मीद थी कि हाउस टैक्स में उन्हें राहत मिलेगी, लेकिन नहीं मिली। भाजपा सरकार अब 25 गज के छोटे मकानों से भी हाउस टैक्स वसूलना चाहती है। जबकि आम आदमी पार्टी की मंशा हाउस टैक्स माफ करने की थी। 
प्रवीण राजपूत ने कहा कि आज दिल्ली में सबसे बड़ा मुद्दा प्रदूषण है। इसका एक बड़ा कारण धूल है। एलजी भी 50 से 60 फीसद प्रदूषण का कारण धूल को बता रहे हैं। इस 90 फीसद धूल को साफ करने की जिम्मेदारी एमसीडी की है। इसके बाद भी भाजपा सरकार ने बजट में इसके लिए कोई प्रावधान नहीं किया। उन्होंने कहा कि जब दिल्ली में ‘‘आप’’ की सरकार थी, तब भाजपा के सारे सांसद, पार्षद और विधायक 13 हजार करोड़ रुपए की मांग को लेकर प्रदर्शन करते थे। आज जब दिल्ली और केंद्र दोनों जगह भाजपा की सरकार है, तो वह 13 हजार करोड़ रुपये कहां गए? अब भाजपा ने बजट में इस पर पूरी तरह चुप्पी साध ली है।
इस दौरान आम आदमी पार्टी की एमसीडी सह-प्रभारी प्रीति डोगरा ने कहा कि एमसीडी के बजट को देखकर हर कोई हैरान है। भाजपा पहले 15 साल एमसीडी में रही और उस दौरान एमसीडी को कंगाल कर दिया था। 2022 में जब एमसीडी में आम आदमी पार्टी का मेयर चुना गया, तो निगम में सुधार की प्रक्रिया शुरू हुई थी। वर्षों से परेशान चल रहे कच्चे कर्मचारियों को पक्का किया गया। ऐसे कर्मचारी, जिनकी सेवानिवृत्ति में महज 10 महीने या एक-दो साल बचे थे, उन्हें भी स्थायी किया गया। अब फिर से एमसीडी में भाजपा का मेयर है और एमसीडी उसी बदहाली के मोड़ पर आ गई है। पूरी दिल्ली में जगह-जगह गंदगी का अंबार है। भाजपा सरकार ने अपने पहले ही बजट में साफ-सफाई से हाथ खड़े कर दिए हैं और बजट में 500 करोड़ रुपए की कटौती कर दी है। चार इंजन की सरकार होने के बावजूद भाजपा को बजट में कटौती करने की क्या मजबूरी है?
प्रीति डोगरा ने कहा कि जब आम आदमी पार्टी को मेयर था, तब भाजपा नेता बकाया रकम और कर्मचारियों को पक्का करने की मांग करते थे। लेकिन अब जब वह सत्ता में है, तो कर्मचारियों के साथ खिलवाड़ कर रही है। भाजपा सरकार में एमसीडी के स्कूलों और अस्पतालों की हालत खस्ता है। अस्पतालों में गरीब इलाज कराने जाता है, लेकिन वहां मशीनें खराब हैं, बिस्तरों की कमी है और सफाई नदारद है। मरीजों को टेस्ट बाहर से कराने के लिए कहा जाता है। स्कूलों में डेस्क तक नहीं हैं और बच्चों को फर्श पर चटाई बिछाकर बैठना पड़ता है। मिड-डे मील में भी अनियमितताओं का खुलासा हुआ है।

तीखे संवाद, खून-खराबा और अद्भुत अभिनय का मिश्रण धुरंधर

 
दिल्ली:निर्देशक आदित्य धर की महत्वाकांक्षी फिल्म धुरंधर न सिर्फ़ अपनी भारी-भरकम अवधि (3 घंटे 32 मिनट) बल्कि अपने विशाल कैनवास और राजनीतिक-पृष्ठभूमि वाले एक्शन–ड्रामा के कारण भी सुर्खियों में है।
रणवीर सिंह इस फिल्म में उस ऊर्जावान फॉर्म में दिखाई देते हैं, जिसकी दर्शक लंबे समय से प्रतीक्षा कर रहे थे। उनका चरित्र—जंगली, अनियंत्रित, खतरनाक और फिर भी संवेदनशील—फिल्म का धड़कता दिल है।
कहानी: इतिहास की आग में पका एक सिनेमाई थ्रिलर
फिल्म की कहानी 30 दिसंबर 1999 से शुरू होती है—वही समय जब भारत सरकार तीन ख़तरनाक आतंकियों की रिहाई पर अंतिम मुहर लगा चुकी थी, ताकि कंधार अपहरण के बंधकों को छुड़ाया जा सके। इसी माहौल में इंटेलिजेंस ब्यूरो अधिकारी अजय सान्याल (आर. माधवन) ‘प्रोजेक्ट धुरंधर’ की शुरुआत करते हैं, जिसकी छाया पूरे कथानक पर छाई रहती है।
यहीं से सामने आता है फिल्म का सबसे दिलचस्प किरदार—हमज़ा अली मज़ारी, जो असल में जसकीरत सिंह रंगीली है (रणवीर सिंह)। उसे पाकिस्तान के कराची में बसे ल्यारी गैंगस्टर सर्किट में घुसपैठ कर भारत-विरोधी गठजोड़ को भीतर से ध्वस्त करना है।
फिल्म में विस्तार से दिखाया गया है कि कैसे पाकिस्तान की राजनीति, गैंगस्टर वर्ल्ड और ISI का गठजोड़ मिलकर कराची को एक भयावह सत्ता-केन्द्र में बदल देता है। यह हिस्सा फिल्म को एक ठंडा, हिंसक और यथार्थवादी धार देता है।
अभिनय: रणवीर दमदार, अक्षय खन्ना करिश्माई
रणवीर सिंह पूरी फिल्म को अपने कंधों पर उठाए दिखाई देते हैं—हर फ्रेम में ऊर्जा और तीखापन साफ नज़र आता है।
• अक्षय खन्ना एक राजनीतिक महत्वाकांक्षा रखने वाले गैंगस्टर के रूप में लाजवाब हैं।
• संजय दत्त, पाकिस्तानी सुपरकॉप से प्रेरित किरदार में, बेहद असरदार और खतरनाक दिखाई देते हैं।
• अर्जुन रामपाल, मेजर इकबाल के रोल में, सीमित स्क्रीन टाइम के बावजूद गहरा प्रभाव छोड़ते हैं।
• सारा अर्जुन यलीना के किरदार में ताज़गी लाती हैं।
• राकेश बेदी और गौरव गेरा अपने-अपने किरदारों में चौंकाते हैं।
हिंसा और मनोविज्ञान की टकराहट
कुछ दृश्य इतने कठोर और क्रूर हैं कि कमज़ोर दिल वाले दर्शक असहज हो सकते हैं। खासकर मेजर इकबाल का टॉर्चर सीक्वेंस फिल्म के सबसे डार्क और यादगार पलों में से एक है।
संगीत, तकनीक और ट्रीटमेंट
शाश्वत सचदेव का बैकग्राउंड स्कोर फिल्म को नई ऊंचाई देता है। पुराने पाकिस्तानी पॉप और ग़ज़ल—हवा हवा, चुपके चुपके, आफ़रीन आफ़रीन—को जिस चतुराई से कहानी में पिरोया गया है, वह फिल्म को सांस्कृतिक वास्तविकता से जोड़ता है।
एक्शन दृश्य भव्य हैं और कैमरा वर्क कराची के अंदरूनी हिस्सों को बेहद वास्तविक रूप में पेश करता है।
कमज़ोरियाँ
फिल्म का दूसरा भाग अपनी रूपरेखा से थोड़ा भटकता है और कई जगह ऐसा लगता है जैसे यह एक अलग फिल्म की ओर मुड़ गई है। साथ ही दूसरी किस्त—जो 19 मार्च 2026 को आएगी—के कई दृश्य पहले ही ट्रेलर में दिखाए जाने से रोमांच कुछ कम होता है।
निष्कर्ष: एक विशाल, हिंसक और रोमांचकारी सिनेमाई अनुभव
धुरंधर राजनीति, जासूसी, गैंगस्टरों की दुनिया और राष्ट्रीय सुरक्षा के टकराव को लेकर बनी एक बारीक और बड़े पैमाने की फिल्म है। यह न तो सिर्फ एक्शन पर निर्भर है और न ही सिर्फ भावनाओं पर—बल्कि दोनों के बीच एक तेज धार पर चलती है।
फिल्म अंत में कई सवाल छोड़ जाती है—
क्या दूसरा भाग कहानी को और अधिक ताकत देगा?
क्या रणवीर सिंह अगले अध्याय में भी इसी तीव्रता को बनाए रख पाएंगे?
इन सवालों के जवाब दर्शकों को अगले साल मिलेंगे।
कुल मिलाकर—धुरंधर एक दमदार, एंगेजिंग और थिएटर-फ्रेंडली फिल्म है, जिसे मिस नहीं करना चाहिए।

