अगर किसी पर जीएसटी सबसे ज्यादा गाज गिरी है तो वह हैं देश के किसान जो डीजल का भाव 2014 में 40.12 रूपये प्रति लीटर था आज वह बढ़कर 89.60 रूपये प्रति लीटर हो गया है । उसी प्रकार कच्चे तेल की कीमत में 23 फीसदी, फर्टिलाइजर 195 फीसदी एवं पोटेश की कीमतों में 60 फीसदी बढ़त हुई है । हरियाणा के भूतपूर्व मुख्य मंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा के अनुसार देनदारियों के नीचे दबकर ओसत किसान की ध्याड़ी घटकर 27 रूपये रह गई है ।
एमएसपी का वायदा आज कागजों में उलझकर रह गया है । उधारण के लिऐ यदि बात सरसों की की जाये तो इसकी एमएसपी 5440 तय है लेकिन किसान का माल 4000 से 4500 में बिक रहा है । और यदि बात इस बार के बजट की की जाये तो किसान बीमा को घटाकर 15500 करोड़ से घटाकर 13625 करोड़ किसान सम्मान 68000 करोड़ से घटाकर 60000 करोड़ एवं मनरेका को 73000 करोड़ से घटाकर 60000 करोड़ कर दिया गया है । फूड सब्सिडी को भी घटाकर 2.87 लाख करोड़ से 1.79 लाख करोड़ कर दिया गया है। बढ़ती हुई देनदारियां आज किसान के लिऐ जीवन मरण का प्रश्न है जो कि कहीं ना कहीं सरकार के लिऐ भी विचारणीय है ।