सरकारी संस्थानों में नौकरी के नाम पर फर्जीवाड़ा
दिल्ली पुलिस सेंट्रल रेंज क्राइम ब्रांच द्वारा गठित एक टीम ने राजपीपला जिला नर्मदा गुजरात निवासी खत्री इकबाल एवं हिमांशु पांडे निवासी खुशी नगर उत्तर प्रदेश को गिरफ्तार कर नेशनल मेडिकल कमीशन बोर्ड में उच्च पद पर नियुक्ति के नाम पर फर्जीवाड़े का किया पर्दाफाश ।
इन्हें स्वास्थ्य एवं परिवार मंत्रालय द्वारा दर्ज शिकायत के आधार पर गिरफ्तार किया गया । चंदन कुमार, अवर सचिव, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, निर्माण भवन, भारत सरकार, द्वारा आवश्यक कार्यवाही हेतु शिकायत की गयी थी | शिकायतकर्ता ने स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी आदेश की एक प्रति संलग्न की, जिसमें यह कहा गया है कि श्री सुरेश चंद्र शर्मा, नेशनल मडिकल कमीशन अध्यक्ष का कार्यकाल जनवरी के महीने में समाप्त हो गया है और डॉ. सुरेश के. पटेल (गुजरात मेडिकल काउंसिल के सदस्य) को नेशनल मेडिकल कमीशन के नए अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया है और वे 03.04.2023 से 10.04.2023 तक अपना कार्यभार संभालेगें |
शिकायतकर्ता ने बताया कि मंत्रालय से जारी किए गए उपरोक्त पत्र पर उल्लेखित फाइल संख्या कार्यालय के रिकॉर्ड में मौजूद नहीं है और ऐसा कोई आदेश स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी नहीं किया गया है। कथित तौर पर इस मंत्रालय के नाम से जारी किया गया यह पत्र फर्जी है।
आरंभिक जांच से पता चला है कि खत्री इकबाल अहमद हिमांशु पांडे के लिए काम करता था। हिमांशु पांडे के कई मोबाइल नंबर किसी अन्य व्यक्ति की आईडी पर जारी हैं और वह इन नंबरों का इस्तेमाल फर्जीवाड़े को अंजाम देने के लिऐ करता था | 2021 में इन्हे अपराध शाखा, राजकोट पुलिस, गुजरात द्वारा फर्जी नियुक्ति पत्र के संबंध में धोखाधड़ी और जालसाजी के मामले में गिरफ्तार किया गया था। वर्ष 2022 के अंत में उसे इस केस में जमानत मिल गई थी। वह बड़ी रकम ठगना चाहता था इसलिए उसने अपने साथियों के साथ हाई प्रोफाइल व्यक्तियों को उच्च पद और आयोगों के सदस्य के पद में नियुक्त करने के बहाने ठगी करने की योजना बनाई।
खत्री इकबाल अहमद, उम्र 50 वर्ष, निवासी ग्राम वनकरवर्ड, राजपीपला, जिला नर्मदा, गुजरात का रहने वाला है व 9वीं कक्षा तक ही पढ़ा है | उसने वड़ोदरा, गुजरात में कपड़े बेचना शुरू किया। इस दौरान वह करोल बाग, दिल्ली गया और हिमांशु पांडे से कनॉट प्लेस, दिल्ली में मिला। हिमांशु पांडे ने कहा कि वह एक फर्जी सरकारी नौकरी देने का गिरोह चलाता है और अगर वह उसके साथ काम करने को तैयार हो जाए तो वे बहुत पैसा कमा सकते हैं। आरोपी ने हिमांशु के साथ काम करना शुरू किया और कुछ समय बाद उसे अपराध शाखा, राजकोट शहर, गुजरात द्वारा धोखाधड़ी के मामले में गिरफ्तार किया गया था । इनके पास से 4 मोबाइल फोन बरामद हुऐ ।
फिलहाल दोनो ही अभियुक्त हिरासत में हैं एवं मामले पर तहकीकात जारी है ।
01:37 pm 20/05/2023