टिकटों में वितरण में हुई धांधली के कारण मुस्लिम वोट खिसकने की जिम्मेदारी से बचने का आप का प्रयास

 दिल्ली: एमसीडी के उप-चुनावों में इस बार भाजपा ने 12 में  से 8 महिला प्रत्याशी मैदान में उतारे जिनमें से 6 ने जीत हासिल की । भाजपा के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा के अनुसार 12 में से 7 वार्डों में जीत एवं  भाजपा को  फीसदी वोट मिलना दर्शाता है कि भाजपा आज भी दिल्ली वालों की पहली पसंद है । उन्होंने आम आदमी पार्टी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज एवं अन्य नेता दुर्गेश पाठक पर निशाना साधते हुए कहा कि उनकी अनर्गल बयानबाजी जहाँ उनकी हार की हताशा को दिखती है वहीं यह उनकी पार्टी द्वारा टिकटों में वितरण में हुई धांधली के कारण मुस्लिम वोट खिसकने की जिम्मेदारी से बचने का प्रयास भी है । 

आप के नेता बहुत कम वोटों से  अशोक विहार में हरकार एवं नारायणा में जीतकर भी वोट चोरी एवं चुनाव चोरी जैसे बयान देते दिखाई देना एवं पुनः गिनती करवाने के बाद भी असंतुष्ट दिखाई देना उनकी हताशा को दर्शाता है । भाजपा नेताओं ने आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल के चुनाव प्रचार से ना जुड़ने पर भी सवालिया निशान लगाये हैं ।

फिल्ममेकर और सोशल एक्टिविस्ट अशोक पंडित ने जया बच्चन के बयान की कड़ी आलोचना

वरिष्ठ अभिनेत्री और सांसद जया बच्चन द्वारा हाल ही में दिए गए बयान ने फिल्म इंडस्ट्री और मीडिया हलकों में नई बहस छेड़ दी है। पपराज़ी को लेकर उनके वक्तव्य पर फिल्ममेकर एवं सोशल एक्टिविस्ट अशोक पंडित ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। 
अशोक पंडित ने कहा कि जया बच्चन  का पपराज़ी के प्रति रवैया “घमंडी अभिजात्य मानसिकता” को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि कुछ पपराज़ी की आक्रामक कवरेज पर सवाल उठाना एक बात है, लेकिन पूरे पेशे को नीचा दिखाना और क्लासिस्ट टिप्पणियाँ करना एक सम्मानित सांसद और इंडस्ट्री की वरिष्ठ सदस्य के लिए शोभा नहीं देता।
पंडित ने आगे कहा कि पपराज़ी मेहनती पेशेवर हैं, जो अपना काम करते हैं—और कई बार सितारों तथा उनके पीआर टीमों के बुलावे पर ही उनकी कवरेज के लिए पहुंचते हैं। “अगर उन्हें पपराज़ी संस्कृति पर इतनी आपत्ति है, तो बेहतर होगा कि पहले आत्मचिंतन करें, बजाय इसके कि वे इस तरह की गलत नाराज़गी दिखाएं,” उन्होंने कहा। 
सोशल मीडिया पर भी इस मुद्दे पर चर्चा तेज हो गई है, जहां कई यूज़र्स ने पपराज़ी के कार्य को ‘मीडिया इकोसिस्टम का महत्वपूर्ण हिस्सा’ बताते हुए जया बच्चन  के बयान को अनुचित ठहराया है।

डॉ अंबेडकर का मुखोटा पहन संविधान बचाने का संकल्प

दलित, ओबीसी, माइनॉरिटीज और आदिवासी संगठनों का परिसंघ (डोमा परिसंघ) के द्वारा आज अंबेडकर भवन, रानी झांसी रोड, नई दिल्ली में हज़ारों की संख्या में लोग डॉ अंबेडकर की प्रतिमा के समक्ष संविधान बचाने की कसम लिए। यह एक अनोखा कार्यक्रम था, जिसमें हजारों लोग डॉ. अंबेडकर का मुखौटा लगाकर संकल्प लिया। रैली रामलीला मैदान में होनी थी लेकिन बीजेपी नेता की शिकायत पर एनओसी देने से इनकार कर दिया। अनुशाशनबद्ध होने के कारण कार्यक्रम में परिवर्तन किया गया, फिर भी हज़ारों लोग शामिल हुए। सरकार की ज्यादती आज भी देखने को मिली। जुलाई से प्रचार हो रहा था, कार्यक्रम रद्द होने की खबर दिया फिर भी लोग रामलीला मैदान में पहुचें और उनके साथ पुलिस ने दुर्व्यवहार किया। क्या लोक तंत्र खत्म हो गया है? अंबेडकर भवन में शांतिपूर्वक संकल्प लेने पहुंचे और वहां भी भारी पुलिस की तैनाती और मार्च करने नहीं दिया गया। 

