
दिल्ली: बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन के बाद हिंदू समाज पर जिहादी हिंसा का सिलसिला लगातार बढ़ रहा है। मंदिरों, व्यवसायिक प्रतिष्ठानों, महिलाओं और पत्रकारों को निशाना बनाया जा रहा है। लगभग हर सप्ताह वीभत्स घटनाएँ सामने आ रही हैं, जो मानवता को झकझोर देने वाली हैं। हाल ही में मेमनसिंह जिले के भालुका क्षेत्र में हिंदू श्रमिक दीपू दास की नृशंस हत्या ने सभ्य समाज को शर्मसार कर दिया। ईशनिंदा का झूठा आरोप लगाकर जिहादी भीड़ ने उन्हें पीट-पीटकर मार डाला, मृत देह को पेड़ से लटका कर जलाया और वीडियो सोशल मीडिया पर प्रसारित किए। यह सब पुलिस-प्रशासन की आँखों के सामने हुआ, परंतु रोकने का कोई प्रयास नहीं किया गया।
इस कुकृत्य एवम जिहादी हिंसा के विरोध में कल याने कि 23 दिसंबर को इंद्रप्रस्थ(दिल्ली) में बांग्लादेश दूतावास के नजदीक विहिप और बजरंगदल के साथ साथ दिल्ली के अनेक हिंदूवादी संगठन ने अपना विरोध व रोष प्रकट किया! इस विरोध प्रदर्शन में महन्त नवल किशोर जी महाराज, पूजनीय कंचन गिरी जी, पूजनीय देवेंद्र जी,राहुल भंते जी, सतीश दास जी, सूरज गिरी जी ,सुरेश श्रवण जी एवम अन्य सन्तों का सहयोग प्राप्त हुआ! इस अवसर पर हिन्दू युवा वाहिनी के राष्ट्रीय अध्यक्ष विक्रम राठौड़ भी उपस्थित रहे!मौके पर विहिप क्षेत्रीय संगठन मंत्री नीरज दनौरिया,इंद्रप्रस्थ प्रान्त संगठन मंत्री सुबोध चंद , प्रान्त अध्यक्ष कपिल खन्ना , प्रान्त मंत्री सुरेंद्र गुप्ता , प्रान्त सह मंत्री अशोक गुप्ता, सह मंत्री सुनील सूरी , बजरंगदल प्रान्त संयोजक जगजीत गोल्डी,सह संयोजक कुलदीप चौहान, प्रचार प्रसार प्रमुख प्रणव गोस्वामी, प्रचार प्रसार सह प्रमुख संजीव समेत समस्त प्रान्त कार्यकारिणी उपस्थित रही! इस मौके पर हजारों की संख्या में कार्यकर्ताओं ने अपना विरोध प्रदर्शन किया! प्रांत अध्यक्ष कपिल खन्ना के अनुसार विश्व हिंदू परिषद बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों की कठोर निंदा करता है। यह केवल बांग्लादेश का आंतरिक मामला नहीं, बल्कि मानवता के विरुद्ध गंभीर अपराध है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय और मानवाधिकार संगठनों को अब मौन तोड़ना होगा। हम भारत सरकार से भी आग्रह करते हैं कि कूटनीतिक स्तर पर बांग्लादेश सरकार पर दबाव बनाए ताकि अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। मानवाधिकार सार्वभौमिक हैं—वे धर्म और राष्ट्र की सीमाओं से परे हैं। यह समय है कि पूरी दुनिया इस जिहादी हिंसा के खिलाफ एकजुट होकर आवाज उठाए।