समर एक्शन प्लान की घोषणा करते हुऐ दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने किया दावा 2016 से 2022-23 तक दिल्ली के प्रदूषण में 30 फीसदी कमी आई है । आर्थिक सर्वेक्षण 2022-23 का हवाला देते हुये उन्होने बताया कि 2016 में 365 दिनों में सीवियर कटेगरी के 26 दिन होते थे। इस दौरान बहुत ज्यादा प्रदूषण होता था और एयर क्वालिटी इंडेक्स 400 से अधिक होता था। यह 2022-23 में घट कर मात्र 6 दिन रह गया है। 2016 में वेरी पुअर और सीवियर के 124 दिन होते थे, जो 2022 में घट कर 72 दिन रहे गए हैं। 2016 में सैटिफैक्टरी, गुड और मॉडरेट के 109 दिन होते थे, जो 2022 में 163 दिन हो गए हैं। दिल्ली में अब अच्छे दिनों की संख्या बढ़ गई है ।
30 सरकारी विभाग जिनमें पर्यावरण, डीपीसीसी, विकास विभाग, कंटोनमेंट बोर्ड, सीपीडब्ल्यूडी, डीडीए, दिल्ली पुलिस, राजस्व, डीएसआईडी, शिक्षा, डीएमआरसी, पीडब्ल्यूडी, ट्रांसपोर्ट, एनएचएआई, दिल्ली जल बोर्ड, एमसीडी और एनडीएमसी समेत अन्य विभाग शामिल हैं, के साथ बैठक कर बनाये गये इस समर एक्शन प्लान के 14 केंद्र बिन्दु है । 1-डस्ट प्रदूषण, 2-ओपन बर्निंग, 3- औद्योगिक प्रदूषण, 4- सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट, 5- रियल टाइम अपोर्शनमेंट स्टडी, 6- वृक्षारोपण, 7-ट्री ट्रांसप्लांटेशन पॉलिसी, 8-सिटी फॉरेस्ट का विकास, 9- अर्बन फार्मिंग, 10 दिल्ली के झीलों का विकास, 11- पार्क का विकास (हरित पार्क), 12-ई-वेस्ट इको पार्क, 13- इको क्लब एक्टिविटी एवं 14-पड़ोसी राज्यों से संवाद I
धूल प्रदूषण को रोकने के लिए 84 मैकेनिकल रोड स्वीपिंग मशीनें लगाई जा रही हैं, ताकि मशीनों से सड़कों की सफाई कराई जा सके। इसके अलावा, 609 स्प्रिंकलर और स्प्रिंकलर और 185 मोबाइल एंटी-स्मॉग गन लगाई जा रही हैं। ये मशीनें दिल्ली सरकार के पास उपलब्ध हैं। इसके अलावा, 70 इंटीग्रेटेड मैकेनिकल रोड स्वीपिंग मशीनें और 250 इंटीग्रेटेड वाटर स्प्रिंकलर मशीनें खरीद रहे हैं। इससे दिल्ली में खासकर पीडब्ल्यूडी की सभी सड़कों की मैकेनिकल स्वीपिंग चालू हो जाएगी। एमसीडी की छोटी सड़कों पर पानी के छिड़काव किया जाएगा। हफ्ते में एक-दो दिन पानी का छिड़काव होगा। इससे सड़कों से मिट्टी उड़नी बंद हो जाएगी। इसके अलावा, दिल्ली में दोपहर के समय में 225 और रात के समय में 159 पेट्रोलिंग टीमें लगाई जा रही हैं, जो मिट्टी उड़ने के स्रोतों पर नजर रखेंगी और उनको रोकने के लिए कदम उठाएंगी। सभी 13 हॉटस्पॉट में वायु प्रदूषण के स्रोतों का रियल टाइम अपोर्शनमेंट स्टडी के आधार पर पता लगाया जाएगा और उसी के अनुसार कार्रवाई की जाएगी। एक नया नियम बनाया है। जिसमें 500 वर्ग मीटर से अधिक वाले निर्माण साइट्स को सीएंडडी के वेब पोर्टल पर जाकर पंजीकरण करना होगा, जिसकी लगातार निगरानी की जाएगी। वर्तमान में 750 साइट्स ने पंजीकरण कराया है।
प्रदूषण का वास्तविक लोकेशन पता करने की कोशिश कर रहे हैं। सभी 13 हॉटस्पॉट में एक सप्ताह के लिए मोबाइल एयर लैब की तैनाती की जाएगी, ताकि वहां प्रदूषण के वास्तविक कारकों का पता चल सके और उसी के आधार पर कार्रवाही की जाएगी। इस साल ग्रीन कवर बढ़ाने के लिए 52 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य रखा है। इसमें से समर एक्शन प्लान के तहत 42 लाख पौधे लगाए जाएंगे। साथ ही 4 लाख पौधों को फ्री में वितरित किया जाएगा। अर्बन फार्मिंग के लिए 400 कार्यशाला आयोजित की जाएंगी। इसमें लोगो को फ्री प्रशिक्षण किट प्रदान की जाएगी। दिल्ली की 700 झीलों की उपस्थिति की रियल्टी चेक की जाएगी। अभी प्लान में भूमि स्वामित्व एजेंसियों द्वारा लगभग 100 जल निकाय की बहाली और पुनरुद्धार का कार्य किया जाएगा। दिल्ली के 2 हजार स्कूलों व कॉलेजों में ईको क्लब चल रहे हैं। इको क्लबों में जागरूकता अभियान चलाने का लक्ष्य रखा गया है। सक्रिय इको-क्लब स्कूल/कॉलेज से 10-20 इको-क्लब शिक्षकों की एक कोर टीम भी गठित की जा रही है।