डोमा के राष्ट्रीय चेयरमैन, डॉ उदित राज जी ने संबोधित करते हुए कहा कि संविधान और जनतंत्र बचाना अब केवल राजनीतिक दलों के वश का नहीं रह गया है। तमाम संवैधानिक संस्थाएं कमजोर हो चुकीं हैं, जिन्हें कुछ ही लोग लड़कर सुरक्षित नहीं कर सकते। जन आंदोलन ही एकमात्र विकल्प है, अगर संविधान को बचाना है। अल्पसंख्यकों की धार्मिक आजादी लगभग छीन ली गई है। कदम-कदम पर मुस्लिम समाज के साथ भेदभाव हो रहा है। ईसाई समाज जब प्रार्थना करता है तो उस पर धर्मांतरण का आरोप लगाकर प्रताड़ित किया जाता है। वर्तमान हालत में मुस्लिम और ईसाई समाज से अन्य वंचित समाज जैसे- दलित, पिछड़ा और आदिवासी के साथ सामाजिक नेटवर्किंग करना ही एकमात्र विकल्प है, जिससे संविधान और लोकतंत्र  की भी रक्षा हो सकेगी।
डोमा एक सामाजिक और सांस्कृतिक संगठन है, फिर भी सत्ताधारी दल क्यों इतना डरा और सहमा है। पहले से निर्धारित कार्यक्रम को नहीं करने दिया और अंत तक पुलिस के द्वारा रुकावट पैदा की जाती रही। दिल्ली में चाहे जितनी बड़ी रैली या सम्मेलन हो उसका असर सीमित ही रहता है, इसलिए डोमा के साथी आज अंबेडकर का संदेश लेकर वापिस जाएं और गाँव, ब्लॉक और जिला तथा प्रदेश स्तर पर संगठन खड़ा करें ताकि सामाजिक न्याय और वैज्ञानिक सोच धरातल पर उतरे। यह कार्य शायद राजनैतिक दलों से बेहतर सामाजिक संगठन कर सकते हैं। 

मौलाना मदनी का बयान देश को विभाजन की और ले जाने की कुचेष्ठा: डॉ संबित पात्रा

दिल्ली: जमीयत उलेमा- ए-हिंद के प्रमुख मौलाना महमूद मदनी द्वारा भोपाल में आयोजित सम्मेलन में दिया गया भाषण न केवल भड़काऊ है बल्कि देश को विभाजन की ओर ले जाने की कुचेष्टा दर्शाता है। मौलाना महमूद मदनी का यह कहना कि ‘जुल्म होने पर जिहाद होगा, अब जिहाद होना चाहिए’ अत्यंत अनुचित है क्योंकि जिहाद के नाम पर भारतवर्ष ही नहीं पूरे विश्व में आतंक और हिंसा फैलाई गई है और ऐसे संदर्भ में भारत में जिहाद का उल्लेख गैर जिम्मेदाराना वचन है। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं सांसद डॉ संबित पात्रा ने  साधा निशाना काज कि यह  अत्यंत चिंताजनक है कि मौलाना महमूद मदनी ने कहा कि मुसलमानों के लिए जिहाद पवित्र है और जहां उन्हें जुल्म दिखे वहां जिहाद करना चाहिए। ऐसे शब्द भारत की मूल भावना और भारत के मूल मंत्र ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ पर प्रहार करते हैं। इस प्रकार की अभिव्यक्ति अनुचित है और इसकी घोर निंदा की जाती है।

मौलाना महमूद मदनी द्वारा यह कहना कि भारत सरकार के दबाव में अदालतें काम करती हैं और सर्वोच्च न्यायालय को स्वयं को सर्वोच्च कहलाने का कोई अधिकार नहीं है, यह न्यायपालिका पर सीधा प्रहार है। उनके यह प्रश्न कि सर्वोच्च न्यायालय तीन तलाक पर सुनवाई कैसे करता है, मंदिर मस्जिद के विषय पर सुनवाई कैसे करता है और हमारे मामलों को स्वीकार कैसे करता है, स्पष्ट रूप से न्यायालय की गरिमा को कमतर दिखाने का प्रयास है। मौलाना महमूद मदनी का यह कहना कि सर्वोच्च न्यायालय को स्वयं को सर्वोच्च कहलाने का अधिकार नहीं है, अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण और पूरी तरह अस्वीकार्य है। सर्वोच्च न्यायालय के विरुद्ध मौलाना महमूद मदनी द्वारा की गई टिप्पणी अत्यंत गंभीर है और सर्वोच्च न्यायालय स्वयं संज्ञान लेने का अधिकार रखता है क्योंकि यदि कोई साधारण नागरिक भी इस प्रकार की टिप्पणी करे तो सर्वोच्च न्यायालय स्वतः संज्ञान ले सकता है। इतना बड़ा नेता यदि इस प्रकार का वक्तव्य देकर लोगों को बरगलाने और सर्वोच्च न्यायालय के विरोध में उकसाने का प्रयास करे तो यह न्यायालय की गरिमा को क्षति पहुंचाने वाला है और इस पर सर्वोच्च न्यायालय द्वारा संज्ञान लिया जाना अपेक्षित है। सर्वोच्च न्यायालय किसी भी मामले की सुनवाई जनता द्वारा प्रस्तुत याचिका के आधार पर करता है और वहां न हिंदू का मामला होता है न मुसलमान का, न्याय बराबरी से मिलता है और सर्वोच्च न्यायालय कभी भेदभाव नहीं करता।

गुस्ताख इश्क आज की दौर की मुगल-ए-आजम

दिल्ली :  मनीष मल्होत्रा की नई फ़िल्म ‘गुस्ताख़ इश्क़  कुछ पहले जैसा’ इन दिनों दर्शकों के बीच खूब सराही जा रही है। नसीरुद्दीन शाह, विजय वर्मा, फ़ातिमा सना शेख़ और शरीब हाशमी अभिनीत यह फ़िल्म सिनेमाघरों में रिलीज़ होते ही पुरानी मोहब्बत का एहसास जगाते हुए दर्शकों को फिर से इश्क़ में डूबो रही है।

तेज़-तर्रार और चमकदार कहानियों के दौर में ‘गुस्ताख़ इश्क़’ अपने शांत, गहरे और भावनात्मक अंदाज़ से लोगों को इश्क़ महसूस करवाती है। फ़िल्म वह एहसास लौटाती है, जो धीरे-धीरे पनपता है, दिल में ठहरता है और क्रेडिट्स खत्म होने के बाद भी साथ बना रहता है।

दर्शक इसे “मस्ट वॉच” करार दे रहे हैं और सोशल मीडिया पर इसकी तारीफ़ों की बौछार हो रही है। लोग कह रहे हैं कि यह फ़िल्म कला और जीवन से भरी हुई है—बिल्कुल मनीष मल्होत्रा की खासियत की तरह—और गुलज़ार साहब के गीतों ने इसे और भी ख़ास बना दिया है।

फ़िल्म की कहानी, इसके संवाद और पुरानी शैली की शायरी दर्शकों के लिए किसी मुख्य किरदार से कम नहीं लग रही। वहीं फ़िल्म समीक्षक भी इसके पक्ष में उतर आए हैं। अभिनय, भावनात्मक परतें, विजय वर्मा और फ़ातिमा सना शेख़ की केमिस्ट्री और इसके सुकूनदेह संगीत ने क्रिटिक्स को बेहद प्रभावित किया है।

