
दिल्ली: मंगलवार को हुई स्थायी समिति की बैठक में यह मुद्दा उठाते हुए पार्षद प्रवीन राजपूत ने कहा कि फायर एनओसी एक बहुत गंभीर मुद्दा हैं। सत्ता पक्ष यह भूल जाता है कि निगम में पिछले 15 साल से भाजपा की ही सरकार है। भाजपा आज जो चिंताएं जता रही हैं, वही समस्याएं पहले भी थीं, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने कहा कि अवैध गतिविधियों की निगरानी में भारी कमी आई है। दिल्ली में कई गैरकानूनी गतिविधियाँ चल रही हैं। विशेषकर रेस्टोरेंट, हॉस्पिटल और मॉल्स के बेसमेंट में चल रहे हैं। जबकि बेसमेंट में लैब, शोरूम, दुकान नहीं चल सकती है। सिर्फ गोदाम की अनुमति है। लेकिन हकीकत यह है कि दिल्ली के कई अस्पतालों और मॉल्स के बेसमेंट पूरी तरह से शोरूम, लैब और मार्केट की तरह चल रहे हैं। अगर वहां कोई दुर्घटना हो जाए, तो बाहर निकलना असंभव है।
उन्होंने मांग की कि फायर एनओसी की जांच के लिए एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया जाए। इसमें स्टैंडिंग कमेटी के सदस्य, विभागीय अधिकारी, और स्वयं समिति की चेयरमैन भी शामिल हों। वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा नियमित औचक निरीक्षण अनिवार्य होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि दिल्ली के लगभग 70-80 फीसद रेस्टोरेंट 90 मीटर के नियम से बचने के लिए 89.5 मीटर दिखाते हैं ताकि फायर एनओसी न लेनी पड़े। ये जनता की जान से सीधा खिलवाड़ है। इसके अलावा, कई रेस्टोरेंट टेरिस पर अवैध स्ट्रक्चर बनाकर चला रहे हैं। गोवा की दुर्घटना भी ऐसे ही अवैध लकड़ी के स्ट्रक्चर के कारण हुई। सीटिंग कैपेसिटी से ज्यादा सीटें लगाकर लाइसेंस का दुरुपयोग किया जा रहा है। लाइसेंस एक्सपायर होने के बाद भी विभाग की मिलीभगत से रेस्टोरेंट चलते रहते हैं।
बिना एनओसी से चल रहे होटल, क्लब, रेस्तरां को लेकर मंगलवार को मेयर राजा इकबाल सिंह और निगमायुक्त अश्विनी कुमार को पत्र लिखा है। इस पत्र के जरिए उन्होंने मांग की है कि दिल्ली भर में फायर एनओसी का तत्काल ऑडिट किया जाए, बिना एनओसी के चल रहे प्रतिष्ठानों पर तुरंत कार्रवाई की जाए, 15 दिन में सेफ्टी-कंप्लायंस रिपोर्ट सार्वजनिक की जाए, अवैध प्रतिष्ठानों पर सीलिंग या जुर्माने की कार्रवाई हो और एमसीडी और डीएफएस लाइसेंसिंग की संयुक्त टास्क फोर्स बनाएं।
एमसीडी में आम आदमी पार्टी के नेता प्रतिपक्ष अंकुश नारंग ने मंगलवार को मेयर राजा इकबाल सिंह और निगमायुक्त अश्विनी कुमार पत्र लिखकर गोवा के एक नाइट क्लब में हुए भीषण अग्निकांड से सबक लेने की नसीहत दी है। उन्होंने एमसीडी से मांग की है कि फायर एनओसी की ऑडिट कराई जाए और बिना एनओसी के चल रहे प्रतिष्ठानों पर सीलिंग या जुर्माने की कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि गोवा नाइट क्लब अग्निकांड निगम के लिए एक चेतावनी है। अगर कड़े कदम नहीं उठाए गए तो दिल्ली में भी गोवा जैसी घटना हो सकती है।
एमसीडी के नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि गोवा नाइट क्लब अग्निकांड निगम के लिए गंभीर चेतावनी है। दिल्ली में फायर एनओसी की स्थिति भयावह है। 1000 से ज्यादा होटल, क्लब, बार में से सिर्फ 90 के पास ही वैध एनओसी है। 132 बैंकेट हॉल बिना एनओसी के चल रहे हैं, जिस कारण दिल्ली की 2 करोड़ आबादी खतरे में है। अगर समय रहते कड़े कदम नहीं उठाए गए तो गोवा जैसी त्रासदी दिल्ली में किसी भी दिन दोहराई जा सकती है।