हर बार की तरह इस बार भी गणपति आया और फिर वापिस लौट गया अगले साल फिर से आने का वादा करके । यह बात और है कि कोरोना वायरस के संक्रमण के दिशानिर्देशों के अंतगर्त इस बार के गणपति छोटे एवं पंडाल का आकार सीमित था ।
मायानगरी मुंबई में इस बार गणपति शांतिपूर्ण विदा हुए । ज्यादातर पंडालों में ही विसर्जन की व्यवस्था थी । कुछ एक ने गणपति को बीएमसी की गाड़ी में विदा किया और बीएमसी ने पूर्व निर्धारित स्थानों पर विलय किया ।
इस बार व्यापक स्तर पर गणपति पूजा का आयोजन एवं समुद्र तट पर विसर्जन वर्जित था । आयोजकों के अनुसार इस बार लाल बाग के राजा की भव्य प्रतिमा की जगह 11 दिन तक प्लाजमा एवं रक्त दान शिविर का आयोजन किया गया ।
आयोजन सीमित स्तर पर ही सही श्रद्धालुओं के मन में बस एक ही आस गणपति बप्पा मोरया पुढ़ल बरस तू लोकर आ.......