एक फ़िल्म समीक्षक ने तो इसे आज के दौर की “मुग़ल-ए-आज़म” तक लिख दिया।

सरल, सच्ची और दिल को छू लेने वाली प्रेम कहानी के साथ ‘गुस्ताख़ इश्क़’ आज के तेज़ रफ्तार समय में एक क्लासिक प्रेम-पत्र सी महसूस होती है—जैसे शोरगुल के बीच कोई मीठी, पुरानी शायरी।

मनीष मल्होत्रा और उनके भाई दिनेश मल्होत्रा द्वारा स्टेज5 प्रोडक्शन के बैनर तले निर्मित तथा विभु पुरी द्वारा निर्देशित ‘गुस्ताख़ इश्क़’ फिलहाल सिनेमाघरों में प्रदर्शनरत है।

कंटेंट की भूख इंसान को किस हद तक ले जाती है

युवा डायरेक्टर निहारिका साहनी की पहली फीचर फिल्म आत्माराम लाइव इस सप्ताह चुनिंदा सिनेमाघरों में रिलीज हुई है। सोशल मीडिया की अंधी दौड़ और रातों-रात स्टार बनने की चाहत पर आधारित यह विषय शायद पहली बार मुख्यधारा की किसी फिल्म में इतनी स्पष्टता से दिखाया गया है—जहां कंटेंट की भूख इंसान को किस हद तक ले जाती है, यह फिल्म बड़े पर्दे पर बखूबी प्रस्तुत करती है। फिल्म की कहानी एक संघर्षरत सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसर के इर्द-गिर्द घूमती है, जो एक छोटे से गांव से बड़े शहर में सुपरस्टार बनने का सपना लेकर आता है। पिता ने इंजीनियरिंग में करियर बनाने की उम्मीद में उसे बी.टेक करवाया था, मगर युवक सोशल मीडिया की दुनिया में नाम कमाने के सपने में खो चुका है।
शहर में वह अपने साथी—पास की सब्ज़ी मंडी में काम करने वाले एक सरदार युवक—के साथ वीडियो बनाता है, पर हर बार असफल होता है। इसी दौरान सरदार मित्र के दादा जी का निधन हो जाता है, और अंतिम संस्कार के लिए श्मशान घाट पहुंचने पर इन्फ्लूएंसर को अचानक हॉरर कंटेंट बनाने का आइडिया आता है। वीडियो शूट करते हुए उसका पांव एक जली चिता की राख पर पड़ जाता है और राख उसके जूते में फंस जाती है।यहीं से शुरू होता है कॉमेडी और हॉरर का ऐसा सिलसिला, जो धीरे-धीरे दोनों दोस्तों की जिंदगी को उलझा देता है। चिता की राख के साथ “आत्माराम” का पीछा करना उनकी रोज़मर्रा की जिंदगी को हिलाकर रख देता है। वहीं अपनी दादी की मृत्यु से दुखी युवती वैष्णवी भी इस अजीबोगरीब घटनाक्रम में उलझ जाती है।फिल्म सोशल मीडिया की व्यावहारिकता और युवाओं की हर वक्त ऑनलाइन रहने की मानसिकता पर एक सटीक व्यंग्य है। कई संवाद जहां दर्शकों को हंसाते हैं, वहीं कुछ संवाद सोचने पर मजबूर भी करते हैं।

निर्देशिका निहारिका साहनी ने सीमित संसाधनों और पूरी तरह नई स्टार कास्ट के साथ एक अलग तरह का कंटेंट पेश करने का जोखिम उठाया है, जो सराहनीय है। नई कास्ट के साथ फिल्म को कमर्शियल सफलता दिलाना आसान नहीं होता, लेकिन कलाकारों ने अपनी भूमिकाओं में अच्छा प्रदर्शन दिया है।रीति-रिवाजों और मान्यताओं से जुड़े हास्य तत्वों को हॉरर टोन के साथ ठीक ढंग से पेश किया गया है। कुछ दृश्य डराते हैं, तो कुछ अच्छी हंसी भी दिलाते हैं—ठीक वैसे ही जैसे स्त्री सीरीज ने दर्शकों को पसंद आई थी।फिल्म की शुरुआत थोड़ी धीमी है, मगर इंटरवल के बाद रफ्तार पकड़ती है और क्लाइमेक्स तक दर्शकों को जोड़े रखने में कामयाब रहती है।
• निर्देशन, लेखन व निर्माण: निहारिका साहनी
• म्यूजिक प्रोडक्शन: अंकित दीपक तिवारी
• मुख्य कलाकार: विट्ठल चड्ढा, आकाशदीप सिंह, अव्याना शर्मा

आत्माराम लाइव वह फिल्म है जो केवल मनोरंजन नहीं करती, बल्कि सोशल मीडिया की अंधी रेस, उसके प्रभाव और युवा पीढ़ी की मानसिकता पर एक गहरी टिप्पणी भी पेश करती है। नई टीम और सीमित बजट में बनाई गई यह फिल्म दर्शाती है कि कंटेंट दमदार हो तो बड़े नाम जरूरी नहीं।मेकर इसे भारत के साथ-साथ इंटरनेशनल रिलीज़ के लिए भी तैयार कर रहे हैं, जो इस अनोखे प्रयोग को और व्यापक दर्शक वर्ग तक पहुंचाएगा। यह फिल्म कॉमेडी, हॉरर और सोशल मीडिया सटायर का ताज़ा मिश्रण है, जिसे एक बार ज़रूर देखा जा सकता है।

केजरीवाल का अर्श से फर्श का सफर : प्रवीण शंकर कपूर

दिल्ली: स्थापना के मात्र 13 वर्ष में आम आदमी पार्टी ने अर्श से फर्श का सफर पूरा कर लिया है। भाजपा के  दिल्ली प्रदेश के  मीडिया प्रभारी प्रवीण शंकर कपूर ने निशाना साधते हुए कहा कि  आज अरविंद केजरीवाल की पार्टी के पास ना वॉलंटियर हैं ना जनता का विश्वास है। दिल्ली में केजरीवाल सहित पार्टी के अधिकांश प्रमुख नेताओं मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन, सौरभ भारद्वाज को चुनाव में करारी हार देकर दिल्ली वालों ने केजरीवाल पार्टी को नाकार दिया है और शीघ्र ही पंजाब भी इसी तरह नाकारेगा। 

गोवा एवं गुजरात में गत 10 साल से राजनीतिक भूमी बनाना चाह रहे केजरीवाल अगले विधानसभा चुनाव में भी निराश ही रहेंगे। उन्होंने कहा कि केजरीवाल ने महात्मा गांधी एवं अन्ना हजारे के नाम से राजनीति शुरू की पर कुछ ही वर्ष में शहीदे आजम भगत सिंह एवं बाबा साहेब अम्बेडकर के नाम की राजनीति शुरू कर दी पर 13 साल में उनके ईमानदारी के ढोल की पोल पूरी तरह खुल गई है।

 

पिछले चार साल के दौरान गुजरात में करीब 16,000 करोड़ कीमत की ड्रग्स पकड़ी गई: लालजी देसाई

गुजरात में पिछले चार साल के दौरान करीब 16,000 करोड़ कीमत की ड्रग्स पकड़ी गई, लेकिन इन मामलों में कोई भी दोषी नहीं पाया गया है । कांग्रेस सेवा दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष लाल जी देसाई ने किया खुलासा कहा कि गुजरात में ज्यादातर ड्रग्स अडानी के मुंद्रा पोर्ट से जब्त होती है, लेकिन ड्रग्स को भेजने वाले के बारे में कोई जानकारी सार्वजनिक नहीं होती और ना ही कोई कार्रवाई  होती है । उनका कहना है कि गुजरात के सरकारी आंकड़ों के अनुसार, करीब 17.35 लाख युवा नशे के चुंगल में फंसे हैं। स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के बगल में स्थित शराब और ड्रग्स के ये अवैध अड्डे चिंता का विषय हैं। वह इंदिरा भवन स्थित कांग्रेस  के राष्ट्रीय मुख्यालय में पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे ।

गुजरात में हर महीने 3500 करोड़ रुपये का अवैध धंधा चलता है। शराब तस्करी के लिए बड़ी गाड़ियों का लाखों का हफ्ता फिक्स है। जब गाड़ी का मालिक एक जगह पर रिश्वत देता है, तो उसे एक टोकन दिया जाता है, जिससे वह अपना वाहन बाकी जगहों पर भी बिना रोक-टोक ले जा पाता है। उन्होंने यह भी बताया कि पुलिस की सक्रियता दिखाने के लिए 100 ट्रकों में से पांच ट्रकों को पकड़वा दिया जाता है, जबकि 95 ट्रक धड़ल्ले से शराब लेकर घूमते हैं। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि केवल बनासकांठा जिले से पुलिस को 45 लाख रुपये की हफ्ता वसूली होती है।  

उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के उस बयान का हवाला दिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि राज्य में राजस्व के बाद दूसरा सबसे भ्रष्ट विभाग गृह मंत्रालय है।

पुरानी ज़माने की मोहब्बत हो या Gen-Z का डिजिटल प्यार

दिल्ली: मनीष मल्होत्रा के स्टेज5 प्रोडक्शन के बैनर तले बनी पहली फीचर फिल्म गुस्ताख़ इश्क़ – कुछ पहले जैसा का बहुप्रतीक्षित ट्रेलर दिल्ली में लॉन्च किया गया। इस अवसर पर फ़िल्म डिविज़न ऑडिटोरियम में एक विशेष प्रेस कॉन्फ्रेंस और ट्रेलर लॉन्च का आयोजन किया गया, जिसमें फिल्म की मुख्य कलाकार फ़ातिमा सना शेख़ और विजय वर्मा ने अपनी उपस्थिति से कार्यक्रम को और भी ख़ास बना दिया। मीडिया के साथ उनकी बातचीत ने फिल्म की रोमांटिक और काव्यात्मक दुनिया की एक भावनात्मक झलक प्रस्तुत की।
ट्रेलर के दौरान एक शायरी ने माहौल में जादू घोल दिया, और दर्शकों की प्रतिक्रिया एक ही थी — वाह-वाह!
“मेरा लहज़ा कैक्टस सा ख़ुरदुरा, तेरी बातें रातरानी की तरह… ग़म कोई देना है तो दे दे मुझे, दिल में रख लूंगा निशानी की तरह.”
विभु पुरी द्वारा निर्देशित यह फिल्म जैसे चलती-फिरती मोहब्बत की चिट्ठी है। शायरी, ठहराव, अदाएं और सूफ़ियाना एहसास से भरपूर यह कहानी दर्शकों को रुककर सुनने और महसूस करने का मौका देती है।
जब आज की ज्यादातर प्रेम कहानियाँ रील्स, डिजिटल स्लैंग और तेज़ कट्स में बंधी होती हैं, गुस्ताख़ इश्क़ एक अलग राह चुनती है — रोमांस को उसकी साहित्यिक और संवेदनशील जड़ों तक वापस ले जाती है। फिल्म यह खूबसूरती से कहती है कि “मोहब्बत आज भी वैसी ही गहरी है, बस अंदाज़ बदल गया है।”
फिल्म पुराने ज़माने की मोहब्बत और आज के डिजिटल प्यार — दोनों के बीच पुल बनाती है। विशाल भारद्वाज के मनमोहक संगीत और गुलज़ार साहब की गहन लेखनी फिल्म की रूह को और भी सजीव बनाते हैं।
मनीष मल्होत्रा के इस पहले फिल्मी प्रोडक्शन में नसीरुद्दीन शाह, विजय वर्मा, फ़ातिमा सना शेख़, और शरीब हाशमी जैसे दमदार कलाकार एक साथ नज़र आएंगे।
मनीष मल्होत्रा और दिनेश मल्होत्रा द्वारा स्टेज5 प्रोडक्शन के तहत निर्मित, तथा विभु पुरी द्वारा निर्देशित यह फिल्म पुरानी दिल्ली की गलियों और पंजाब की ढलती कोठियों की पृष्ठभूमि में बसी एक अनकही मोहब्बत और गहरी चाहत की कहानी है।
गुस्ताख़ इश्क़ – कुछ पहले जैसा 28 नवंबर को सिनेमाघरों में रिलीज़ होगी।

फिरकापरस्ती से देश को बचाने के लिए राहुल गांधी की आवाज को बुलंद करना होगा: देवेंद्र यादव

नई दिल्ली 22 नवंबर, 2025 - दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष  देवेन्द्र यादव ने कहा कि 30 नवम्बर को वोट की चोट मारकार चाँदनी महल के मतदाता मौकापरस्त और फिरकापरस्त ताकतो को सबक सिखाऐंगे और जनता के बंद पड़े विकास के दरवाजों को हमेशा के लिए खोलने का रास्ता बनाऐंगे। कांग्रेस कार्यकर्ता लगातार पूरे वार्ड के हर घर के दरवाजे पर पहुँचकर यहां की गंदगी, टूटी सड़कें, कूड़े के ढ़ेर सहित लोगों के बीच जाकर उनकी परेशानियों और समस्याओं की चर्चा करें कि पिछले 11-12 वर्षों से सरकारों ने पुरानी दिल्ली के लोगों से वोट जरुर लिया लेकिन कभी पलटकर नही देखा। प्रदेश अध्यक्ष आज चाँदनी महल में कार्यालय के उद्घाटन के बाद एक चुनावी सभा को संबोधित किया। जिसमें काजी निजामुद्दीन, पूर्व मंत्री हारुन यूसूफ, डा नरेन्द्र नाथ, डा योगानन्द शास्त्री, मीडिया और कम्युनिकेशन के चेयरमैन एवं पूर्व विधायक  अनिल भारद्वाज, पूर्व विधायक आसिफ मौहम्मद खान, जिला अध्यक्ष मौहम्मद उस्मान,  महमूद जिया, जगजीवन शर्मा,  निगम पार्षद मौहम्मद जरीफ, समीर मंसूरी और अरीबा खान, महिला अध्यक्ष पुष्पा सिंह, अब्दुल वाहिद कुरेशी, पूर्व जिला अध्यक्ष  जावेद मिर्जा, पूर्व पार्षद प्रेरणा सिंह, तरुण कुमार, अशोक जैन, योगेश जैन, मंजूर मलिक भी मौजूद थे ।

उन्होंने कहा कि वो चाँदनी महल में काम करने वाले सभी कांग्रेस कार्यकर्ताओं का धन्यवाद करता हॅू कि वो अपने मतभेद भुलाकर भाई शहजाद के चुनाव में अपनी ड्यूटी पूरी कर्तव्यनिष्ठा से निभा रहे है। आज देश में जो हालात है, उनमें फिरकापरस्त ताकतों के खिलाफ आवाज उठाने की जरूरत है। हमें देश को बचाने के लिए राहुल गांधी जी आवाज को बुलंद करना होगा और अगर यह आवाज देश की राजधानी दिल्ली के दिल पुरानी दिल्ली से बुलंद होगी तो मौकापरस्तों के खिलाफ आवाज अधिक मजबूत होगी।10-12 वर्षों से यहां आम आदमी पार्टी के विधायक है, जनता से वोट तो ले जाते है उसके बाद जनता के लिए उनके दरवाजे बंद हो जाते है। कांग्रेस की चांदनी महल से जीत के बाद हम उन दरवाजों को खुलवाऐंगे और जनता ने भाई शहजाद के चुनाव प्रचार कांग्रेस कार्यकर्ताओं के लिए यह दरवाजे खुलने लगे हैं। उन्होंने कहा कि निगम उपचुनाव में जीत कर  हम कोई सरकार नही बदल सकते लेकिन एक बदलाव जरुर लाऐंगे। लोगों की परेशानियों और क्षेत्र में सफाई व्यवस्था को दुरस्त करके, सड़कों के गड्डे और नालियों को दुरस्त करेंगे।

 दिल्ली के हालात इतने बदतर हो गए है कि पिछली सरकार और मौजूदा भाजपा सरकार ने प्रदूषण, यमुना सफाई, पीने के पानी, साफ सफाई, सड़कें बनाने और विकास करने के नाम पर जनता से वोट तो लिए लेकिन सत्ता में आने के बाद दोनो ने पलट कर भी नही देखा। उन्होंने चाँदनी महल की जनता से अपील करता हूँ कि पुरानी दिल्ली के हालात बदलने के लिए भाई शहजाद के पक्ष में कांग्रेस के चुनाव चिन्ह हाथ के निशान पर वोट करें।
काजी निजामुद्दीन ने कहा कि भाई शहजाद एक शिक्षित युवा चाँदनी महल वार्ड से कांग्रेस प्रत्याशी है, जो पिछले 20 वर्षों से लगातार कुछ न होते हुए भी यहां के लोगों की सेवा कर रहें। परेशान, पीड़ित और जरुरतमंद चाॅदनी महल के लोग अपनी समस्याओं के लिए किसी विधायक और पार्षद के पास न जाकर भाई शहजाद के पास आते है, जिनका हल हमारे शहजाद भाई करते है। कोविड के दौरान लोगों की जिंदगी बचाकर जो काम शहजाद भाई ने किया उसे चाॅदनी महल की जनता भुला नही सकती।

पुरानी दिल्ली के व्यपारिक संगठनों की उत्तरी दिल्ली पुलिस उपायुक्त के साथ समन्वय बैठक


दिल्ली : गत 10 नवम्बर को लाल किला के पास आतंकवादियों द्वारा किये गये विस्फोट के बाद आज चाँदनी चौक के सांसद  प्रवीन खंडेलवाल के साथ चाँदनी चौक, पुरानी दिल्ली के व्यापारियों का प्रतिनिधिमंडल उत्तरी दिल्ली पुलिस उपायुक्त श्री राजा बंठिया एवं अन्य क्षेत्रीय पुलिस अधिकारियों से मिला और समन्वय बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में चाँदनी चौक जिला भाजपा अध्यक्ष  अरविंद गर्ग, प्रदेश प्रवक्ता  प्रवीण शंकर कपूर के आलावा चाँदनी चौक एवं पुरानी दिल्ली के व्यपारी नेता  सुरेश बिंदल,  गोपाल गर्ग, सुभाष गोयल, आशीष ग्रोवर, श्रीभगवान बंसल,  प्रदीप मित्तल,  बलदेव गुप्ता, विजय गुप्ता,  अभिषेक गनेरीवाल,  गंगा बिशन गुप्ता,  अजय शर्मा,  राजीव बत्रा, मनीष वर्मा एवं  संजय नागपाल आदि सम्मलित हुए।
 
बैठक में व्यापारियों एवं अधिकारियों के बीच भीड़भाड़ भरी पुरानी दिल्ली में सुरक्षा का भाव बढ़ाने के लिए नये कदम उठाने, बढ़ते अतिक्रमण एवं रिकशाओं की समस्या और ट्रैफिक जाम जैसी समस्याओं पर चर्चा हुई। बैठक में उपस्थित पुलिस उपायुक्त श्री राजा बंठिया एवं लोकनिर्माण विभाग के अधिकारियों ने व्यापारियों द्वारा रखी समस्याओं के समयबद्ध समाधान का आश्वासन दिया। सांसद  प्रवीन खंडेलवाल ने व्यापारियों की ओर से पुलिस उपायुक्त को आश्वस्त किया की व्यपारी खुद अपनी दुकानों के आसपास से अतिक्रमण हटाने एवं बाजारों में सुरक्षा गार्डस रखने का काम करेंगे। उन्होने पुलिस उपायुक्त से निवेदन किया की वह यह सुनिश्चित करायें की व्यपारीयों के द्वारा सुरक्षा गार्डस रखें उनकी पुलिस वेरिफिकेशन, ट्रेनिंग और उनको प्रशासनिक सहयोग सुनिश्चित करें।

उद्योग जगत की रचनात्मक ऊर्जा एक ही मंच पर दमक उठी

 
दिल्ली: राजधानी ने एक ऐसी गौरवपूर्ण शाम का साक्षी बना, जहां डिज़ाइन उत्कृष्टता और उद्योग जगत की रचनात्मक ऊर्जा एक ही मंच पर दमक उठी। सोसाइटी इंटीरियर्स एंड डिज़ाइन ऑनर्स दिल्ली 2025, जिसमें अलुकोबॉन्ड एंड कॉम्प्रेस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड शामिल है।  लिमिटेड ने पावर, का आयोजन होटल ले मेरिडियन, कनॉट प्लेस में ग्रैंड ग्रैंड ड्यूक में आयोजित किया।
कार्यक्रम की मेज़बानी Magnate Publishing Pvt. Ltd. के फ़ाउंडर अशोक धामणकर, कंसल्टिंग एडिटर स्वाति बालगी और टीम मैग्नेट के सदस्यों — सुनील खवनेकर, शिवेन्द्र परिहार, एंड्रिया कोस्टाबिर और जायश्री धामणकर — ने की।
शाम की शोभा बढ़ाने पहुंचे मुख्य अतिथि लोकसभा सांसद माननीय श्री अनुराग ठाकुर, जिनकी उपस्थिति ने इस आयोजन को विशेष गरिमा प्रदान की।
कार्यक्रम में भारतीय डिज़ाइन जगत का प्रतिनिधित्व करने वाली कई प्रतिष्ठित हस्तियों को सम्मानित किया गया। प्रमुख सम्मानितों में जियान माथुर, संजय सिंह, सौरब दलाल एवं सोनाली भगवती, अनिल बंसल, विवेक गुप्ता, इरा आहूजा, पुनीत सेठी और राखी पोद्दार शामिल रहे। इन सभी नामों ने अपने नवाचार, सौंदर्यबोध और उत्कृष्ट कार्यों से देश के डिज़ाइन परिदृश्य को नई दिशा दी है।
शाम को विशेष प्रतिष्ठा दिलाई मंच पर उपस्थित विशिष्ट प्रस्तुतकर्ताओं ने—विशेष अतिथि लोकसभा सांसद एवं पूर्व क्रिकेटर किर्ती आज़ाद, Trevoc Group के जसपाल सिंह चावला और गुरपाल सिंह चावला, Signature Global के अमित काइकर, Ametek Buildtech के दीपक अरोड़ा, Alucobond लीडरशिप टीम के सोनिया मोखदाद, रंजीत शर्मा और अमर किराले, Kompress के राजेश गांधी, किंजल गांधी एवं शेखर अग्रवाल, Pearl Academy की भाग्यश्री शर्मा, Haance by Harrison की ओर से तन्नु मोंगा और रघु रतन, तथा अन्य प्रतिष्ठित हस्तियाँ—असमा गुलज़ार, शिबानी कश्यप, रोसी आह्लूवालिया, सुनील टंडन, शाहज़िया इल्मी, अरफा खानम शेरवानी, संजना जॉन और राहुल मित्रा।
कार्यक्रम ने न केवल डिज़ाइन उद्योग में नए मानक स्थापित किए, बल्कि इस क्षेत्र की उभरती प्रतिभाओं और स्थापित विशेषज्ञों, दोनों के लिए एक प्रेरणादायक मंच भी प्रस्तुत किया। यह रात भारतीय डिज़ाइन परिदृश्य के इतिहास में एक यादगार अध्याय बनकर दर्ज हो गई।

दिल्ली के प्रदूषण को बढ़ाने में पंजाब में पराली जलने का योगदान ना होने सम्बंधी ब्यान विवादास्पद

 

दिल्ली: पंजाब के मुख्य मंत्री सरदार भगवंत मान द्वारा आज दिल्ली के प्रदूषण को बढ़ाने में पंजाब में पराली जलने का योगदान ना होने सम्बंधी ब्यान को हास्यास्पद एवं विरोधाभासी बताते हुए भाजपा के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा कि  सरदार भगवंत मान अभी कुछ ही वर्षों से राजनीति में हैं अतः अपनी ही पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल तक को झूठा ठहरा रहे हैं। 

प्रदेश अध्यक्ष  ने जानकारी दी कि पराली प्रदूषण नियंत्रण के लिए केन्द्र सरकार ने पंजाब सरकार को अनेक संसाधन दिए हैं पर उनको किसानों तक पहुंचा कर पराली जलने से रोकने की जगह पंजाब के मुख्य मंत्री का विरोधाभासी ब्यान निंदनीय है। सवाल यह नही की दिल्ली में प्रदूषण का बड़ा कारण क्या है पर यह निश्चित है की पराली भी एक बड़ा कारण है और उसी लिए दिल्ली के तत्कालीन मुख्य मंत्री अरविंद केजरीवाल ने 2015 से 2021 के बीच तत्कालीन पंजाब सरकार एवं केन्द्र सरकार को भी पत्र लिख कर पंजाब में पराली जलने पर रोक लगाने की मांग की थी।
 
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के  अनुसार काश इतना गैर जिम्मेदार ब्यान देने से पहले पंजाब के मुख्य मंत्री अपनी ही पार्टी के दिल्ली के पूर्व पर्यावरण मंत्री गोपाल राय के 2022 से 2024 के ब्यान देख लेते जिनमे वह हर साल स्वीकारते थे पंजाब में "आप" सरकार आने के बाद 25 से 30 प्रतिशत पराली जलनी कम हुई है।

नारायणा वार्ड से कांग्रेस प्रत्याशी के चुनावी कार्यालय की परमिशन रद्द करना राजनीति से प्रेरित

 दिल्ली: डिस्ट्रिक्ट इलेक्शन ऑफिसर एमसीडी उपचुनाव द्वारा नारायणा वार्ड से कांग्रेस प्रत्याशी मनोज कुमार तंवर की चुनावी कार्यालय की परमिशन रिजेक्ट करने पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष देवेन्द्र  यादव ने व्यक्त की तीखी प्रतिक्रिया कहा कि  निगम  के उप चुनाव में भाजपा को हार का डर सताने लगा है । कांग्रेस प्रत्याशियों के खिलाफ चुनाव आयोग और पुलिस का नाजायज और गैर कानूनी तरीके से इस्तेमाल हो रहा है। 10 नवम्बर, 2025 को नारायणा वार्ड से कांग्रेस प्रत्याशी श्री मनोज कुमार तंवर ने चुनाव कार्यालय खोलने के लिए 300 स्क्वायर फिट का डब्ल्यूजैड-572एच, ग्राउंड फ्लोर, क्लब रोड़, नारायणा गांव, नई दिल्ली का 10-30 नवम्बर तक किराए पर लेने हेतू रेंट एग्रीमेंट कराकर 5,000/-रुपये एडवांस भी दिए थे और 16 नवम्बर को चुनाव कार्यालय खोलने के लिए परमिशन का आवेदन दिया था, जिसे भाजपा सरकार की सरपरस्ती में चुनाव आयोग ने प्रमोद तंवर के चुनाव कार्यालय खोलने की परमिशन को रिजेक्ट कर दिया। 

यह चिंताजनक है कि जिस स्थान पर कांग्रेस प्रत्याशी चुनाव कार्यालय खोलने के लिए परमिशन अप्लाई करते हैं, उसी जगह पर भाजपा के निगम उपचनुव में खड़े प्रत्याशी को चुनाव खोलने की परमिशन दे दी जाती है, जबकि भाजपा ने चुनाव कार्यालय के लिए 11 नवम्बर 2025 को परमिशन के लिए अप्लाई किया था। क्या भाजपा के नेता इतना गिर चुके है कि वो विपक्षी पार्टियों के चुनाव कार्यालय खोलने वाली जगहों पर भी जबरन शासन के डंडे के जोर पर अपनी मनमानी करेगी।

कांग्रेस प्रत्याशी मनोज कुमार तंवर द्वारा 10 नवम्बर को ही उक्त प्रापर्टी पर चुनाव कार्यालय खोलने के लिए रेंट एग्रीमेंट के लिए अग्रिम अदायगी दे दी थी, तब कैसे भाजपा का निगम प्रत्याशी वहां अपना चुनाव कार्यालय खोल सकता है। उन्होंने कहा कि भाजपा निगम उपचुनाव में भी दल बल का इस्तेमाल कर रही है और प्रापर्टी मालिक को धमकी देकर डब्ल्यूजैड-572एच, क्लब रोड़, नारायणा गांव पर अपना चुनाव कार्यालय खोला। भाजपा हार के डर से दिल्ली में प्रशासन तंत्र का दुरुपयोग करके दहशत फैलाना चाहती है।

प्रदेश अध्यक्ष का  कहना है कि पिछले 9 महीनों में भाजपा द्वारा सिर्फ घोषणाएं करने और झूठे वादों के अलावा कुछ नही किया गया, जिसे भाजपा नेता खुद भी जानते है। निगम चुनाव में हार का डर भी सता रहा है, जिसकी वजह से भाजपा चुनाव आयोग के उपर दवाब बनाकर उपचुनाव का परिणाम अपने पक्ष में करने की रणनीति भी कर रही है।

बाढ़ राहत का 1600 करोड़ रुपया केंद्र से बकाया: भगवंत मान

दिल्ली: हाल ही में हुई केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह कि अध्यक्षता में हुई उत्तरी क्षेत्रिय परिषद की 32 वीं बैठक का हवाला देते हुए पंजाब के मुख्य मंत्री भगवंत मान ने साधा निशाना कहा कि  केंद्र कहती है पंजाब यूनिवर्सिटी हमें दे दो । कोई राज्य कहता है कि हेडवर्क्स दे दो तो कोई कहता है चंडीगढ़ हमें दे दो । जब मामला पंजाब का आता है तो उसकी मांगों को नजरअंदाज कर दिया जाता है । आज तक केंद्र सरकार से बढ़ आपदा राहत का  1600 करोड़ रुपया  बकाया है । बैठक में 28 मुद्दों में से 11 मुद्दे पानी से संबंधित थे । 

उनका कहना है कि उन्होंने बैठक में पंजाब की तरफ से अपना पक्ष रख दिया । वह पंजाब भवन में मीडिया के सामने अपना पक्ष रख रहे थे ।  मोटे तौर पर उन्होंने परिषद की बैठक में स्पष्ट कर दिया कि चंडीगढ़, पंजाब यूनिवर्सिटी, और पंजाब की नदियों पर पंजाब का पूरा हक है । उन्होंने कहा कि देश में असली संघीय ढांचा होना चाहिए , जिसमे  राज्यों की  बातें  भी  बराबर सुनी  जानी चाहिए। बॉर्डर आउट पोस्ट की सुरक्षा के लिए केंद्र सरकार तत्काल फण्ड जारी करे ।

पंजाब का पक्ष जानने के बाद पानी से संबंधित ये 11 के 11 मुद्दे  गृह मंत्रालय ने स्थगित कर दिए हैं ।

धर्मरक्षक यात्रा गुरुद्वारा रकाबगंज से गुरुद्वारा बाबा ज़ोरावर सिंह बाबा फतेह सिंह जी पहुँची


दिल्ली: गुरु तेग बहादुर साहिब जी के 350वें शहीदी दिवस को समर्पित, श्री आनंदपुर साहिब की पावन धरा से आरंभ हुई धर्म रक्षक यात्रा आज अपने अगले पड़ाव के तहत गुरुद्वारा रकाबगंज साहिब से गुरुद्वारा बाबा ज़ोरावर सिंह, बाबा फतेह सिंह जी, फतेह नगर पहुँची। 
यात्रा की अगुवाई पाँच प्यारे कर रहे थे और सुन्दर पालकी में श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी का स्वरूप सुशोभित था।

यात्रा तालकटोरा रोड, शंकर रोड, राजेन्द्र नगर, पटेल नगर, शादिपुर, मोती नगर, कीर्ति नगर, रमेश नगर, राजा गार्डन, राजौरी गार्डन, टैगोर गार्डन, सुभाष नगर, अमित नर्सिंग होम, बेरीवाला बाग गोल चक्कर, हरी नगर घंटा घर, प्रताप नगर, हरी नगर डिपो से होती हुई गुरुद्वारा बाबा ज़ोरावर सिंह, बाबा फतेह सिंह जी पहुँची, जहाँ इसका रात्रि विश्राम होगा।
दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान सरदार हरमीत सिंह कालका और महासचिव सरदार जगदीप सिंह काहलों ने बताया कि यात्रा को लेकर दिल्ली की संगतों में बहुत उत्साह है और लोग बड़ी संख्या में रास्ते में यात्रा के दर्शन कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि नगर कीर्तन रूपी इस यात्रा में शामिल संगत के लिए दिल्ली की संगतों ने चाय–पकौड़े और जलेबियों सहित विभिन्न प्रकार के लंगर भी लगाए हैं।

 

24 घंटे डिजिटल अरेस्ट कर 49 लाख ठगे

दिल्ली: क्राइम ब्रांच द्वारा गठित टीम ने तकनीकी ट्रेसिंग के आधार पर लखनऊ के विभिन्न इलाकों में दबिश कर 6 अभियुक्तों को गिरफ्तार कर हाल ही में दिल्ली में हुई एक 71 साल की महिला को मानसिक दबाव बनाकर 24 घंटे डिजिटल अरेस्ट कर 49 लाख की ठगी की गुत्थी सुलझाई । सभी अभियुक्त लखनऊ के रहने वाले हैं और उनके नाम हैं मोहम्मद ओवैस (अमीनाबाद), विशाल तिवारी (हसनगंज), शकील अहमद (मदे गंज), मोहम्मद अहाद (मदे गंज), मोहम्मद आरिफ (सदर कैंट) एवं मोहम्मद उजेब (सदर कैंट) ।

आरंभिक जाँच से पता चला है कि इन लोगों ने सरकारी अफ़सर बनकर पीड़ित बुजुर्ग महिला को वीडियो कॉल के ज़रिए मानसिक दबाव बनाकर  डिजिटल अरेस्ट का झाँसा देकर 24 घंटे तक उसके घर में बंधक बनाकर रखा  एवं  छोड़ने के एवज में 49 लाख रुपये ठगे । ये लोग ठगी के लिए विभिन्न बैंको में खाता रखते हैं एवं पैसा ट्रांसफर होते ही एटीएम से नकदी निकाल लेते थे  और उसके बाद चंपत हो जाते थे । पुलिस उपयुक्त क्राइम आदित्य गौतम द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग  पोर्टल में इनके खिलाफ इस तरह की धोखाधड़ी के कई मामले दर्ज हैं । 

अभियुक्त फिलहाल हिरासत में हैं एवं मामले पर तहक़ीक़ात जारी है । इनके अन्य साथियों की तलाश में दबिश जारी है । सेकेंडरी सोर्सेज में उपरोक्त चित्र में झाँसे से बचने के उपाय दिए गए हैं । इनका अनुपालन कर झाँसे और ठगी से बचा जा सकता है ।

संपादक

डा. अशोक बड़थ्वाल

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20 - 24 घंटे डिजिटल अरेस्ट कर 49 लाख ठगे

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